Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
08-23-2018, 11:40 AM,
#10
RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
रचना बाथरूम में चली गई।
30 मिनट बाद दोनों तैयार होकर कार में घर की तरफ़ चल पड़े।
घर पहुँच कर रचना ने अमर को आवाज़ लगाई, वो जल्दी से नीचे आया और दोनों को देख कर खुश हो गया।
अमर- वेलकम शरद.. अब बताओ कैसा रहा आज का दिन और मेरी प्यारी बहन हो गई क्या सेलेक्ट.. डायरेक्टर साहब ने क्या कहा?
शरद- अरे यार… इतने सवाल एक साथ पूछ लिए। ये सब तुमको रचना बता देगी। मुझे बहुत जरूरी काम है, अभी जाना होगा तुम आओ मेरे साथ !
अमर ने रचना को बोला- बैठो, मैं शरद को बाहर तक छोड़ कर आता हूँ।
बाहर जाकर अमर बहुत उत्तेजित था कि क्या हुआ।
शरद- देख यार, रचना बहुत चालाक और समझदार है, इसे झूठ बोलकर फंसाना आसान नहीं है, इसलिए मैंने रियल में डायरेक्टर से मिलवा दिया है। कल इसका स्क्रीन टेस्ट होगा। आज तो बस नॉर्मली बात हुई है, अब मेरा प्लान सुन.. तू अभी कुछ मत कर, कल टेस्ट हो जाने दे.. इसको सेलेक्ट करवा कर बाद में ऐसी तरकीब बताऊँगा कि यह खुद नंगी होकर तेरे पास आएगी।
अमर- ओह वाउ… यार टेन्शन मत लो, मैं कोई जल्दबाज़ी नहीं करूँगा और सच में अगर उसको हीरोइन बना सको तो, बना दो यार बहुत क्रेजी है वो हीरोइन बनने के लिए।
शरद- ओके यार.. मैंने कब मना किया ! उसको मिलवाया भी असली आदमी से है। अब तुम कहते हो तो बनवा दूँगा। अब मैं जाता हूँ… ओके रात को कॉल करके बताता हूँ कि कल कब जाना है।
अमर- अच्छा यार तू जा..!
शरद- यार आज ये नहीं जाती, तो कुछ बात बन जाती, पर पता नहीं किससे मिलने की जल्दी थी इसको.. यार हो ना हो… इसका कोई बॉय-फ्रेंड तो है.. तू पता कर, पर ऐसे कि उसको शक न हो.. समझ गया न..!
अमर- यार लगता तो नहीं, पर तुम कहते हो तो ट्राई करता हूँ पता करने की.. ओके अब तुम जाओ बाय..!
शरद वहाँ से सीधा धरम अन्ना के पास गया।
धरम अन्ना- अरे तुम क्यों आना जी.. क्या बात है हम को फ़ोन करना था जी..!
शरद- धरम अन्ना, आज तो मैंने जैसे कहा तुमने किया, पर कल क्या करना है मैं बताता हूँ। उसको शक मत होने देना कि तुम कौन हो और मेरे कहने पर ये सब कर रहे हो।
धरम अन्ना- तुम टेन्शन मत लो जी, धरम अन्ना जुबान का पक्का जी.. मुंडी कटवा लेगा.. पर ज़बान नहीं जाने देगा। एक बात मेरे को बोलना जी..!
शरद- हाँ कहो, क्या है..!
धरम अन्ना- लड़की बहुत सेक्सी होना, उसको देखकर धरम अन्ना को कुछ-कुछ होना जी.. हमको भी थोड़ा टेस्ट करना जी… प्लीज़..!
शरद- अरे धरम अन्ना… मिलेगी, लेकिन सब्र करो पहले जो काम करना है, वो करो नहीं तो सारा खेल बिगड़ जाएगा..!
धरम अन्ना- ओके जी.. तुम बोलो कल क्या करना जी..!
शरद उसको समझा देता है कि कल क्या करना है और वहाँ से चला जाता है।
घर आकर शरद अपने रूम में जाता है और अलमारी से एक फोटो निकालता है और उसे देख कर उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं.. वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगता है।
शरद- सिमी आई लव यू.. देख तेरा शरद क्या से क्या हो गया है। आज मैंने पहला कदम बढ़ा दिया है। अब तू देख मैं कैसे एक-एक करके सबको सबक़ सिखाता हूँ। उस साली रचना का तो वो हाल करूँगा कि उसकी रूह कांप जाएगी और बाकी की दोनों को भी मैं जल्दी ढूंढ लूँगा और उन कुत्तों को तो ऐसी मौत दूँगा कि मौत भी डर जाएगी। बस मुझे पता लग जाए उनके बारे में.. सिमी आ जाओ प्लीज़ मैं अधूरा हूँ.. तुम्हारे बिना.. आ जाओ ..!
