RE: Bhai Behen Chudai भाई बहन की दोस्ती
मै: समीर... ......... ....तुम क्या चीज़ हो.......... .तुम को ज़रा भी शर्म नही आती अपनी बहन से ऐसी बातें करते हुए?
समीर:बहन से नही........ ...अपनी दोस्त से.......... ...अपनी जान से भी प्यारी दोस्त से....अच्छा एक बात बताओ.
मै: क्या?
समीर: सच सच बताना?
मै: पूछो तो सही?
समीर: मैने जो भी किया........ ...तुम को अच्छा लगा के नही?
मै ये सवाल सुन कर चुप हो गयी और समीर को भी समझ आ गया था के मेरा जवाब क्या है. कुछ देर बाद वो खुद ही मेरी तरफ़ बढा और कहने लगा: थोडी देर के लिये भूल जाओ के हम बहन भाई हैं और अपने दिल से पूछो........ ...इस वख्त क्या दिल चाह राहा है तुम्हारा? मै अब समीर की आंखों मे देख रही थी और सोच रही थी अगर सच मे समीर मेरा भाई ना हो तो? ये सोचते ही मेरे मन मे एक लहर सी दौड गयी और मुझे अब समीर एक बहुत ही हैन्डसम लडका लग राहा था और उसे देखते देखते मै मुसकुराने लगी. अब मै थोडी रिलैक्स फ़ील कर रही थी.और समीर के पास जा कर आहिस्ता से उसे गगे लगा कर उससे लिपट गयी.
समीर फिर समझ गया.और बोला: चलो आज की रात हम बहन भाई नही बल्की दोस्त और प्रेमी के रिश्ते से गुज़ारते हैं. क्या तुम तय्यार हो? मैने उसकी आंखों की तरफ़ देखते हुए सर हिला दिया. समीर ने मुझे अपने गले लगा लिया और अपने से चिपका लिया. उसका हाथ मेरी कमर पर उपर नीचे चल राहा था. मै उससे और ज़ोर से चिपक गयी.समीर ने कुछ देर बाद मुझे पीछे हटाया और मेरे होंठों को अपने होंठों से टच किया. ओ भगवान ......... .......क्या लम्हा था........ ..जैसे मै हवा मे उड रही हूं.
आहिस्ता आहिस्ता मैने भी उसे रिस्पॊन्स देना शुरू कर दिया. अब हम पागलों की तरह एक दूसरे को किस कर रहे थे.समीर ने अपना एक हाथ मेरे दाहिने बूब पर रख दिया. इस बार मुझे और भी मज़ा आ राहा था इसलिये मैने उसे नही रोका. हमारी किसिन्ग इतनी इनटेन्स हो गयी के हम एक दूसरे के होंठों को काटने लगे.
मेरे अब बुरा हाल था.समीर ने अचानक मेरी कमीज़ को उठाना शुरू कर दिया. मै एक दम रुक गयी. और उसकी तरफ़ देखा....... ..उसने मुझे इशारे से ही ना रुकने को काहा. पता नही मुझे क्या हुआ के मैने उसे फिर से किस करना शुरू कर दिया. वो मेरी कमीज़ फिर से उतारने लगा. मैने इस बार उसकी मदद भी की. अब मै सिर्फ़ ब्रा और सलवार मै थी. मै सिर्फ़ चूमने पर ध्यान दे रही थी और वो आहिस्ता आहिस्ता मेरी ब्रा भी खोल राहा था. मुझे पता था के वो क्या कर राहा है लेकिन मैने समीर को इस बार बिल्कुल भी नही रोका. मेरी ब्रा भी उतर चुकी थी अब. समीर ने मेरे होंठों को चूमना छोड दिया और पीछे हो कर मेरे बूब्स को देखने लगा. मुझे अब शरम आ रही थी और मैने अपने दोनो हाथ अपने बूब्स पर रख लिये. वो मुसकुराया और अपनी शर्ट उतारने लगा. मै अब उसे बडे गौर से देख रही थी. इस के बाद उसने पैन्ट भी उतार दी. अब वो सिर्फ़ अन्डर्वेयर मे था और मै सिर्फ़ सलवार मे. मै अब भी अपने हाथों से बूब्स छुपा रही थी. वो मेरे करीब आया और मेरे हाथ छाती से हटाने लगा. मैने रेसिस्ट नही किया और हाथ हटा लिये. अब वो मेरे बूब्स को देख राहा था और फिर आगे बढा और मेरे बूब्स को चूसने लगा. ओ भगवान.....क्या लग राहा था......... मेरी इस बात का अन्दाज़ा सिर्फ़ वो लडकियां ही लगा सकती हैं जिन्होंने ये करवा रखा हो. मैने उसको सर से पकडा हुआ था और मेरी आंखें बन्द थी.
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