RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--16
गतान्क से आगे......
मैने फिर से उसे समझाने की कोशिश करते हुए कहा-“देख लड़की,ऐसा है की एसीपी अमित पहले इस फ्रेश माल को खुद चखना चाहता है और वो यह नही चाहता कि उसकी आब्सेन्स मे उसका जूनियर ऑफीसर उस माल को ग़लती से भी टेस्ट कर ले. इसीलिए उसने अपने यहाँ पहुँचने तक , हम दोनो को उस लड़की का जॉइंट कस्टोडियन बना दिया है. हम लोगों को अभी पोलीस जीप लेने आ रही है-हम लोगों को जीप गेस्ट हाउस ड्रॉप कर देगी-वहाँ पर विवेक उस लौंडिया के साथ हमे उसी रूम मे मिलेगा.अमित ने विवेक को भी हिदायत दी है कि हम लोगों के पहुँचने तक वो उस पकड़ी हुई लड़की के साथ कोई हरकत नही करेगा.”
सलोनी ने अब समझते हुए कहा-“अब समझ मे आया सारा मज़रा.पोलीस वालों की प्लॅनिंग भी कमाल की होती है-उस चिकनी को एसीपी से पहले इनस्पेक्टर ना चख ले,हम दोनो को वहाँ पहुँचकर यही निश्चित करना है.”
“हां यार ! अब समझ मे आई सारी बात !!” मैने सलोनी की तरफ देखा.
सलोनी को फिर शरारत सूझी-“हम लोग यह तो निश्चित कर लेंगी कि विवेक उस लौंडिया को नही चखे, लेकिन हमारा ही दिल अगर उस चिकनी पर आ गया तो……..?”
मैने भी उसी टोने मे जबाब देते हुए कहा-“यार हम लोगों के चखने मे और विवेक के चखने मे तो ज़मीन आसमान का अंतर है-हमारे चखने से अमित को कोई फ़र्क नही पड़ने वाला है…इसीलिए उसने मुझे हिदायत दी है कि जब तक वो गेस्ट हाउस ना पहुँच जाए,हम दोनो वहीं पर उस लड़की को विवेक से “गार्ड” करती रहेंगी.”
सलोनी ने फिर सवाल किया-“ लेकिन फिर विवेक क्या करेगा गेस्ट हाउस मे ? अगर हम उसे उस लड़की के साथ विवेक को कुछ करने ही नही देंगे तो वो वहाँ क्या करेगा?”
मैने सलोनी को फिर समझाया-“यही तो हमारा काम है कि विवेक को हम इतना ज़्यादा बढ़िया शो दिखाएँ कि वो उसी के मज़े लेता रहे और उस लड़की के साथ कोई फिज़िकल शरारत ना कर सके.वैसे मैं तो विवेक को यह बता भी सकती हूँ कि उसे एक लिमिट तक उस लड़की का इनटेरगेशन करना है.”
कुछ ही देर मे पोलीस की जीप हम लोगों को लेने हॉस्टिल पहुँच गयी और हम दोनो उसमे बैठकर पोलीस गेस्ट हाउस पहुँच गयी.
पोलीस गेस्ट हाउस पर हम दोनो जैसे ही पहुँची वहाँ रिसेप्षन पर ही विवेक हम दोनो का इंतेज़ार कर रहा था. लड़की उसके साथ नज़र नही आ रही थी.मैं और सलोनी उसके हाथ गेस्ट हाउस के पहले से रिज़र्व्ड रूम मे पहुँच गयी.वहाँ पहुँचकर मैने देखा की एक खूबसूरत सी लड़की बिल्कुल छुई मूई की तरह सोफे पर बैठी हुई थी और उसके हाथ पीछे की तरफ हथकड़ी से बँधे हुए थे-जिसकी वजह से वो शायद ठीक से बैठ भी नही पा रही थी.
विवेक ने लड़की को वहीं ड्रॉयिंग एरिया मे सोफे पर ही छोड़ दिया और हम दोनो को लेकर अंदर कमरे मे आ गया-वहाँ पहुँचकर उसने सफाई देने वाले अंदाज़ मे मुझे बताया-“इस लड़की को मैं यहाँ पहले ही बंद कर गया था क्यूंकी इसे नीचे रिसेप्षन पर रखना ठीक नही था-पोलीस ने अफीशियल तौर पर कोई गिरफ्तारी नही दिखाई है.”
मैने यह समझने के लिए कि विवेक ने अभी तक उस लड़की के साथ कुछ किया है या नही, विवेक से पूछा-“विवेक सर, आपने कुछ इनटेरगेशन वग़ैरा किया कि नही ?”
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