शरद काफ़ी देर तक वहीं बैठा रहा और रोता रहा।
उधर अमर वापस अन्दर गया तो रचना सोफे पर लेटी हुई थी।
अमर- हाय स्वीट सिस.. अब बताओ क्या-क्या हुआ आज?
रचना ने उसे वो सब बताया जो शरद ने समझाया था.. एकदम नॉर्मल सी बातें..
अमर- तुम कौन सी फ्रेंड से मिलने गई थी, जो फ़ोन भी ऑफ कर रखा था?
रचना- भाई है एक मेरा न्यू-फ्रेंड… आप नहीं जानते..!
अमर- ओह.. कोई लड़का है… मैं समझा लड़की होगी।
रचना- लड़का है तो कोई प्राब्लम है क्या भाई?
अमर- नहीं नहीं.. ऐसी कोई बात नहीं है.. लेकिन फ़ोन तो ऑन रखना था न..! शरद जी परेशान हो रहे थे।
रचना- भाई मैं बहुत थक गई हूँ… थोड़ा रेस्ट कर लूँ.. रात को डिनर पर मिलते हैं और ललिता कहाँ है?
अमर- अरे मैं बताना ही भूल गया, वो अपनी सहेली के यहाँ है, कल पिकनिक का प्रोग्राम है, तो उनको सुबह जल्दी जाना है, इसलिए आज वहीं रुक गई है, आ जाएगी कल शाम तक… तुम आराम करो.. मैं भी थोड़ा बाहर हो आता हूँ !
अमर बाहर आकर शरद को फ़ोन करता है और उसको बताता है कि उसका शक सही था, वो किसी लड़के से मिलने गई थी, पर मैंने ज़्यादा पूछा नहीं, वो अभी रेस्ट कर रही है उस डायरेक्टर से बात हुई क्या… कल कब आना है.?
शरद- मैं कल ही समझ गया था, अभी कुछ मत कहो, कल सुबह मैं आ रहा हूँ 8 बजे क्योंकि कल वो शूटिंग में बिज़ी रहेगा, तो जल्दी बुलाया है। वैसे मैं उसको कॉल कर लूँगा, पर तुम भी बता देना।
अमर- ओके ओके.. भाई, टेन्शन मत लो, कल तो मैं उसके साथ आ सकता हूँ न..!
शरद- नहीं यार सारा खेल बिगड़ जाएगा, मैं वादा करता हूँ बहुत जल्द वो तुम्हारी बाँहों में होगी।
अमर ख़ुशी से झूम उठा और फ़ोन बंद करके अपने दोस्तों के पास चला गया।
रचना चुदाई से थक गई थी, अपने कमरे में जाकर सो गई।
अमर करीब रात को 9 बजे घर आया, तब भी रचना सो रही थी।
अमर- रचना… उठो बहना, टाइम देखो कितना हो गया है, खाना नहीं खाना क्या..!
रचना- उऊः क्या है भाई.. कितना अच्छा सपना आ रहा था.. आपने जगा दिया।
अमर- अच्छा क्या था बताओ तो.. अब उठो कुछ खा लो… शरद का फ़ोन आया था..कल 8 बजे जाना है। उसने तुमको भी किया क्या..!
रचना- पता नहीं मैं तो सो रही थी, फ़ोन साइलेंट था आ उउउ..!
रचना अपना मोबाईल चैक करती है।
रचना- ओ माई गॉड… 5 मिस कॉल हो गए… शरद जी कहीं नाराज़ ना हो जाएं.. अभी कॉल करती हूँ।
अमर- पहले फ्रेश हो जाओ.. बाद में कर लेना।
रचना- नहीं भाई अभी कर लेती हूँ… पता नहीं वो क्या सोच रहे होंगे..!
रचना ने फ़ोन लगाया, शरद ने साधारण बात की और सुबह के लिए उसको तैयार रहने को बोला।
रचना ख़ुशी-ख़ुशी बाथरूम में फ्रेश होने चली गई, 20 मिनट बाद दोनों भाई-बहन खाना खाने लगे।
अमर- रचना, अब तो तुम खुश हो ना?
रचना- हाँ भाई.. मैं बहुत खुश हूँ।
अमर- तो अपने भाई को भी खुश कर दो.. मेरा मतलब है जल्दी से हीरोइन बन जाओ, मुझे तब ख़ुशी होगी..!
रचना- भाई बस कल की बात है, अगर कल सब ठीक रहा न.. तो मैं आपको वो दूँगी कि आप सोच भी नहीं सकते..!
अमर- ओह वाउ.. मुझे कल का इंतजार रहेगा, माई स्वीट सिस.. अब मेरा तो हो गया.. मैं तो टीवी देखूँगा.. तुम भी आ जाओ न..!
