RE: Chodan Kahani इंतकाम की आग
टीवी न्यूज़ रीडर बोल रहा था – “कातिल ने कत्ल किए और एक शख्स की लाश आज तड़के पोलीस को मिली. जिस तरह से और जिस बेदर्दी से पहला खून हुआ था उसी बेदर्दी या यूँ कहिए उससे भी ज़्यादा बेदर्दी से… इस शख्स को भी मारा गया. इससे कोई भी इसी नतीजे पर पहुचेगा कि इस शहर मे एक खुला सीरियल किल्लर घूम रहा है…. हमारे सूत्रों ने दिए जानकारी के हिसाब से दोनो भी शव ऐसे कमरे मे मिले क़ी जो जब पोलीस पहुचि तब अंदर से बंद थे. पोलीस को जब इस बारे मे पूछा गया तो उन्होने इस मसले पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. जिस इलाक़े मे खून हुआ वहाँ आस पास के लोग अब भी इस भारी सदमे से उभर नही पाए है…. और शहर मे तो सब तरफ दहशत का मौहाल बन चुक्का है. कुछ लोगों के कहे अनुसार जिन दो शख्स का खून हुआ है उनके नाम पर गंभीर गुनाह दाखिल है. इससे एक ऐसा निष्कर्ष निकाला जा सकता है को जो भी खूनी हो वह गुनहगारों को ही सज़ा देना चाहता है…. इसकी वजह से कुछ आम लोग तो कातिल की वाह वाह कर रहे है…”
“अगर खूनी को मीडीया अटेन्षन चाहिए था तो वह उसमे कामयाब हो चुक्का है… हमने लाख कोशिश की लेकिन आख़िर कब तक हम भी प्रेस से बाते छुपा पाएँगे…” इंस्पेक्टर राज ने पवन से कहा. लेकिन पवन कुछ भी बोला नही. क्यों कि अब भी वह ख़बरे सुन ने मे व्यस्त था.
जो भी हो यह सब जानकारी अपने डिपार्टमेंट के लोगो ने ही लीक की है..
लेकिन अब कुछ भी नही किया जा सकता है…
एक बार धनुष से छूटा तीर वापस नही लिया जा सकता है…
राज सोच रहा था फिर और एक विचार राज के दिमाग़ मे चमका –
कहीं ये उस दिन ज़्यादा मेरा दिमाग़ खराब कर रहा था उस ऑफीसर का तो काम नही… जो सब जानकारियाँ लीक कर रहा हो…
पवन अभी भी टीवी की ख़बरे सुन ने मे व्यस्त था.
शहर मे सब सारी तरफ दहशत फैल चुकी थी.
एक सीरियल किल्लर शहर मे खुला घूम रहा है…
पोलीस अब भी उसको पकड़ने मे नाकामयाब….
वह और कितने कत्ल करनेवाला है…?
उसका अगला शिकार कौन होगा…?
और वह लोगों को क्यों मार रहा है..?
कुछ कारण बस या यूँ ही…?
इन सारे सवालों के जवाब किसी के पास भी नही थे.
शाम हो चुकी थी राज और पवन ने फिर इधर उधर की बातें की और अपने अपने घर की तरफ निकल पड़े.
शाम के 9 बज रहे थे जब राज अपने घर की तरफ बढ़ा अपनी गाड़ी से उतर कर. राज ने बेल बजाई. डॉली ने दरवाजा खोला… डॉली का चेहरा देखते ही राज एकदम फ्रेश महसूस करने लगा.... उसका सवालों से भरा दिमाग़ एक पल तो शांत हो गया.
घर मे आकर राज फ्रेश हुआ और डॉली ने खाना परोसा… खाना परोसने के बाद दोनो ने मिलकर एक दूसरे को खाना खिलाया और राज बेडरूम मे चला गया. डॉली सब काम निपटा कर जब बेडरूम मे घुसी तो राज को सोचता पाया… डॉली ने पूछा कि क्या हाल है जनाब इतना क्या विचार कर रहे हो… राज आज घाटी सारी घटनाए उसको बता दी… और बोला तुम छोड़ो ना ये सब और उसको बाहों मे भर के उसके होंठो पर खुद के होंठ रख दिए और एक गहरा चुंबन लेने लगा…
डॉली ने राज की तरफ देखा इससे पहले के कुछ समझ पाती, राज ने एक हाथ से अपनी पॅंट खोली और उसको एक तरफ फेंक दिया और दूसरे हाथ से डॉली का हाथ अपने लंड पे रख दिया.
डॉली ने हाथ हटाने की कोशिश की पर राज ने उसका हाथ मज़बूती से पकड़ रखा था. कुछ पल दोनो यूँ ही रुके रहे और फिर धीरे से डॉली ने अपना हाथ लंड पे उपेर की ओर किया.
क्रमशः…………………..
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