RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--17
गतान्क से आगे......
रोशनी ने अपने दोनो हाथ जोड़कर सलोनी की तरफ देखा और बोली-“मॅम..हमे हंटर मत मारिए…हम बताते हैं कि आगे हमारे साथ क्या हुआ.”
“गुड गर्ल……….” सलोनी दोबारा से सोफे पर बैठ गयी और रोशनी ने अपनी हॉट स्टोरी को आगे कंटिन्यू करते हुए कहा-“कुछ देर बाद इनस्पेक्टर सर ने मुझे घुटनो के बल बैठने का हुक्म दिया –मैं कुछ समझी नही और बैठ गयी-इसके बाद उन्होने अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर अपने लिंग को बाहर निकाला और मेरे दोनो गालों पर उसे स्लॅप करते हुए मुझसे अपना मूह खोलने के लिए कहा.मैने जैसे ही अपना मूह खोला,इनस्पेक्टर सर ने अपना लिंग मेरे मूह मे डाल दिया और बोले कि जब तक वो पर्मिशन ना दें तब तक मुझे उनके लिंग को अपने मूह के अंदर ही रखना होगा.उन्होने मुझे यह भी ऑर्डर दिया कि मैं अपनी जीभ को उनके लिंग के चारों तरफ घुमा घूमाकर उसको सहलाती रहूं.काफ़ी देर तक जब मैं यह सब करती रही तो यकायक उनके लिंग मे से एक पिचकारी निकली और मेरे मूह मे बहुत सारा लिंग के अंदर से निकला वीर्य रस भर गया-उन्होने यह भी हुक्म दिया कि मुझे वो सारा वीर्य रस पीना है और एक बूँद भी नीचे गिरना नही चाहिए. इसके बाद मुझे अपनी जीभ से इनस्पेक्टर के लिंग की सफाई भी करनी पड़ी.”
‘फिर क्या हुआ……….” मैने पूछा
रोशनी फिर बोलने लगी-“इसके बाद इनस्पेक्टर सर ने कहा की चलो अब गेस्ट हाउस आने वाला है और तुम अब अपने कपड़े पहन लो.जब मैने अपने कपड़े पहन लिए तो उन्होने मेरे हाथ पीछे करके उनमे हथकड़ी लगा दी और कहा-“किसी को कुछ भी पता नही चलना चाहिए जो कुछ भी यहाँ अभी अभी हुआ है..समझी….वरना बहुत बुरा होगा………तुम्हारी बाकी की इनटेरगेशन क्राइम ब्रांच की लेडी ऑफिसर्स करेंगी और तभी यह तय होगा कि तुम्हे कितनी सज़ा दी जाए.”
मुझे और सलोनी को अब सारा मज़रा समझ मे आ चुका था-विवेक ने रोशनी का मुख मैथुन रास्ते मे ही कर लिया था और यह दिखाने की कोशिश कर रहा था मानो उसने रोशनी के बदन को छुआ भी नही हो.
मैने रोशनी की तरफ देखा और कहा-“ठीक है.अब आगे की इनटेरगेशन हम दोनो ने ही करनी है.हम लोग चाहे तो तुम्हारी 10 साल की सज़ा को कम भी कर सकती हैं या पूरी सज़ा भी माफ़ कर सकती हैं……”
“जी मॅम……..थॅंक्स……” रोशनी खुश होते हुए बोली.
सलोनी ने सोफे पर बैठे बैठे अपनी दोनो जंघे फैलाई हुई थी.जीन्स वो पहले ही उतार चुकी थी और वो सिर्फ़ पॅंटी ही पहने हुए थी-पॅंटी के उपर से ही वो अपने योनि प्रदेश को हाथ से सहला रही थी लेकिन उसको शायद कोई राहत नही मिल रही थी.उसकी पॅंटी गीली होने के भी सॉफ संकेत मिल रहे थे-मेरी खुद की हालत भी कमोबेश सलोनी जैसी ही थी लेकिन मैने अपने आप पर कुछ कंट्रोल किया हुआ था और अभी तक अपनी जीन्स नही उतारी थी.मुझे यह लग गया था कि रोशनी को पहले सलोनी की खिदमत मे ही लगना पड़ेगा और मेरा नंबर उसके बाद ही आएगा.
मैने रोशनी की तरफ देखा और उसे हुक्म दिया-“चल..अपने कपड़े उतार और हमे भी अपना मखमली बदन दिखा.”
“जी मॅम……..?” रोशनी ने मेरी तरफ इस तरह देखा मानो उसे इस तरह के हुक्म की हमसे बिल्कुल भी उम्मीद नही थी.
रोशनी के बदन मे अभी तक कोई हरकत ना देख, सलोनी ने उसकी तरफ गुस्से से देखा-“फटाफट नंगी होती है या फिर फिर से हंटर लगाया जाए.”
अब रोशनी ने अपने टॉप को उतारते हुए कहा-“नही मॅम…..हमे हंटर मत मरो…..हम आपका कहना मानेंगे.”
रोशनी पूरी तरह नंगी हो चुकी थी.उसका बदन ग़ज़ब का गोरा और चिकना था. सलोनी ने मेरी तरफ देखकर हंसते हुए कहा-“निशा,ज़रा देख इसने कहीं कुछ छिपा तो नही रखा है”
मेरे बदन मे भी उत्तेजना की लहरें हिलोरें मार रही थी.मैने भी मस्ती भरे अंदाज़ मे रोशनी को हुक्म दिया-“चल चिकनी ज़रा इधर आ और अपनी तलाशी दे.”
रोशनी मेरे पास आकर खड़ी हो गयी-शर्म और जलालत से उसका चेहरा एक दम लाल हो चुका था और उसने अपनी नज़रें नीचे की तरफ झुकाई हुई थी.उसने अपने एक हाथ से अपने सीने को छुपा रखा था और दूसरे हाथ से अपने योनि प्रदेश को छुपा रखा था.
“अपने दोनो हाथ उपर उठाओ और अपने बदन को गोल गोल घूमकर दिखाओ” मैने रोशनी को ऑर्डर दिया और उसने एकदम से हुक्म की तामील कर डाली और अपने दोनो हाथ उपर उठाकर अपने बदन को गोल गोल घूमने लगी.
जब तक रोशनी का यह “हॉट-शो” चल रहा था,मैने भी अपनी जीन्स उतार डाली और मैने भी सोफे पर रिलॅक्स करते हुए अपनी दोनो जंघें फैलाकर अपनी पॅंटी के उपर हाथ फिराना शुरू कर दिया.
इसके बाद मैने रोशनी के मखमली बदन पर जी भरकर अपने हाथ फिराए-उसके बदन पर हाथ फिराने से ऐसा लग रहा था मानो मक्खन के ढेर मे अपना हाथ डाल दिया हो. उसके दोनो हाथ उपर होने की वजह से उसका पूरा बदन बिना किसी बाधा के मेरे दबाने,सहलाने और हाथ फिराने के लिए फ्रीली अवेलबल था.
सलोनी ने इस बीच अपनी पॅंटी उतार डाली और रोशनी को हुक्म दिया-“ चल चिकनी, ज़रा इधर आ जा और मेरे योनि प्रदेश को अपनी जीभ से चाट चाट कर इसकी खिदमत कर.”
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