रचना- नहीं भाई.. आप देखो… मुझे कल के लिए थोड़ी तैयार हो जाने दो.. ओके..!
अमर उसको ‘बाय’ बोलकर चला गया और रचना अपने कमरे में जाकर पूरी नंगी हो गई और वो क्रीम चूत पर लगा कर सो गई।
वो बस आने वाले कल के बारे में सोच रही थी और पता नहीं कब उसको नींद ने अपने आगोश में ले लिया।
अमर- ओह रचना, तुम्हारे मम्मे क्या मस्त हैं… आ मज़ा आ रहा है आ..हह..आ अफ…. रचना आहह एयेए मेरा लंड चूसो.. उफ आ मज़ा आ गया आ..हह.. चूसो अपने भाई का लौड़ा आ..हह.. ज़ोर से आ अएयेए मेरा पानी निकलने वाला है आ आ..हह…!
अमर के लंड से पिचकारी निकलने लगती है और उसकी आँख खुल गई।
अमर को जब यह अहसास हुआ कि ये सपना था, तो वो मुस्कुराने लगा और अपने आप से ही बोलने लगा- सुबह का सपना है, जरूर सच होगा और रचना तुमको ऐसे ही मेरा लौड़ा चूसना होगा, लेकिन पानी तो मैं तेरी चूत में ही निकालूँगा..!
अमर ने घड़ी की तरफ देखा, सुबह 7 बज रहे थे, वो जल्दी से बाथरूम गया और शॉवर ऑन करके खड़ा हो गया।
15 मिनट में फ्रेश होकर, वो तौलिया बाँध कर रचना के कमरे के पास आया, वो बन्द था, तो अमर ने रचना को आवाज़ लगाई, तब उसकी आँख खुली।
अमर- रचना, जल्दी उठो 7.30 बज गए हैं शरद ने कहा था, ठीक 8 बजे आएगा… लेट मत करो।
रचना हड़बड़ा कर उठी।
रचना- ओह माई गॉड.. उठ गई भाई.. बस अभी आई रेडी होकर, आज तो लेट हो गई बाबा..!
अमर अपने कमरे में तैयार होने गया और रचना भी जल्दी से बाथरूम में घुस गई।
ठीक 8 बजे शरद ने हॉर्न मारा तो अमर बाहर आया।
अमर- हाय ब्रो… गुड मॉर्निंग कैसे हो?
शरद- मैं तो अच्छा हूँ.. रचना कहाँ है, उसको जल्दी बुलाओ यार, लेट हो जाएँगे..!
अमर- कूल.. यार आ जाएगी और सुनाओ आज का क्या प्रोग्राम है.. मैं अकेला बोर हो जाऊँगा यार.. साथ ले चल न.. मैं दूर रहूँगा..!
शरद- यार आज की बात है.. अब इतना तो सब्र कर ले न..!
वो दोनों बातों में मस्त हो गए, 8.20 पर रचना भागती हुई बाहर आई।
उसने पीला टॉप और गुलाबी स्कर्ट पहनी थी, वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी।
रचना- हाय शरद जी.. सॉरी मैं लेट हो गई।
शरद- अब ये सब गाड़ी में बोल देना… पहले ही लेट हो गए हैं हम.. ओके..!
अमर- बाय.. मैं फ़ोन करता हूँ तुमको..!
“प्लीज़ तुम मत करना वहाँ.. क्या पता हम बिज़ी हों और बीच में तुम्हारा फ़ोन आ जाए..!”
अमर- ओके बाबा नहीं करूँगा.. अब जाओ भी तुम लोग और लेट हो जाओगे..!
शरद ने गाड़ी स्टार्ट की, रचना भी बैठ गई और दोनों वहाँ से निकल गए।
शरद- जान… मैंने कहा था 8 बजे रेडी रहना, फिर भी देर कर दी..!
रचना- सॉरी शरद जी.. कल तो जोश-जोश में आपसे 3 बार प्यार कर लिया और रात को पूरा बदन अकड़ रहा था, थकान की वजह से ऐसी नींद आई कि सुबह आँख ही नहीं खुली, अमर ने आवाज़ दी तब जाकर उठी..!
शरद- अच्छा 3 बार प्यार किया… हाँ ऐसा कहो 3 बार चुदाई की हा हा हा हा हा..!
रचना- आप भी ना बड़े बेशर्म हो..!
शरद- वो तो मैं हूँ.. आज तो स्कर्ट पहन कर आई हो जाँघें भी चमक रही हैं.. क्या बात है जान.. क्या इरादा है तुम्हारा..!
