RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--15
गतान्क से आगे......
अपने दोनो हाथ उपर उठाकर मेरे योनि प्रदेश पर अपनी जीभ फिराती हुई नेहा की सिचुयेशन बेहद एरॉटिक और ह्युमिलियेटिंग लग रही थी-और सलोनी उसे देख देख कर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो होकर बिना किसी बात के भी नेहा के बदन पर हंटर के स्ट्रोक लगाए जा रही थी.
जब मैं नेहा की चूमा चाती से बिल्कुल सॅटिस्फाइड हो गयी तो मैने उसे अपनी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए कहा-“ चलो अब अपने हाथ नीचे कर लो और सलोनी मॅम की भी इसी तरह से बढ़िया खिदमत करो ताकि तुम्हारी खिदमत से सलोनी मॅम भी खुश हो जाएँ.”
सलोनी ने हंटर मुझे पकड़ा दिया और खुद सोफे पर बैठते हुए बोली-“ निशा.यार,बीच बीच में इसके हंटर लगाती रहना ताकि यह पूरी तरह से मोटीवेट होकर मेरी खिदमत कर सके.”
यह कहने के साथ ही सलोनी ने नेहा की तरफ देखा-“चल चीक्कनी,आजा और शुरू हो जा.”
सलोनी ने अपनी जीन्स नही उतारी थी और नेहा शायद इस इंतेज़ार मे थी कि कब सलोनी अपनी जीन्स उतारे और नेहा अपना काम शुरू कर सके.लेकिन सलोनी को तो जैसे बहाना मिल गया.उसने नेहा के गाल पर चपत लगाते हुए कहा-“मेरे हुक्म की तामील करने मे इतनी देर क्यों ?”
नेहा पूरी तरह नंगी थी और अपने घुटनो के बल ज़मीन पर बैठी हुई थी-अपने दोनो हाथ उसने पहले से ही उपर कर रखे थे. जब मैने ईक हंटर नेहा के मखमली बदन के ईगल भाग मे लगाया तो उसके मूह से सिसकारी जैसी निकल गयी.मैने फिर से एक हंटर नेहा के बदन पर लगाते हुए कहा-“चिकनी ज़रा इशारा समझ और खुद ही सलोनी मॅम की जीन्स उतारकर अपना काम शुरू कर वरना तेरे बदन पर हंटर लगते रहेंगे.”
नेहा ने अपने हाथ नीचे किए और सलोनी के पास आकर उसके जीन्स का बटन खोलने लगी-ज़िप सरकने के बाद उसने जीन्स को सलोनी के घुटनो तक खिसका कर छोड़ दिया-सलोनी की नीले रंग की पॅंटी पर गीला होने के सॉफ संकेत मिल रहे थे.नेहा ने सलोनी की पॅंटी को भी नीचे खिसका दिया और सलोनी के गीले हो रहे योनि प्रदेश पर अपनी जीभ फिराने लगी. बीच बीच मे मैने ईक दो बार नेहा के बदन पर हंटर लगाए ताकि वो अपने काम को ठीक से करती रहे.
नेहा के इस सेक्सप्लाय्टेशन मे शाम के 5 बज चुके थे.सलोनी ने नेहा को अपनी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए उसे अपने कपड़े पहनने के लिए कहा और खुद भी कपड़े पहनने लगी.मैने तो अपने कपड़े पहले से ही ठीक कर रखे थे.नेहा को ड्रॉयिंग एरिया मे छोड़कर हम दोनो विवेक को देखने साथ वाले कमरे मे पहुँचे तो वो अभी तक सो रहा था-शायद उसने पहली बार किसी बढ़िया चीज़ को चखा था.
मैने विवेक को जगाने की नीयत से कमरे मे रखे टीवी सेट को ऑन कर दिया और उस पर न्यूज़ चॅनेल लगा दिया-न्यूज़ चॅनेल की आवाज़ से विवेक हड़बड़कर उठकर बैठ गया.न्यूज़ चॅनेल की सुर्खियाँ यह थी कि आज़ सुबह ड्री और पोलीस के जॉइंट ऑपरेशन मे सनसनी चॅनेल के 2 बड़े ऑफिसर्स बॉब्बी और रंजन को पोलीस हिरासत मे ले लिया गया है और कल उन्हे अदालत मे पेश किया जाएगा.
विवेक ने बिस्तर से उठकर अपने कपड़े ठीक करते हुए मेरी तरफ देखा और बोला-“बढ़िया लड़की है..मज़ा आ गया…रोजाना मिलती रहे तो ज़िंदगी ही संवर जाए भाय्या……….”
मैने विवेक को टोका और कहा-“सर, लड़कियाँ तो सभी बढ़िया होती हैं……अगर उनका सही से इस्तेमाल किया जाए तो.”
विवेक मेरा इशारा समझ गया और बोला-“हां यह बात तो है…..अमित सर भी आप दोनो की बहुत तारीफ कर रहे थे.मुझे भी लगता है आप दोनो की स्पेशल सर्वीसज़ लेनी पड़ेंगी.”
इस बार सलोनी बोली-“ सर हम तो आपकी सर्विस के लिए हमेशा ही तैय्यार हैं.”
विवेक के अपनी घड़ी की तरफ देखा और बोला-“अब आज का कार्यक्रम तो यहीं पर ख़तम करते हैं.इस लड़की को भी अपने घर जाने को कह दो और आप लोग भी अपने अपने ठिकाने पर पहुँचकर आराम करो.”
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