RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
कूवोल्गी ने मेरी तरफ देखा और बोला-“ यार तुम बता रही थी कि यह लौंडिया उल्टे होकर ब्लो जॉब देने मे एक्सपर्ट है-मैं इसकी एक्सपर्टीस को टेस्ट करना चाहता हूँ.ऐसा करो इसे इस टेबल पर सीधा इस तरह से लिटाओ ताकि इसका मूह उल्टा होकर मेरे लिंग के सामने आ जाए-मैं समझ गयी थी कि कूवोल्गी क्या चाहता था-मैने नेहा से कहा-“ समझ गयी कि नही…….चल टेबल पर उल्टी होकर लेट ज़ा और अपनी पोज़िशन ले ले और कूवोल्गी का लिंग अपने मूह मे लेकर उसे अपनी जीभ से सहला सहला कर कूवोल्गी को असीम आनंद पहुँचाने की कोशिश कर.”
इधर मैं नेहा को यह हुक्म दे रही थी उधर कूवोल्गी ने चेर पर बैठे बैठे अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर अपने तने हुए लिंग को बाहर निकाल लिया था मानो वो इस बात का इंतेज़ार कर रहा हो कि कब नेहा अपना मूह खोले और कब वो उसे उसके अंदर डाले.
मेरे हुक्म के मुताबिक नेहा टेबल पर लेट तो गयी लेकिन जो पोज़िशन कूवोल्गी चाहता था वो बन नही पा रही थी-कूवोल्गी ने देखा की टाइम कम है और वेवजह समय बर्बाद करने के वो मूड मे नही था-उसने मुझसे कहा-“ऐसा करो निशा-सीलिंग फॅन के कुंडे मे इसे उल्टा करके लटका दो जैसे तुम्हारे ए सी पी राज शर्मा ने किया था.”
कुछ ही देर मे मैने और सलोनी ने मिलकर नेहा की दोनो टाँगे नीचे से एक रस्सी से बाँध कर उसे सीलिंग फॅन के कुंडे से उल्टा करके लटका दिया-अब नेहा का मूह बिल्कुल कूवोल्गी के लिंग के नज़दीक था.कूवोल्गी ने एक बार अपने लिंग से नेहा के दोनो गालों पर स्लॅप किया और फिर उसे नेहा के होंठों पर फिराते हुए बोला-“चल चिकनी अपना मूह खोल और इस पर अपनी जीभ फिरा.”
शर्म और ह्युमाइलियेशन से बुरी तरह जल रही नेहा के पास कूवोल्गी के हुक्म को मानने के अलावा और कोई ऑप्षन भी नही था-सलोनी और मैं दोनो ही नेहा के उल्टे लटके बदन को जगह जगह से सहला सहला कर उसके इस ह्युमाइलियेशन को और भी अधिक बढ़ा रही थी.जैसे ही नेहा ने अपना होंठ कूवोल्गी के लिंग की तरफ किए,मैने एक जोरदार स्लॅप नेहा के नितंबों पर लगाया और कहा-,” ऐसे नही……पहले अपनी जीभ बाहर निकाल और उससे इस लिंग के अगले भाग को सहलाओ….उसके बाद ही इसे अपने मूह के अंदर लेना.”
कूवोल्गी ने अपने दोनो हाथों से नेहा के सीने के उभार थाम रखे थे-नेहा ने मेरे हुक्म के मुताबिक अपनी जीभ कूवोल्गी के लिंग के अगले भाग पर फिरानी शुरू कर दी-कूवोल्गी के लिए शायद यह सब एरॉटिका बर्दाश्त के बाहर हुई जा रही थी.उसने नेहा से कहा-“ ठीक है,अब इसे अपने मूह मे लेकर उसे धीरे धीरे चूसो ! ”
कूवोल्गी कुर्सी पर रिलॅक्स होकर बैठ गया था-उसके फेस एक्सप्रेशन्स बता रहे थे कि वो इस समय किसी और ही दुनिया मे पहुँच चुका है- कुछ देर बाद कूवोल्गी ने अपना वीर्य रस नेहा के मूह मे भर दिया और नेहा एक बेहद ओबीडियेंट सेक्स स्लेव की तरह उसे सारा का सारा पी गयी.कूवोल्गी घर जाने की जल्दी मे था और वो वहाँ से यह कहकर निकल गया-“ठीक है निशा और सलोनी……अब मैं कल सॅटर्डे को फिर से हाज़िर होता हूँ…….तब तक के लिए….बाइ.”
कूवोल्गी के जाने के बाद सलोनी बोली,”यार निशा……इस कूवोल्गी की जल्दबाज़ी मे हमारा खाना तो रह ही गया…..लाओ पहले अपनी पेट पूजा कर लेते हैं…फिर इस छोकरी से मज़े लेंगे-उसके लिए तो पूरी की पूरी रात पड़ी है…”
“पूरी की पूरी रात नही…कल का पूरा दिन,कल की पूरी रात और सनडे का पूरा दिन और पूरी रात यह लौंडिया हमारी सेक्स स्लेव बॅंकर रहेगी.” मैने सलोनी को करेक्ट करते हुए कहा.
हम दोनो ने पिज़्ज़ा,बर्गर और सॅबड्विच खाना शुरू कर दिया.मैने कुछ देर बाद सलोनी से कहा-“ नेहा को भी भूख लगी होगी-इसे भी कुछ खिलाया जाए…..”
“हां, इसको भी खिलाते हैं अभी…उसका भी प्लान है मेरे पास….” सलोनी बोली
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