RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
“देखो सलीम ऐसा है..तुम्हे यह वॉर्डन का चार्ज टेंपोररी मिला है-यह मत समझो कि तुम हमेशा के लिए वॉर्डन बन गये हो……दो तीन दिन बाद तुम्हे फिर से हमारे कमरे और बाथरूम की क्लीनिंग करने के लिए आना है….उसके बारे मे सोचो और फिर बताओ कि तुम जो कुछ भी करने जा रहे हो वो क्या ठीक है………” मैने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वो यह सुनकर और ज़्यादा भड़क गया और बोला-“देख लौंडिया,अपुन के पास टाइम कम है…सीधी सीधी काम की बात करती हो और सॉफ सॉफ सारी स्टोरी बताने के लिए तैय्यार हो तो मैं कुछ मदद कर सकता हूँ…….वरना……तुम लोग खुद ही समझदार हो.”
कोई और रास्ता ना देख मैं एक कुक की हुई स्ट्रोरी उसे सुना डाली-“आक्च्युयली हम लोग अपनी एक फ्रेंड के साथ जो इस हॉस्टिल मैं नही रहती है,उसके साथ कुछ मौज़ मस्ती कर रहे थे………इसी बीच तुमने दरवाज़ा खटखटा दिया और हमने उस फ्रेंड को वॉश रूम मे बंद कर दिया. अगर तुम हम दोनो को यानी मेरी और सलोनी की कोई भी रिपोर्ट वॉर्डन तक नही पहुँचाओगे तो हम तुम्हे भी अपनी उस फ्रेंड के साथ कुछ देर मौज़ मस्ती करने देंगे.”
मेरा ऑफर सुनकर उसके मूह मे पानी आ गया और वो अपने खड़े हुए लिंग पर पॅंट के उपर से ही हाथ फिरकर इसका सबूत देने लगा-“ ठीक है……..मैं कुछ वायदा नही करता लेकिन अगर मुझे मौज़ मस्ती मे भरपूर मज़ा आया तो ज़रूर तुम लोगों की मदद करूँगा.बुलाओ अपनी उस फ्रेंड को जिसे तुम लोगों ने वॉश रूम मे छुपा रखा है.”
“ठीक है,तुम यही इंतेज़ार करो मैं उसे अंदर से लेकर आती हूँ.”कहकर मैने छुपकर नेहा के कपड़े उठाए ओर नेहा को लाने बाथरूम मे चली गई
सलीम जिसकी आज तक कमरे मे बैठने की हिम्मत भी नही हुई थी आज बड़े रौब से मेरे सोफे पर रिलॅक्स कर रहा था और सलोनी के शायद किसी सवाल का जबाब दे रहा था-“ मेडम, आप तो पढ़ी लिखी हो…..मैं तो एकदम अनपढ़ हूँ……..आपको मुझसे ज़्यादा मालूम है कि कुर्सी की कितनी ताक़त होती है ……….इंसान से ज़्यादा कुर्सी की अहमियत होती है…….अगर मैं ग़लती से वॉर्डन नही प्रधान मंत्री की कुर्सी पर बैठ जाऊं तो मैं तुम लोगो के कमरे मे सफाई करने वाला सलीम नही प्रधान मंत्री सलीम बन जाऊँगा और सब लोग मुझे उसी तरह सलाम ठोकेंगे.इसलिए बिना किसी हील हुज्जत के जो मैं कहता हूँ,वही तुम्हे करना होगा क्यूंकी इस वक़्त मैं तुम्हारा सफाई करने वाला सलीम नही वरन हॉस्टिल वॉर्डन सलीम बोल रहा हूँ.”
मैने भी सलीम की यह बकवास सुनी और नेहा ने भी- नेहा को शायद इस बात का अंदाज़ा भी हो गया था कि सलीम मेरा कोई दोस्त वोस्त नही था वरन इस हॉस्टिल का एक मामूली का सफाई करने वाला था और उसकी वेशभूषा और रंग ढंग भी यही बता रहे थे-देखने मे सलीम एकदम डार्क कंपेक्स्षन का था और उसके बेहद आवरेज लुक्स थे-उसे देखकर हमेशा ऐसा लगता था जैसे वो काई महीनो से नाहया भी नही है-उसके दाँत एकदम पीले रंग के और एक गंदी सी काले रंग की टी-शर्ट और ग्रे कलर का ट्राउज़र पहन रखा था जो कि हॉस्टिल के सफाई कर्मचारीओं की यूनिफॉर्म थी.
मेरे वॉशरूम के बाहर निकलते ही सलीम एकदम उछल सा पड़ा-नेहा की खूबसूरती देखकर उसका यह उछालना स्वाभाविक ही था-“अच्छा तो अब तुम लोगों ने यह नये नये शौक भी पाल लिए हैं-लड़कियाँ लड़कियों के साथ भी मौज़ मस्ती करती हैं-मैं तो यही समझता था कि सिर्फ़ लड़के ही लड़कियों के साथ मौज़ मस्ती करते हैं.”
सलोनी को उसके बात करने के लहज़े पर हल्का सा गुस्सा आ गया और बोली-“देख सलीम, तुम यह मत भूलो कि कल तक तुम हमारे सामने झुककर हमारे कमरे की और हमारे बाथ रूम की सफाई किया करते थे और एक दो दिन बाद भी यही सब करने वाले हो-इसलिए बेमतलब अपने भाव मत दिखाओ और इस लौंडिया के साथ मौज़ मस्ती करके तुम अपना रास्ता नापो और हमे भी शांति से रहने दो.”
इस समय सलीम के सिर पर यकायक मिली पॉवेर का भूत सवार था-सलोनी के यह कहने पर कि वो कमरे की सफाई करने वाला एक मामूली सा नौकर है,वो बुरी तरह तिलमिला सा गया और बोला-“साली………पहले लगता है तेरे ही पर कतर्ने पड़ेंगे…….चल नंगी हो जा ! “
|