RE: Desi Sex Kahani मेरी चूत पसंद है
गिरिजा जी तब अपने बेटे को फिर से चोद्ते
हुए बोली, "ठीक है, लेकिन थोरा संभाल कर. तुम्हारा लंड तुम्हारे
बाबूजी से लंबा और मोटा,है मेरी गंद मत फाड़ देना." इतना सुनने के
बाद गौतम अपने हाथों से गिरिजा जी के बड़े बड़े चूतरों को अपने
हाथों से पकड़ कर एक धक्का मारा और उसका आधा लंड गिरिजा जी की
गंद मे घुस गया .जैसे ही गौतम का आधा लंड गिरिजा जी की गंद
मे घुसा, गिरिजा जी बोली, "साले मदर्चोद, तुमको मैने क्या बोली,
धीरे धीरे मेरी गंद मारना और तुम जो है कि एक ही झटके मे अपना
मूसल जैसा लंड का आधा पेल दिया." मा की बातों को सुन कर रमेश
नीचे से अपना लंड अपनी मा की चूत मे पेलता हुआ बोला, "मा, तुम
कैसी बातें कर रही हो? लगता है कि तुम्हारा जवान बहुत गंदा
हो गया है." तब गिरिजा जी बोली, "बेटा, जब चूत और गंद मे दो दो
जवान लंड घुसा हो तो जवान अपने आप गंदी हो जाती है और इससे
चोदने वाले का और चुदने वाले का जोश और भी बढ़ जाता है.
वैसे मुझे चूत मरवाते वक़्त गाली देना अच्छा लगता है. क्या
तुमको मेरी जवान से गली अच्छी नही लगी?" "नही वो बात नही
है. मैने कभी तुम्हारे जवान से गाली नही सुनी इसी लिए मुझे कुछ
अटपटा सा लगा" रमेश नेअपनी मा की चूंची को मसल्ते हुए कहा.
रमेश की बात सुन कर गिरिजा जी बोली, "मदर्चोद, क्या तूने इसके
पहले कभी अपनी मा की चूत मे अपना लंड घुसेरा है? क्या
तुम्हारा दोस्त अपना लंड तुम्हारी मा की गंद मे पेला है? साले
चोदना है तो चुप चाप चोद और बातें करनी है तो सिर्फ़ गालियो से बात
कर. समझा गॅंडू?" तब रमेश अपनी मा की चूत मे नीचे से
धक्के मारते हुए बोला, "समझा मेरी छीनाल मा. आज तेरी चूत और
तेरी गंद दोनो दोस्त के लंड से फटने वाला है. आज हमलॉग देखते
हैं कि तू कितनी चुड़दकर है." गिरिजा जी तब अपने बेटे से बोली,
"सबाश मेरा बेटा सबाश. तेरी ग़ाली मुझको बहुत अच्छी लगी. तू
बस ऐसे ही गाली देता जा और मुझको चोद्ता जा." गौतम अब तक जो कि
मा बेटे की बातें सुन रहा था, गिरिजा जी की बात सुन कर उनके भारी
भारी चूटरो को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपनी कमर चला
कर एक ज़ोर दार धक्का मारा और अपना पूरा का पूरा लंड गिरिजा जी की
गंद मे घुसेर दिया.
गिरिजा जी की गंद मे जैसे गौतम का लंड घुसा, उन्होने आगे झुक
कर अपनी गंद को और ऊपेर उठा दिया और झुक कर अपनी चूत से अपने
बेटे का लंड खाने लगी और ज़ोर ज़ोर से गली बकने लगी. गिरिजा जी बोल
रही थी, "साले मदर्चोद गबड़ु, मार मार और ज़ोर से मार मेरी
चूत और मेरी गंद. बहुत अक्च्छा लग रहा है. साले मुझको ऐसा लग
रहा है जैसे कि तुम दोनो मिल कर मेरी गंद और बुर दोनो के छेद एक
कर दोगे. कोई परवाह नही, अभी बस तुम दोनो मेरी चूत और मेरी
गंद मे अपना अपना लंड पेलते रहो. बहुत मज़ा आ रहा है. हाई
मेरे प्यारे पति देव और मेरी प्यारी बहू देखो, देखो कैसे मेरा
बेटा और उसका दोस्त मेरी चूत और गंद की धुनाई कर रहें है."
रमेश और गौतम दोनो गिरिजा जी की बातों को सुन कर दोनो और भी
गरमा गये और दोनो अपनी अपनी कमर हिला हिला कर गिरिजा जी की
चूत और गंद मस्त हो कर चोदने लगे.उधर गिरिजा जी अपनी चूत और
गंद से रमेश और गौतम के लंड खा रही थी और उनकी चुदाई
देख देख कर करिश्मा, रसिकलाल और करिश्मा गरम हो रहे थे. इतनी
गरम चुदाई देख कर करिश्मा अपनी साड़ी के उप्पेर से अपनी चूत
पर हाथ चला रही थी और रसिकलाल जी और कैलाश भी अपना लंड
कपड़ो के उप्पेर से मसल रहे थे. एह देख कर गिरिजा जी अपनी चूत
और गंद चुदवाते हुए बोली, "बेटी करिश्मा, तू क्यों शरम कर
रही है. चल तू अपने कपड़े उतार कर अपने ससुर और अपने भाई के
लंड से मज़ा लूट. क्या मेरी चुदाई देख कर तेरी चूत से पानी नही
निकल रहा है?" करिश्मा अपनी सास से बोली, "हाई मा जी आपकी चूत और
गंद दोनो से झाग निकल रहा है, और हाँ मेरी चूत से भी पानी निकल
रहा है." गिरिजा जी बोली, "जब तेरी चूत से पानी निकल रहा है तो देरी किस
बात की, उतार दे अपने कपड़े और अपने भाई और ससुर को भी नंगा
करके तभी अपनी चूत और गंद चुदवा और मज़े लूट. क्या तुझको
अपने भाई के सामने कपड़ेउतार ने मे शरम लग रहा है क्या?"
"हाँ, मैं आज तक भाई के सामने कभी नंगी नही हुई हूँ, आज कैसे
नंगी हो पाउन्गी" करिश्मा अपनी सास की चुदाई देखती हुई बोली.
तब गिरिजा जी मूड कर कैलाश से बोली, "क्यों कैलाश, क्या तुम अपनी
बहन को नंगी देखना चाहते हो, क्या तुम अपनी बहन की चूत
चोदना चाहते हो?" "हां मा जी हां, मैं अपनी बहन करिश्मा
को नंगी कर के उसकी चूत चोदना चाहता हूँ. एह तो मेरा पूरी
जिंदगी का अरमान है. लेकिन क्या करूँ, करिश्मा नंगी नही हो
रही है तो मैं कैसे उसको चोद सकता हूँ" कैलाश अपने लंड को अपने
कपड़ो के उपर से मसल्ते हुए बोला. कैलाश की बातों को सुन कर
रसिकलाल जी अपनी जगह से उठ खड़े हो गये और अपनी बहू
करिश्मा के पास जा कर उसको पहले चूम लिया और फिरे एक एक करके
करिश्मा के कपड़े उतारने लगे.
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