RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
अजय:-क्या हुआ ..चिल्लाई क्यूँ?कभी देखा नहीं क्या..
सपना:-इतना बड़ा भी होता है क्या किसी का..
अजय मुस्कुराते हुए"हां और आज इसी से तुम्हारी खोल खोल कर मारूँगा मेरी जान देखना बोहोत मज़े लोगि और चिल्लाओगी कि और पेलो और पेलो.."
सपना लंड को देख कर घबरा गई थी..आख़िर लंड को जी भर कर देखना कुँवारियों के बस की बात नहीं होती...
अजय उसकी प्रतिक्रिया को देखकेर उसे अपनी गोद में उठाकर बेड पर सीधा लेटा देता है...
और उसकी जांघों के समीप आकर बैठ जाता है...दो उंगलियो से चूत को फैलाता है..गुलाबी गुलाबी आंतरिक चूत दिखाई देने लगती है...फूली हुई चूत के अंदर सबसे उपेर छोटा सा दाना जिसे क्लिटॉरिस कहते हैं और उसने नीचे मूत्र द्वार और उसके नीचे स्वर्ग दार जहाँ हर मर्द अपने लंड को पेल पेल कर संतुष्टि प्राप्त करता है....और जहाँ से संसार की सृष्टि मे जीव जगत का निर्माण हुआ था यही थी वह गुहा...
सपना का छेद बोहोत छोटा था...9"लंड अंदर जाना आसान काम नहीं था..अजय से रहा नहीं गया और उसने अपने होठों पर जीभ फिराकर उसे गीला केरके होठों को चूत दाने पर रख दिया और उसे चाटने लगा ...सपना की आँखे बंद थी...पूरा शरीर कपकपा रहा था...और अजय उस छोटे से दाने को धीरे धीरे चूसने लगता हैं..कभी अपनी जीभ को उसकी क्लिटॉरिस पर फिरा रहा था तो कभी जीभसे ही चूत चोद रहा था...सपना चरम सुख पर आकर फिर अकड़ गई और अपनी चूचियों को मसल्ते मसल्ते ढीली पड़ गई....
अजय के लंड का बुरा हाल हो रहा था ...वो स्वयं ही लंड के सूपदे को अपने हाथों से मरोड़ रहा था..आख़िर बेचारा 1 घंटे से बर्दाश्त कर रहा था..अचानक सपना ने अजय के हाथों को हटाया और लंड अपने हाथों में ले लिया
अजय:क्यूँ तुम्हे तो..ह डर लग रहा था ना //?
सपना ने बिना कुछ कहे अजय को बिस्तर पर धक्का देके लिटा दिया और लंड को भूखी शेरनी की तरह देखने लगी...
सबसे पहले लंड की जड़ से सूपदे तक अपनी उंगलियों से निहारती रही..और फिर अपने मूह का 'ओ' शेप बनाकर उसे मूह में लेने का प्रयास करने लगी...अजय को उसके मूह की गर्मी मिलने और लंड का गीला हो जाने से स्वर्ग मे पहुचने का एहसास हो रहा था...सूपदे पर धीरे धीरे अपने नर्म होठों से दबाव बना रही थी...लंड को मूह के अंदर ऐसे ले रही थी जैसे छोटा बच्चा बार बार अपनी फेव आइस्क्रीम को चूस चूस कर मज़े लेता है...
लंड फूल कर इतना मोटा हो गया कि सपना का मूह छोटा पड़ गया .अजय ने बिना समय गवाए ही सपना को लंड से हटाया और नीचे बेड पर लेटा कर खुद उसके उपेर आ गया.......
सपना की चूत को दोनो उंगलियों से खोल कर अपने लंड के सूपदे को चूत द्वार पर रखा और धीरे धीरे रगड़ने लगा...सपना ने आगे होने वेल दर्द का स्मरण करके ही दोनो हाथो को अपनी आखों के सामने कर लिया...अजय ने उसके हाथों को चेहरे से हटा दिया और अपने होठों को उसके होठों पर रख दिया ताकि चीख मकान मालिक ना सुन ले...
और धीरे धीरे सूपदे का दबाव चूत छेद पर बनाने मे लग गया....लंड को एक धक्का मारा और सपना की आँखें बाहर की तरफ निकल आईं...और आखों से अश्रुधारा बहने लगी..उसकी चीख अजय के मूह के अंदर ही समा गई ...अजय ने लंड अंदर पेल दिया था..और धीरे धीरे चूचिया मसल्ने लगा और ज़ुबान को उसके मूह मे घुसा कर मूह चोदने लगा...थोड़ी देर बाद सपना ने भी गांद से उपेर की ओर धक्का दे मारा...
अजय ने बिना देर किए ही लंड आधा बाहर निकाल कर पुन: अंदर पेल दिया....सपना अब तय्यार हो चुकी थी...थोड़ा ही दर्द बाकी रह गया था...
अपनी गंद को उचकाने का प्रयास कर रही थी/...अजय लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा..ह अहह आहह आहह स्सहि..की आवाज़ें पूरे कमरे मे गूँज रहीं थीं....अजय भी मर्दानगी के जोश पर आ चुका था...वाहा सपना 3 बार झाड़ चुकी थी...और मारे उत्तेजना के आँखों से पानी बहा जा रह था...अजय पागलों की तरह स्ट्रोक पे स्ट्रोक लगाए जा रहा था..."सपना आअज तो फ़ाआद दूँगा तेरी..."
सपना"फाड़ दे अजेयी...चूत आज सिर्फ़ तेरी है..अहह और पेल अंदर घुसा ना..अहह और आ अजय प्लस्स और आहह बस आह ...मेरी चू चुतटत्त......अहह"
आख़िरी धक्का लगाकर अजय ने अपना लावा वहीं उसकी चूत में धकेल दिया और लस्ट होकर उसके उपर ही गिर गया...पिचकारिया निकाल ते जा रही थी इसके साथ ही अजय "आइ लव यू अहह सपना यू सो सेक्सी" बोले जा रहा था...
और ऐसे ही मदरजात नंगे पड़े रहे और कब इन दोनो की नींद लग गयी पता ही नहीं चला..........................
क्रमशः.............................
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