RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
उधर म्यूज़िक सिस्टम पर पहला गाना बाज़ना शुरू हुआ और इधर मेरा सेक्सी नंगा बदन भी संगीत के साथ साथ थिरकने लगा.
मेरा डॅन्स देख कर राज काफ़ी उत्तेजित सा हुआ जा रहा था.इसका अंदाज़ा मुझे इसी से हो गया कि उसने शराब की एक और बोतल खोल ली थी और उसका एक हाथ अपने पॅंट के उपर के उभार पर से हट ही नही रहा था-गाना काफ़ी फास्ट म्यूज़िक पर चल रहा था इसलिए मेरा शरीर भी की प्रोफेशनल आइटम गर्ल की तरह थिरक रहा था.अचनाक गाना और म्यूज़िक दोनो बंद हो गये और उसके साथ ही मुझे भी कुछ पल का मानो ब्रएक मिल गया
“ ठीक है. बढ़िया डॅन्स कर लेती हो तुम.अब अगला डॅन्स एक पुराने गाने पर है और इसमे बहुत आहिस्ता आहिस्ता तुमने अपने बदन तो मूव करना है.डॅन्स करते समय तुम्हारा बदन मेरे बिलकूम नज़दीक होना चाहिए ताकि मैं अगर चाहूं तो तुम्हारे खूबसूरत बदन को बीच बीच मे सहला भी सकूँ.” राज ने लंबी सी हिदायत दे डाली.
मैं जान बूझकर उसके एकदम नज़दीक आकर खड़ी हो गयी-इतने नज़दीक के मेरे सीने के उभर उसके चेहरे को लगभग स्पर्श करने लगे. उसने एक हाथ बढ़कर म्यूज़िक सिस्टम चालू कर दिया और एक बड़ा ही पुराना लेकिन पॉपुलर सॉंग बाज़ने लगा-“भीगा बदन जलने लगा……….” यह मुझे ध्यान आया कि किसी फिल्म मे ज़ीनत अमान के उपर फिल्माया गया था.
राज ने खड़े होकर शराब की एक नयी बोतल खोल ली थी और उसमे से उसने शराब को मेरे बदन पर डालते हुए मुझे शराब से भिगोना शुरू कर दिया.पूरी बोतल खाली होते होते मैं पूरी तरह शराब मे भीग चुकी थी और मेरे बदन अभी भी उस बेहद सेक्सी गाने की धुनओ पर लगातार थिरक रहा था. राज ने अब मेरे बदन को जगह जगह से चूमना, चाटना शुरू कर दिया था और मेरे लिए अपना डॅन्स जारी रखना काफ़ी मुश्किल हो रहा था.गाना ख़तम होते होते उसने लगभग मेरे पुर बदन को छत डाला.मेरा अपने उपर से कंट्रोल एकदम ख़तम हो गया लगता था क्यूंकी अमित की पुर 5 मिनिट तक लगातार की गयी चूमा चाती से मैं भी ज़रूरत से ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी.
राज अब सोफे पर बैठ चुक्का था लेकिन मेरा नंगा बदन अभी भी उसकी गिरफ़्त मे था जिसे वो काफ़ी उदारता के साथ सहला-थपथपता जा रहा था. मेरी दोनो जांघों के बीच का योनि प्रदेश पूरी तरह भीगा हुआ था-राज ने कुछ देर तक वहाँ अपने हाथ को फिराया फिर अचानक बोला –“चलो सेम दीवार से सटकार खड़ी हो जाओ.नाच गाने का बाकी का प्रोग्राम बाद मे होगा.अभी मेरे लिंग को कुछ राहत की ज़रूरत है.”
राज के इस नये ऑर्डर से मानो मेरे जांघों के बीच से पानी की धारा सी बहने लगी.उसके इस नये हुक्म को सुनकर मुझे अपने स्कूल के दीनो के पनिशमेंट की याद ताज़ा हो आई .स्कूल मे भी मुझे मेरे मेथ के टीचर मोहित सर मुझे दीवार से ऐसे ही सटकार खड़े होने की सज़ा देते थे-स्कूल मे मुझे अपने हाथ भी उपर करने होते थे. मैं दीवार की तरफ मूह करके दीवार से सटकार खड़ी हो गयी और राज के कहे बिना ही मैने अपने हाथ भी उपर कर लिए.
राज मेरे पीछे आकर मुझसे सटकार खड़ा हो गया-उसका खड़ा लिंग मेरे नितंबों से टकरा रहा था-कुछ देर तक वो अपने लिंग को मेरे नितंबों पर रगड़ता रहा, फिर अचानक मुझे पकड़कर उसने मेरा मूह अपनी तरफ कर लिया-मैने देखा की उसने अपना लिंग पॅंट से बाहर निकाला हुआ था और वो पूरी तरह से तन कर एकदम लगभग 7 इंच का हो गया था.मैने अपने हाथ उपर उठाए हुए थे जिसकी वजह से मेरे सीने के उभार और भी अधिक उभर कर बाहर की तरफ आ गये थे.
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