RE: kamukta kahani शादी सुहागरात और हनीमून
शादी सुहागरात और हनीमून--8
गतान्क से आगे…………………………………..
वहाँ मेकप, पार्टी मेकप, पोस्चर और ढेर सारी बाते. एक्सर्साइज़ और थोड़ा बहोत योगा और मेडिटेशन तो मे घर पर ही करती थी पर भाभी ने जिस जिम मे वे जाती थी वहाँ ले जाके अपने ट्रेनर से इंट्रोड्यूस करवा दिया, फिर हफ्ते मे तीन दिन वहाँ भी. भाभी ने उसे पता नही क्या समझाया था बहोत ही सख़्त रेजीम उसने मेरे लिए बनाया, स्ट्रेच, बेंड, एरोबिक और फिर वेट ट्रैनिंग ट्रेड मिल और शेप के लिए..जब मेने एक दिन कंप्लेन किया कि ये जाइमेस्ट सी एक्सर्साइज़स क्यों तो वो ठीक भाभी के अंदाज़ मे बोली, अर्रे बन्नो, रात भर टांगे उठना पड़ेगा, चौड़ी करके रखना पड़ेगा तो थी पता चलेगा कि इसका फ़ायदा. चलो 10 बार और करो. और उधर उसके उल्टा घर पर मम्मी को लग रहा था मे दुबली हू और "वैवाहिक जीवन का भार"कैसे उठा पाउन्गि तो वो मुझे फोर्स करके खजूर, दूध और ना जाने क्या क्या खिलाती थी.
इसका नतीजा तब सामने आया जब हम दिल्ली गये बाकी शॉपिंग और कपड़े की फिटिंग के लिए. जिम और मम्मी के प्रयासों का नतीजा ये निकला कि कमर तो मेरी और पतली हो गयी पर जो भी वजन बढ़ा वो मेरे उभारों पर, सीने और हिप्स दोनो जगह. इस लिए जो ड्रेसस फिट थी अब टाइट फिट हो गयी. चोली की फिटिंग करते समय ड्रेसर ने मुझे कॉंप्लिमेंट किया तो मेने पूछा क्या थोड़ी ढीली करेंगी तो पास मे खड़ी भाभी की सहेली डिज़ाइनर बोली नही और टाइट, और वास्तव मे ड्रेसर ने और टाइट कर दिया. शीशे मे मुझे दिखाती बोली, देख कितना पर्फेक्ट क्लीवेज नज़र आ रहा है. सच मे मेरे दोनो उभार खूब उभर के सामने आ रहे थे. उन्होने मम्मी को एक कुंदन के काम का बस्टियर, कॉरसेट दिखाया. बहोत प्यारा था और मेरे उपर कुंदन खिलता भी बहोत था.
मम्मी ने कहा एकदम. पर मुझे लगा मे घुस नही पाउन्गि इसमे. नीचे से एकदम पतला. ड्रेसर्ज़ ने कहा ये मेरा काम है, आप चिंता मत करो. और उन्होने ब्रा तक उतरवा दी, फिर मुझे खूब गहरी साँस लेने को कहा, उसके बाद भी वो बंद नही हो पा रहा था. लेकिन एक एक कर के उसने सारे बंद बंद कर दिए. मुझे लगा कि मे अगर साँस लूँगी तो ये बर्स्ट हो जाएगा. मे बोली, मुझे नही लग रहा था कि ये अंदर घुस पाएगा. भाभी की सहेली बोली, अर्रे ऐसे ही होता है. लगता है ज़रा भी नही घुस पायेगा, पर देखते देखते पूरा घुस जाता है. मम्मी सहित सब लोग समझ के कस के मुस्कराने लगे. लेकिन जब मेने नीचे देखा तो मेरी कमर तो इतनी पतली लग रही थी जैसे मुट्ठी मे आ जाएगी पर मेरे उभार, एकदम छलक के बाहर आ रहे थे. मेने मना किया पर मम्मी तो उन्होने उसके साथ का मॅचिंग लहँगे का भी ऑर्डर दे दिया. भाभी की सहेली ने साथ मे मॅचिंग स्टॉकिंग्स और पैंटी भी गिफ्ट कर दी. उसके बाद दहेज का बाकी समान मेरे और भाभी के लिए पठानी सारी, जरदोज़ी. ब्रोकेड और लरी और लोगों के लिए.
उसके बाद मम्मी की एक सहेली थी अर्बॅल कॉसमेटिक का उन्होने बिज़्नेस शुरू किया था. आज कल काफ़ी मशहूर थी. हम लोग उनके यहाँ गये. पहले तो दोनो सहेलियों के बीच शिकवा शिकायत और फिर जब मम्मी ने मेरी शादी के बारे मे बताया तो उन्होने मेरी बालाएँ ली और कहा मेकप और बॉडी ट्रीटमेंट का जिम्मा हमारे उपर छोड़ दो. मम्मी को और कयि काम थे इसलिए उन्होने मुझे और भाभी को उनके पास छोड़ दिया. उन्होने पूछा कि शादी मे कितना टाइम है तो भाभी बोली, डेढ़ महीना. वो खुश होके बोली, चलो तुम लोग सही टाइम पर आई. फुल ब्राइडल कोर्स मे एक महीना टाइम लग जाता है, एक अरमॅटिक थेरपी है, चार हफ्ते की, कल से शुरू कर देंगे और मेरी एक ब्रांच आपके शहेर मे भी खुल गयी है. अगली तीन सिट्टिंग वहाँ अरेंज कर देंगे. उसके बाद उन्होने अपने असिस्टेंट्स को बुला के समझाया. उसके बाद तो दो तीन लड़कियाँ चालू हो गयी. जैसे कोई हॉस्पिटल हो, स्किन का स्क्रेप, टेस्ट, दाँत की जाँच, उंगलिओं के बीच, बाल को चेक किया और उसके बाद वो चालू हो गयी.
पूरा बॉडी ट्रीटमेंट, मूड पॅक, शॅमपू, बॉडी मसाज, फेशियल, पेडिक्टीयर, मॅनिक्यूवर सब कुछ. भाभी ने भी साथ साथ फेशियल, मसाज और पेडिक्टीयर, मॅनिक्यूवर करवाया. तय ये हुआ कि अगले दिन मे अकेले उनके यहाँ आ जाउन्गि और भाभी और मम्मी शॉपिंग के बाद वहाँ से मुझे पिक अप कर लेंगे.
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