RE: Desi Sex Kahani मेरी चूत पसंद है
रजनी जी की चूत
अपने पति के देहांत के बाद से चूदी नही थी और इसलिए बहुत टाइट
थी और उसमे अपना लंड डालने मे रमेश को बहुत मज़ा मिल रहा
था. रजनी जी भी अपने दामाद का लंड अपनी चूत मे पेल्वा कर सातवें
आसमान पर पहुँच गयी थी और वो बार्बरा रही थी, "आआआः
ऊऊऊः आराम से डालो यार, मेरी चूत ज़्यादा खुली नहीं है.
प्लीईेज़ पूरा लंड मत डालो नही तो मेरी चूत फट जाएगी, उही मा
मार गई, ओह, आ, हाँ, मेरी चूत फार दो, हाँ, ज़ोर से, और ज़ोर से,
राजा है मथेर्चोद रमेश आज मेरी चूत फार दो आआआः
आआआः ऊऊऊः ज़ोर से डालो, और ज़ोर से डालो, आज जितना ज़्यादा
मेरी चूत के साथ खेल सकते हो खेलो, राजा यह लंड पूरा मुझे
दे दो, मैं इस के बिना नहीं रह सकती, पूरा लंड डालो, उम्म्म्मम
अयाया आआआः" "उम्म्म्मम आआआआः फक मी गुड,
उम्म्म्ममम आह आह आह ओह्ह ओह नो. मैं चूत की खाज से मरी जा रही
हूँ, मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार कर चोदो." थोरी देर के बाद
रजनी जी अपने दामाद को अपने चारों हाथ और पैर से बाँध कर
बोली, "आआआः आआआआआः उम्म्म्ममम, चोदो मुझे ज़ोर से
उम्म्म्ममममम, उफ़ मातेरचोड़ बोहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज़
रुकना नही, ओह मुझे रगर कर चोदो, ज़ोर से चोदो, अपना लंड
पूरा मुझ को दे दो, तुम जैसे कहोगे मैं वैसे करूँगी लेकिन
मुझे और चोदो, तुम बहुत अक्च्छा चोद्ते हो, मुझे आज बोहुत
ज़यादा चोदो भेन्चोद तुम्हारा लंड तो तुम्हारे ससुर से भी बड़ा
है, चोदो मुझे नहीं तो मैं मर जाओंगी, अभी तो तुम ने मेरी
गांद भी मारनी है."थोरी देर तक रजनी जी की चूत चोदने के बाद
रमेश ने अपनी सास से पूछा, "मा जी मेरी चुदाई आप को कैसी लग
रही है?" रजनी अपने दामाद के लंड के धक्के अपने चूत से खाती
हुई बोली, "मेरे प्यारे दामाद जी बहुत अक्च्छा लग रहा है. मुझे
तुम्हारी चुदाई बहुत अक्च्ची लग रही है. तुम चूत चोदने मे
बहुत ही माहिर हो. बड़ाअ मज़ा आ रहा है मुझे तुमसे
चोद्वने में डियर ऊओह डियर तुम बहुत अच्च्छा चोद्ते हो
आआहह उउउउउउह्ह अयू हह ऊऊओफफफफफफफ्फ़ ददीआररर यू आर
आन एक्सपर्ट. तुम्हे मालूम है कि कैसे किसी औरत की चूत की चुदाई की
जाती है और तुम्हे एह भी मालूम है कि एक औरत को कैसे कैसे सुख
दिया जा सकता है. य्यूंन शी हां ददीआरर यूंन ही चोदो
मुझे…बॅस चोद्ते जाओ मुझे आब्ब कुच्छ नहीं पुछो आअज जीई
भार के चोदो मुझे डियर हां डियर जम्म कर चुदाई करो मेरी
तुम बाहुत अच्च्चे हो बास्स य्यूँ ही चुदाई करो
मेरी…ऊऊहह….. खूब चोदो मुझे…" और रमेश अपनी सास
को अपनी पूरी ताक़त के साथ चोद्ता रहा.रमेश अपनी सास की बात सुन
सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और ज़ोर ज़ोर से अपने सास की चूत मे अपना
लंड पेलने लगा. थोरी देर के बाद रमेश को लगा कि अब वो झड़ने
वाला है तो उसने अपनी सास से बोला, "सासू जी मैं झड़ने जा रहा हूँ."