रचना- इसी लिए तो लेट हो गई मैं हाथ पाँव और सब जगह के बाल साफ किए हैं मैंने.. हीरोइन भी ऐसे ही रहती हैं न… एकदम चिकनी..!
शरद- जान कल तो मैंने चूत को देखा है, वो तो चिकनी ही थी आज दोबारा क्यों..!
रचना- ओह वो तो थी.. पर पैरों पर लगाई तो सोचा उस पर भी लगा लूँ.. दोबारा चमका लूँ बस और कुछ नहीं..!
शरद- वाउ… आज तो धरम अन्ना गया काम से.. तुम तो पूरी तैयारी के साथ आई हो.. आज क्या धरम अन्ना के सामने नंगी होने का इरादा है?
रचना- प्लीज़ शरद जी.. मैं वैसे ही परेशान हूँ.. आप भी.. कुछ भी बोल रहे हो.. मैंने ये सब आपके लिए किया है !
शरद- ओके जान सॉरी.. अब मजाक नहीं करूँगा, पर वहाँ जरा ख्याल करना.. आज धरम अन्ना से पक्का हाँ करवानी है.. ओके..!
रचना- आप बस मेरे साथ रहना, कोई गलती हो तो इशारा कर देना बस..!
वो दोनों बातें करते रहे और गाड़ी सड़क पर दौड़ती रही। करीब 9 बजे वो एक फार्म हाउस पर पहुँचे, जहाँ किसी फिल्म की शूटिंग चल रही थी।
वहाँ नामचीन स्तर तो कोई नहीं था, पर जूनियर आर्टिस्ट थे, धरम अन्ना डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठा था, कोई रोमाँटिक सीन चल रहा था। एक लड़की और लड़का भीगे हुए एक-दूसरे से चिपके हुए थे।
धरम अन्ना की नज़र शरद पर गई और वो उनको देखते ही गुस्से में बोलता है- कट कट कट… अईयो… ये क्या तमाशा लगा के रखा जी.. एक डायलोग भी ठीक से नहीं बोल सकते हो और ऐसा दूर-दूर से क्या बोलती तुम.. रोमान्टिक सीन जी.. थोड़ा चिपको.. बाद में बोलो..!
लड़की- सॉरी सर मैं फिर से करती हूँ.. वो मुझे सबके सामने थोड़ी शर्म आ रही है..!
धरम अन्ना- तुम ऐसा शर्म करेगा तो बन गई फिल्म.. मेरा कितना खर्चा हो गया अईयो.. कौन लाया जी ऐसा लड़की को.. मेरा पूरा भेजा घूम गया ‘पैक-अप’ जी आज शूटिंग नहीं होगा जाओ सबके सब..!
शरद और रचना धरम अन्ना के पास जाकर ‘हैलो’ बोले।
धरम अन्ना- तुम दोनों अन्दर बैठो जी.. मैं आता थोड़ी देर में..!
दोनों अन्दर चले गए, धरम अन्ना अभी भी गुस्सा कर रहा था।
रचना- बाप रे शरद जी.. धरम अन्ना सर तो बहुत गुस्सा हैं आज.. पता नहीं मेरा क्या होगा..!
शरद- हाँ जान.. वो उस लड़की से खफा हैं, अब तुम ध्यान रखना.. कोई ऐसी बात मत बोल देना कि बना बनाया काम बिगड़ जाए।
रचना कुछ बोलती इसके पहले ही धरम अन्ना अन्दर आया, उसको देख कर दोनों खड़े हो गए।
धरम अन्ना- तुम बैठो जी, और सुनाओ क्या लोगे ठंडा या गर्म..!
शरद- नहीं नहीं.. कुछ नहीं आप कुछ ठंडा लो आपको गुस्सा आ रहा है न.. तो दिमाग़ ठंडा हो जाएगा..!
धरम अन्ना- नहीं रे.. हम को गुस्सा क्यों धरम अन्ना.. मालूम वो छोकरी को हम चाँस दिया, नया फिल्म का हीरोइन बनाया लेकिन उसको कुछ नहीं जी.. हम 2 दिन से परेशान.. ये फिल्म बहुत बड़ी हिट होने वाली जी.. ऐसा स्टोरी बहुत कम मिलना जी..लेकिन उसको कुछ समझ नहीं आना जी..!
शरद- ओह तो उसको प्राब्लम क्या है..!
धरम अन्ना- कुछ नहीं जी.. एक्टिंग तो ठीक करती पर थोड़ा सेक्सी पोज़ देने के टाइम नाटक करती कि हमको शर्म आती.. आज हम गुस्सा हो गया.. उसको निकाल दिया जी फिल्म से.. अब कोई नया छोकरी लेगा, जो सब अच्छे से कर सके..जी..!
शरद- धरम अन्ना बुरा ना मानो तो रचना को ले लो ये फिल्म में।
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