RE: Kamukta Story बदला
वीरेन ने अपने बॅग से कुच्छ रंग निकाले & 1 पॅलेट नाइफ.अपने पॅलेट मे रंग
डाल वो रंग उसी नाइफ से मिलने लगा.ये च्छुरी आम रसोई मे इस्तेमाल होने
वाली च्छुरी जैसे ही थी बस इसकी धार उतनी तेज़ नही थी बल्कि धार थी ही
नही.रंग मिलाते हुए वीरेन ने कामिनी को देखा तो पाया की उसका बाया हाथ
उसकी कमर से उतर उसकी चूत पे आ गया है & वीरेन को देखते हुए कामिनी अपने
दाने पे गोल-2 उंगली चला रही है.कामिनी के चेहरे पे मस्ती च्छाई हुई थी.
रंग मिलाते हुए वीरेन पॅलेट नाइफ ले उसके करीब आया & उसकी कमर के नीचे
जहा से बाई जाँघ शुरू होती है उसपे नाइफ से रंग लगाया,"क्या कर रहे
हो?",कामिनी की खनकती आवाज़ ने सन्नाटे को तोड़ा.
"तुम्हारे जिस्म के रंग सा रंग नही मिलता वही ढूंड रहा हू.",नाइफ जाँघ पे
थोड़ा और नीचे आई.कामिनी अभी भी अपने दाने को सहला रही थी.
"कोई पहली बार मेरी तस्वीर बना रहे हो क्या?"
"नही.पर हर तस्वीर मे ना तुम्हारा हुस्न बिल्कुल सच्ची तरह से उतरा है ना
ही तुम्हारा रंग.",नाइफ घुटनो तक आ जाँघ के अंदर की ओर घूम गयी.रंग की
लकीर जैसे-2 कामिनी की चूत की ओर बढ़ रही थी कामिनी की चूत की कसक वैसे-2
बढ़ती जा रही थी.नाइफ चूत के पास पहुँची तो वीरेन ने कामिनी की आँखो मे
झाँका-वाहा बस खुमार ही खुमार था.उसने नाइफ को चूत के अंदर धकेला.
"उम्म्म..",कामिनी दाने को रगड़ते हुए कराही.नाइफ अंदर घुसने लगी & थोड़ी
ही देर मे वो उसकी चूत मार रही थी.पेड़ का तना काफ़ी मोटा था & नाइफ की
हरकत से बेचैन कामिनी ने करवट बदली & अब सीधा लेट गयी.उसकी दाई टांग पेड़
से नीचे लटक गयी & बाई को मोड़ उसने अपना बाया पाँव पेड़ पे जमा अपनी चूत
अपने महबूब के लिए खोल दी.वीरेन उसकी चूत मारे जा रहा था.
"कामिनी,ऐसा लगता है की दुनिया शुरू हुई है & बस हम दोनो ही हैं यहा इस
जहाँ मे & कोई भी नही.",वीरेन की नाइफ अब उसकी चूत मे थोड़ा तेज़ हो गयी
थी.वीरेन ने माहौल की गर्मी से मदहोश हो ये बात कही थी & उसे पता नही था
की वो कितना ग़लत था.इंदर ने जब देखा की दोनो जीप मे कही निकले हैं तो वो
भी उनके पीछे लग गया था & इस वक़्त पेड़ो के झुर्मुट मे च्छूपा उनका
मस्ताना खेल देख रहा था.
