RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
मैं घुटनो के बल बैठ गयी और अपने हाथ उसकी पॅंट की ज़िप खोलने के लिए जैसे ही बढ़ाए,उसने मुझे रोकते हुए कहा-“हाथों से नही अपने मूह से खोलो मेरी पॅंट की ज़िप को.” इससे बढ़कर ह्युमाइलियेशन शायद किसी लड़की का नही हो सकता था लेकिन मैं पूरी तरह उसके चंगुल मे फँस चुकी थी.मैने काफ़ी कोशिश करने के बाद अपने मूह और होंठों का इस्तेमाल करते हुए उसकी पॅंट की ज़िप खोल दी और उसका तना हुआ लिंग यकायक मेरे गाल्लों से टकराया.
“अभी तक तुम बिल्कुल ठीक तरह से सहयोग कर रही हो “,
राज ने मेरी तरफ देखा-“ अब अगर तुमने मुझे मेरे लिंग को चाटने और चूसने मे भी मुझे खुश कर दिया तो तुम्हारी बाकी की बची 8 साल की सज़ा घटकर सिर्फ़ 5 साल ही रह जाएगी.बोलो मंज़ूर है ?”
“हां सर” मेरे मूह से निकला.
“क्या हां सर.सॉफ सॉफ बोल.” अमित ने अपने लिंग का स्पर्श मेरे होंठों से कराते हुए कहा.
“हां सर मैं आपके लिंग को चटकार,चूमकर और चूस्कर आपको पूरी तरह से खुश कर दूँगी ताकि मेरी सज़ा घटकर 5 साल रह जाए.” मेरे मूह से अपने आप ही यह सब निकल गया.
“ चलो अब शुरू हो जाओ ! “ इनस्पेक्टर ने अपनी टाँगे फैलाते हुए जैसे मेरा काम आसान कर दिया.
मैने जैसे ही अपने होंठों से उसके लिंग के ईगल भाग का स्पर्श किया,उसने मेरे गाल्लों पर हल्की सी चपत लगाते हुए मुझे रोक दिया- “ चाटने के लिए होंठों का नही जीभ का इस्तेमाल करते हैं.चलो अपनी जीभ निकालो और मेरे पूरे लिंग के उपर फिराते हुए इसे चातो.”
मैं उसका मतलब समझ गयी और उसके हुक्म के मुताबिक उसके लिंग के उपरी भाग पर अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी.कुछ देर तक वो मेरी जीभ से अपने लिंग की ऐसे ही मालिश करवाकर मज़े लेता रहा.
“चलो अब इसे अपने मूह के अंदर करो और फिर से इस पर अपनी जीभ फिरओ.” राज ने मुझे अगला हुक्म देते हुए कहा.उसे शायद होंठों के वजए जीभ के इस्तेमाल में ज़्यादा मज़ा आ रहा था.मैने वही किया जो वो चाहता था-मेरी सज़ा का घटना उसकी खुशी पर ही निर्भर था.
जब मुझे अपनी जीभ फिराते हुए कुछ देर हो गयी,तो वो फिर से बोला-“ इसे और अंदर तक लेकर चूसना शुरू करो.ध्यान रहे तुम्हारे दाँतों का इससे स्पर्श भी नही होना चाहिए और बीच बीच में अपनी जीभ भी फिराती रहना ताकि भरपूर मज़ा आता रहे.” ऐसा लग रहा था जैसे राज अपनी किसी फॅंटेसी को पूरा करना चाहता था और उसके अंदर के सभी अरमान शब्द बन कर उसके होंठों से बाहर आ रहे थे.मैने भी अब अपना मन बना लिया था कि राज को पूरी तरह खुश करके अपनी सज़ा कम करवाकर ही रहूंगी इसके लिए चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े.
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