RE: Bhai Behen Chudai भाई बहन की दोस्ती
उस दिन जब समीर नही था मैने मौक देख कर फिर कम्प्यूटर ऒन किया और फिर से उसी साईट पर चली गयी और मज़े से कहानियां पढने लगी. एक अजीब मज़ा आ राहा था. हां उस काहानी को ज़रूर पढती थी जिस मै भाई और बहन का सेक्स होता था. मुझे वो अच्छी लगती थी. मै फिर से नीचे गीली हो चुकी थी. दो घन्टे तक काहानियां पढती रही. ऐसा कुछ दिनों तक चलता राहा और अब मै अक्सर भाई बहन के सेक्स के बारे में सोचती थी और मेरी पैन्टी गीली हो जाती थी. एक रात को जब मैने समीर से फिर से कम्प्यूटर पर बैठने की इजाज़त मंगी तो वो मुसकुराया और कहने लगा अभी नही.........जब सारे सो जायेंगे तब.........और आज मै भी तुम्हारे साथ बैठूंगा कम्प्यूटर पर. मै चुप हो गयी और टीवी देखने लगी. रात १०:०० बजे के करीब समीर ने काहा जाओ देख कर आओ सब सो गये हैं क्या? मै उठी और देखा के सब सो चुके थे. लेकिन सुनील भैया के रूम की लाईट ऒन थी.
मैने समीर को ये बताया तो बोला: चलो आज मै तुम को कहानीयां नहीं बल्के असली चीज़ दिखाता हूं.
मै बोली: वो कैसे
समीर: जैसे मै कहूं वैसे करती जाओ. फिर देखो क्या होता है.
ये कह कर वो मेरा हाथ पकड कर मुझे छत पर ले गया. छत पर सिर्फ़ एक ही कमरा है जिसमे सुनील भैया और रीना भाभी रेहते हैं. उसने जा कर उनके कमरे के दर्वाज़े को खटखटाया. रीना भाभी नाईटगाउन मे बाहर आयी और हमसे पूछा: क्या बात है? समीर ने ऊंची आवाज़ मे काहा: वो आज का अखबार चाहिये. हमे कुछ देखना था उसमे.
अन्दर से सुनील भैया की अवाज़ आयी: रीना, यहां पर पडा है अखबार, आके
ले जाओ और दे दो इसे.
रीना भाभी अन्दर से अखबार लेकर आयीं तो समीर उन्हें खींच कर साईड पर
ले गया और दबी ज़ुबान मे बोला: रीना, आज रात को सुनील के साथ सेक्स का प्रोग्रैम है क्या तुम्हारा?
रीना बोली: हां, क्यों?
समीर: तुम खिडकी पर से परदाआ थोडा हटा देना और थोडी सी लाईट भी आने देना
रीन मुसकुराते हुए बोली: "क्यों, क्या करोगे तुम लोग देख कर"
समीर: अरे कुछ नही, अदिती की बहुत इच्छा है सच मे सेक्स देखने की, इसकी उत्सुकता शान्त हो जायेगी
रीना: समीर, तू इसको भी बिगाड रहा है
समीर: अरे नही, इसको ग्यान दे रहा हूं. अच्छा शो दिखाना
रीना: अच्छा मै देखती हूं क्या कर सकती हूं
फिर भाभी अन्दर गयी और दर्वाज़ा बन्द करके चिटकनी लगा दी. उसने बडी लाईट बुझा कर एक छोटी लाईट ऒन कर दी और परदा खोल कर, खिडकी भी खोल दी. फिर उसने परदा किया, लेकिन पूरी तरह नही.
फिर रीना अपने बेड पर बैठ गयी. सुनील भी बेड पर आकर लेट गया और रीना उसके साथ चिपक गयी. उसके दोनो मम्मे समीर के सीने से दबे थे. सुनील उसकी गान्ड को अपने हाथ से सहला राहा था और एक दूसरे को देख दोनो मुसकुरा रहे थे. तभी रीना ने झुक कर सुनील के होंठों पर किस किय. फिर सुनील ने उसके चेहरे को पकडा और उसके होंठों को अपने होंठों से कसकर चूसने लगा. अब वो दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे. ३-४ मिनट बाद रीना हांफ़ती हुई सुनील के ऊपर ढेर हो गयी और समीर ने भी उसे अपने बांहों में कस लिया.
हमे कमरे की हल्की रोशनी मे ये सब कुछ साफ़ नज़र आ राहा था. हम चुपचाप खिडकी के पास खडे हो कर परदे की दरार मे से देख रहे थे. मुझे अजीब सा लग राहा था अपने भाई और भाभी को छुप छुप के देखना पर अन्दर ही अन्दर मज़ा भी आ राहा था.
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