RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
सलोनी के ब्लाइंडफोल्ड बँधा होने की वजह से वो इस बात से बेख़बर थी कि वहाँ पर क्या हो रहा है. सलीम ने अब बाकी के दोनो ग्लास भी शराब से भर दिए लेकिन उसमे उसने यूरिन मिक्स नही किया-ठीक उसी वक़्त वहाँ पर परवेज़ दाखिल हुआ –इससे पहले की वहाँ का नज़ारा देखकर उसके मूह से कोई आवाज़ निकलती,सलीम ने उसे हाथ दिखाकर चुप रहने का इशारा किया.
सलीम ने परवेज़ को अपने पास रखी एक कुर्सी पर बैठने का इशारा किया और फिर मेरी तरफ देखकर बोला-“चलो शराब के दोनो ग्लास लेकर इधर आओ.”
मैने अपने दोनो हाथों मे एक-एक ग्लास उठा लिया और सलीम और परवेज़ जहाँ बैठे थे वहाँ पहुँच गयी-परवेज़ के चेहरे के एक्सप्रेशन्स से लग रहा था कि उसने इस तरह का नज़ारा जिंदगी मे पहली बार ही देखा है और जिस तरह से वो बार बार अपनी आँखें मल रहा था उससे साफ था कि उसे अभी भी इस बात का यकीन नही हो रहा था कि इस तरह से दो खूबसूरत जवान लड़कियाँ नगनवस्था मे सलीम के रहमोकरम पर रहकर कुछ भी करने के लिए तैय्यर होंगी.
सलीम ने परवेज़ की तरफ देखा ओर कहा-“मैने कहा था ना कि तुझे मैं चिकनी लौंदीयों के साथ खूब ऐश कर्वौन्गा-अब जी भरकर ऐश कर ले .”
सलीम ने फिर से मेरी तरफ देखा और बोला-“ थोड़ा और नज़दीक आओ.तुम्हे अपने इन खूबसूरत हाथों से हम दोनो को यह शराब पिलानी है –इस बात का ध्यान रहे कि शराब की एक भी बूँद ज़मीन पर गिरनी नही चाहिए-नही तो उसे तुम्हे अपनी जीभ से चाटना पड़ेगा.”
सलीम की इस बात का मतलब साफ था कि मैं उन दोनो से इस तरह सटकार खड़ी हो जाऊं ताकि उनके होंठों से ग्लास लगाकर उन्हे शराब पीला सकूँ और वो दोनो अपने दोनो हाथों से मेरे नंगे बदन को एंजाय कर सकें.
सलोनी को भी अब तक यह अहसास हो गया था कि उस कमरे मे सलीम के अलावा भी कोई आदमी मौजूद था लेकिन कौन था इससे वो अब भी बेख़बर थी.
मेरा पूरा बदन नंगा था इसका अहसास मुझे तब हुआ जब मेरी चिकनी जांघों पर पहली बार परवेज़ ने अपना हाथ रखा-मैं ज़ोर से उछली लेकिन ग्लास मे से शराब नही छलकी. सलीम का हाथ मेरे योनि प्रदेश को सहलाने मे व्यस्त था-दोनो लोग मेरे हाथों से शराब के घूँट पीते हुए जिस तरह से मेरे नंगे बदन के साथ खिलवाड़ कर रहे थे उसके चलते मुझे अपना संतुलन बनाए रखने मे ख़ासी दिक्कत हो रही थी.
शराब ख़तम हो चुकी थी और ग्लास भी मैने टेबल पर रख दिए थे लेकिन मेरे बदन के साथ उन दोनो की छेड़ छाड़ अभी जारी थी.सलीम अचानक रुका और मुझसे बोला-“ऐसा करो निशा, तुम ज़रा सलोनी को इधर लेकर आओ और ज़रा उसे परवेज़ की खिदमत मे पेश करो-उसके हाथ बँधे रहने दो और उसके ब्लाइंडफोल्ड भी लगा रहने दो.”
मैं सलोनी के पास गयी और उसे लाकर परवेज़ के नज़दीक खड़ा कर दिया-परवेज़ तो एकदम बौरा सा गया था –एक के बाद एक नयी लड़की का मज़ा –उसके फेस एक्सप्रेशन्स के हिसाब से वो इस समय जन्नत की सैर कर रहा था. सलोनी की जो हालत थी यानी जिस तरह से उसके हाथ पीछे की तरफ बँधे हुए थे और उसकी आँखों पर ब्लाइंडफोल्ड बँधा हुआ था उससे सीन परवेज़ के लिए कुछ ज़्यादा ही एरॉटिक हो चला था.
परवेज़ ने अपने हाथ को सलोनी के चिकने पेट पर फिराते हुए सलीम से कहा-“उस्ताद यह लौंडिया है तो मज़ेदार…इसे तो चखना ही पड़ेगा.”
सलीम ने परवेज़ को हिदायत जैसे देते हुए कहा-“तुम वही करो जो मैं अब इस दूसरी लौंडिया के साथ करने जा रहा हूँ.तुम देखते जाओ और वोही सब इस चिकनी से भी कारवओ, ठीक है ना……..”
इसके बाद सलीम ने मुझे ऑर्डर दिया-“चल इधर आकर मेरे सामने घुटनो के बल बैठ जा !”.
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