RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
राज मेरी उम्मीद के मुताबिक ही चहककर बोला-“ वह वह तो यूँ भी काफ़ी रंगीन मिज़ाज़ लगती हो.फिर तो हम दोनो की खूब पटेगी. ठीक है तुम्हारी पसंद मैने नोट कर ली है …अब जैसे ही मौका लगा…नेहा तुम्हारे हवाले कर दी जाएगी.लेकिन उससे पहले तुम्हे एक फाइनल टेस्ट पास करना होगा जो कि कल शाम को होगा 6 बजे यहीं मेरे ऑफीस मे.”
“कैसा टेस्ट सर….?.” मैने उसकी तरफ देखा.
“ ठीक है बैठ जाओ, मैं तुम्हे डीटेल मे बताता हूँ.आक्च्युयली मेरा प्रमोशन होने वाला है अगले ही महीने और मैं एसीपी बन सकता हूँ लेकिन कमिशनर साहिब जिन्हे मेरा प्रमोशन करना है वो किसी लौंडिया से खुश ही नही हो रहे हैं……नेहा से भी नही.कल एक बार तुम 6 बजे आ जाओ तो मैं तुम्हे भी ट्राइ करना चाहता हूँ.अगर तुम उस कमिशनर को खुश कर पायी तो फिर नेहा क्या जिस किसी लड़की को कहोगी वोही तुम्हारे कदमो मे होगी.” राज ने मुझसे कहा और मुझे एकदम लगा कि मैं यकायक बहुत पवरफुल हो गयी हूँ और किसी भी लड़की को अपनी सेक्स स्लेव बना सकती हूँ.
“नेहा कैसे खुश नही कर पायी उस कमिशनर को सर.उसकी तो आपने काफ़ी दुर्दशा करके अपने अनुकूल बना लिया है.” मैने इनस्पेक्टर की तरफ हैरानी से देखा.
“ यही तो प्राब्लम है.वो मुझसे इतना डरी हुई थी कि जैसे ही मैने कहा कि कमिशनर साहिब को खुश करना है वो बिना किसी ना-नुकर के उनके आगे नंगी होकर खड़ी हो गयी…” राज बोला.
“ फिर आप….. मेरा मतलब है कि कमिशनर साहिब क्या चाहते थे…….” मैने राज की तरफ देखा.
“जब तक लौंडिया नखरा ना दिखाए, तब तक किसे मज़ा आता है उसे ठोकने मे…..”राज शायद सच ही कह रहा था.
“ठीक है सर…कल मैं आपको प्रमोशन दिलाने वाला काम करके रहूंगी.इतना ड्रामा करूँगी कि कमिशनर साहिब क्या एक बार तो आप खुद भी दंग रह जाएँगे.बस आप अपनी यह हथकड़ी तैय्यर रखिए कल दुबारा से मुझे लगाने के लिए.” मैने भी कहकर सस्पेनस फैला दिया और वहाँ से चलती बनी.
इनस्पेक्टर के पास से छूटकर जब में वापस अपने हॉस्टिल पहुँची तो रात के 2.30 बज रहे थे.मेरी रूम मेट सोनाली जो कि एक मीडीया हाउस मे जॉब करती थी, अभी तक जाग रही थी.मुझे देखते ही बोली-“ आज कहाँ रह गयी निशा रानी…. कॉलेज का फंक्षन क्या इतनी देर तक चलता रहा ?”
मैने उसकी तरफ देखा और बोला-“यार, एक पोलीस इनस्पेक्टर ने पकड़ लिया रास्ते मे और बोला कि शराब पीकर बिना लाइसेन्स के गाड़ी चलाने के जुर्म मे तुझे 10 साल के लिए जैल मे बंद कर दूँगा-बस वही सज़ा माफ़ करवा के आ रही हूँ.”
“लेकिन यार…….तेरी सज़ा माफ़ कैसे हुई ?” सोनाली ने मेरी तरफ देखा.
“बस यह बहुत लंबी कहानी है…फिर कभी सुनाऊँगी.अभी तो मुझे बहुत तेज की नींद आ रही है.” कहकर मैं बिस्तर पर ढेर हो गयी.
सुबह जब हम दोनो सोकर उठे तो सनडे होने की वजह से दोनो की ही छुट्टी थी.ना मुझे कॉलेज जाना था और ना उसे ऑफीस.हम लोगों ने चाइ नाश्ता किया और फिर मैं उसे अपने साथ कल क्या क्या गुज़री-पूरी दास्तान सुनाने बैठ गयी.
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