RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
इधर सलीम मस्ती मे मेरे गालों को अपने हाथों से सहलाते हुए अपने लिंग की मुझसे खिदमत करवा रहा था.
अचानक ही किसी ने दरवाज़े पर दस्तक दी और अगले ही पल दरवाज़ा खुल गया-शायद परवेज़ जब अंदर आया था तो दरवाज़ा बंद करना भूल गया था-दरवाज़ा खुलते ही नेहा नज़र आई-सलीम ने नेहा की तरफ देखा-“तुम्हे तो शाम को 7 बजे आना था निशा और सलोनी के कमरे मे-तुम यहाँ क्या कर रही हो ? “ सलीम काफ़ी हैरान था क्यूंकी अभी तो सिर्फ़ शाम के 4 बजे थे.
नेहा ने जबाब देने की बजाए पीछे किसी को इशारा किया और दो लोग हाथ मे कॅमरा और वीडियो रेकॉर्डर लिए अंदर आ गये-“कोई अपनी जगह से हिलेगा नही…….सब कुछ कॅमरा मे आ चुक्का है-हम लोग सनसनी टीवी चॅनेल से आए हैं नेहा के कहने पर.”
टीवी चॅनेल के लोगों को देखकर सलीम और परवेज़ के पैरों के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गयी और वो लगे अपने अपने कपड़े संभालने-मैने भी मौका देखकर सलोनी के हॅंड्कफ और ब्लाइंडफोल्ड खोल दिए और उससे कहा-“फटाफट कपड़े पहन लो-नेहा टीवी चॅनेल वालों को लेकर यहाँ पहुँच गयी है-हम दोनो ने४ भी अपने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए-लेकिन हम सब का यह घबराहट से भरा नाटक टीवी चॅनेल वाले अपने कमरे मे रेकॉर्ड कर रहे थे.शायद उन्हे इतने बढ़िया मसले की उम्मीद भी नही थी.उनमे से एक लड़का जो शायद टीवी रिपोर्टर लग रहा था, नेहा की तरफ देखकर बोला-“ नेहा, तुम तो कह रही थी की वहाँ पर सिर्फ़ एक ही आदमी और दो लड़कियाँ मिलेंगी-लेकिन यहाँ तो दो आदमी और दो लड़कियाँ मौजूद हैं-लगता है कुछ कहानी मे फेरबदल हुआ है लास्ट मोमेंट पर….”
नेहा ने हंसते हुए रिपोर्टर की तरफ देखा और बोली-“ हां रंजन, मुझे भी कुछ ऐसा ही लग रहा है-सलीम के साथ यह नया मुर्गा कहाँ से आ गया मस्ती करने.हां भाई तू कौन है..?” नेहा ने परवेज़ की तरफ देखकर पूछा.नेहा को अब अपनी ताक़त का अंदाज़ा था और वो इसलिए डाँट डपट कर बात कर रही थी.
सलीम और परवेज़ दोनो ही भीगी बिल्ली की तरह एक तरफ खड़े थे.सलीम ने नेहा की तरफ देखा-“नेहा जी,मैने आपका क्या बिगाड़ा था जो अपने मुझे फँसा दिया-हम दोनो को छोड़ दो-मैं इन दोनो लड़कियों को आपके हवाले करता हूँ.”
इसी बीच रिपोर्टर रंजन सलीम के सामने आ गया और कॅमरा में ने सलीम के उपर अपना कॅमरा डाल दिया-“हां सलीम भाई….यह बताओ कि यह गोरखधंधा यहाँ कब से चल रहा है…….?”
“नही साब…..मैं बेकसाऊर हूँ…….मुझे फँसाया गया है……यह किसी की साज़िश लगती है…….मुझे छोड़ दो………मुझसे ग़लती हो गयी…….अब दुबारा ऐसी ग़लती फिर कभी नही करूँगा……….मेरी नौकरी चली जाएगी.” सलीम को शायद अंदाज़ा भी नही था कि वो कमरे पर क्या क्या अनाप सनाप बोले जा रहा था.
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