तो रजनी जी बोली, "राजा, प्लीज़ मेरी चूत के अंदर ही झड़ो" और
रमेश नेअपना लंड पूरा पूरा का अपनी सास की चूत मे थॅन्स कर लंड की
पिचकारी छोड़ दी. थोरी देर के रजनी जी बिस्तर पर उठ खरी हुई
और सीधे बाथरूम मे जा कर घुस गयी. थोरी देर के बाद अपनी
चूत धो धा कर रजनी जी फिर से कमरे घुसी और मुस्कुरा कर
अपने दामाद से बोली, "हाई! मेरे राजा आज तो तुमने कमाल ही कर दिया.
तुम तो सिर्फ़ एक बार झाडे लेकिन मैं तुम्हारी चुदाई से तीन बार झड़ी हूँ.
इतना जोरदार चुदाई मैने कभी नही की. मेरी चूत तो अब दुख
रहा है." तभी करिश्मा, जो की अपने पति और अपनी मा की चुदाई
देख रही थी, बोली, "मा अपने दामाद का लंड अपनी चूत मे पिलवा
कर मज़ा आया? मेरी शादी की पहली रात तो मैं बिल्कुल मर सी गयी
थी और अब इस लंड से बिना चुदवाए कर मुझे तो रात को नीद ही नही
आती. मैं रोज़ कम से कम एक बार इस मोटे लंड से अपनी चूत
ज़रूर चुड़वती हूँ या अपनी गंद मरवाती हूँ." तभी रमेश ने
अपनी सास को अपने बाहों मे भर कर बोला, "माजी, एक बार और हो
जाए आपकी चूत की चुदाई. मैं जब तक कम से कम दो या तीन बार
नही चोद लेता मेरा मन नही भरता." रजनी जी बोली, "अरे थोड़ा
रूको, मेरी चूत तुम्हारी चुदाई से तो अब तक कल्ला रही है. अब तुम
एक बार करिश्मा की चूत चोद डालो." "नही माजी, मैं तो इस वक़्त
आपकी चूत या गंद मे अपना पेलना चाहता हूँ. आपकी लड़की की चूत
तो मैं रोज़ रात को चोद्ता हूँ, मुझे तो इस समय आपकी चूत या गंद
चोदने की इक्च्छा है." तब करिश्मा अपनी मा से बोली, "मा चुद्व
ना लो और एक बार. अगर चूत बहुत कल्ला रही है तो अपने गंद मे ले
लो अपने दामाद का लंड . कसम से बहुत मज़ा मिलेगा." तब रजनी
जी बोली, "ठीक है, जब तुम दोनो की एही इक्च्छा है, तो चलो मैं एक
बार फिर से चुद्व लेती हूँ. लेकिन इस बार मैं गंद मे रमेश का
लंड लेना चाहती हूँ. और दो मिनूट रुक जाओ, मुझे बहुत प्यास लगी
है मैं अभी पानी पी कर आती हूँ." तब करिश्मा अपने मा से
बोली, "अरे मा रमेश का लंड बहुत देर से खड़ा है और आप पानी
पीने जा रही हो? यही बिस्तर पर लेटो मैं तुम्हारी प्यास अपने मूत
से बुझा देती हूँ."इतना सुनते ही रजनी जी बोली, "ठीक है ला अपना मूत
ही मुझे पिला मैं प्यास से मरी जा रही हूँ" और वो बिस्तर पर लेट
गयी. मा को बिस्तर पर लिटा देख कर करिश्मा भी बिस्तर पर चढ़
गयी और अपने दोनो पैर मा के सर के दोनो तरह करके बैठ
गयी और अपनी चूत को रजनी जी के मुँह से भिड़ा दिया. रजनी जी ने भी
अपनी मुँह खोल दिया. मुँह खुलते ही करिश्मा ने पिशाब की धार
अपने मा की मुँह पर छोड़ दी और रजनी जी अपनी बेटी के मूत को बड़े
चाव से पीने लगी. पिशाब पूरा होने पर करिश्मा अपनी मा के
ऊपर से उठ खरी हो गयी और रजनी जी के बगल मे जा कर बैठ
गयी. तब रमेश ने अपनी सास की बाहों को पकड़ कर उनको बिस्तर
पर उल्टा लेटा दिया और उनकी कमर को पकड़ कर उनके चूतर को उपर
कर दिया. जैसे हीरजनी जीने घोरी बन कर बिस्तर पर आसन लिया तो रमेश ने
अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाल कर अपनी सास की गंद मे लगा दिया
और अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी सास की गंद की छेद
मे लगा दिया.
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