"ओह्ह..वीरेन..",कामिनी का बदन मचल रहा था & वो अपनी कमर उचका रही
थी,"..ऊव्व...आअनह..ुआर
तेज़..हा...ऐसे..ही...आँह..हन...हाआअन्न....हाआआआआअंन्न..!",कमर उचकती
कामिनी झाड़ गयी.उसके झाड़ते ही वीरेन ने नाइफ को छ्चोड़ा & उसकी फैली
टाँगो को हवा मे उठा उनके बीच रस बहाती चूत मे अपना लंड घुसा दिया.वीरेन
ने दोनो टाँगे पेड़ के तने के दोनो ओर ज़मीन पे जमा दी थी & हल्के-2
धक्के लगा रहा था.कामिनी ने सहारे के लिए हाथ अपने सर के उपर ले जा तने
को थामा हुआ था.इस तरह से चोदने मे नयापन तो था मगर दोनो प्रेमियो को
आराम नही महसूस हो रहा था.वीरेन चोद्ते हुए झुका तो कामिनी उस से लिपट
गयी.वीरेन ने भी हाथ उसकी गंद के नीचे जमा उसे गोद मे उठाया फिर दाई टांग
को उठा तने के उपर से दूसरी तरफ लाया & अपनी माशुक़ा की चूत मे लंड धंसाए
उसे गोद मे उठाए जीप की पिच्छली सीट पे ले आया.
कामिनी को सीट पे लिटा वीरेन गहरे धक्को के साथ उसकी चुदाई मे जुट
गया.कामिनी उसकी पीठ खरोंछती आहे भर रही थी.वीरेन उसकी चूचियो को कभी
चूमता तो कभी चूस्ता उसके हाथ अभी भी कामिनी की गंद के नीचे दबे उसकी
फांको को मसल रहे थे.उनकी चुदाई से जीप बुरी तरह हिल रही थी.थोड़ी देर तक
इंदर उस हिलती जीप को देखता रहा & फिर वाहा से जाने को मूड गया.कोई 5
मिनिट बाद उसे 1 चीख सुनाई दी.ये कामिनी की आह थी जो उसने तीसरी बार
झड़ने पे ली थी.इंदर मुस्कुराया & अपने रास्ते पे आगे बढ़ गया.
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"ह्म्म..",मोहसिन जमाल के हाथो मे शिवा की फोटो & डीटेल्स थे जो कामिनी
अपने साथ सहाय एस्टेट से लेके आई थी,"..आदमी फ़ौजी था & इस हाल की तस्वीर
से चुस्त-दुरुस्त भी लगता है.उपर से साहब मुजरिमाना तबीयत के मालिक
हैं!",उसने तस्वीर & काग़ज़ 1 पॅकेट मे डाले & अपने पास रख लिए.
"काम थोड़ा मुश्किल होगा,कामिनी जी."
"पता है,मोहसिन.तभी तो तुम्हे याद किया है.वैसे शुरुआत कहा से करोगे?"
"इसके बड़े भाई से.",मोहसिन उठ खड़ा हुआ,"अच्छा,कामिनी जी चलता हू.सारी
रिपोर्ट आपको वक़्त-2 पे मिलती रहेगी."
"1 मिनिट,मोहसिन.",कामिनी ने उसे बैठने का इशारा किया.कामिनी को समझ नही
आ रहा था की उसे ये बात बताए या नही,"देखो.."
"क्या बात है,कामिनी जी?आप बेझिझक कहिए.आप जानती हैं की आपके & मेरे बीच
हुई कोई भी बात इस कमरे के बाहर तो जाने से रही.",मोहसिन ने उसे भरोसा
दिलाया.
"मोहसिन,मुझे शक़ है की इस शिवा का चक्कर सहाय एस्टेट की मालकिन देविका
सहाय से था & अगर इसे ज़रा भी भनक लगी की कोई उसके पीछे है या फिर उसे
क़ानून के हवाले करना चाहता है तो वो देविका के खिलाफ कुच्छ भी कह सकता
है जिस से की उसकी इज़्ज़त पे आँच आए."
"ह्म्म..",मोहसिन ने अपनी ठुड्डी खुज़ाई,"..ठीक है,मैं इस बात का ख़याल
रखूँगा & जैसे ही इसके बारे मे पता चलता है आपको इत्तिला करूँगा."
"थॅंक्स,मोहसिन."
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क्रमशः............
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