RE: Chodan Kahani इंतकाम की आग
जहाँ से सिग्नल आ रहे थे उस जगह के आस पास राज और उसकी टीम आकर पहुँच गयी. वह एक वेरहाउस था और वेरहाउस के सामने और आस पास काफ़ी खुला मैदान था.
“कंप्यूटर पर तो यही जगह दिखाई दे रही थी… मतलब यही वेरहाउस मे ही क़ातिल छुपा हुआ होना चाहिए…” राज अपने पास के नक्शे पर और वेर हाउस के आस पास का इलाक़ा देख कर बोला.
ड्राइवर ने राज की तरफ उसके अगले आदेश के इंतेज़ार मे देखा.
“गाड़ी वेर हाउस के कॉंपाउंड मे लो…” राज ने ड्राइवर को आदेश दिया.
“यस सर…” ड्राइवर ने कहा और उसने गाड़ी वेर हाउस के खाली मैदान मे घुसा..
उनके पीछे आनेवाली गाड़ियाँ भी उनके पीछे पीछे उस खाली मैदान मे घुस गयी.
राज की गाड़ी के पीछे सब गाड़ियाँ वेरहाउस के सामने रुक गयी. गाड़ी रोकने के बाद राज ने अपने वाइयरलेस पर कब्जा किया.
“ग्रूप 2, ग्रूप 3 तुरंत वेरहाउस को चारो तरफ से घेर लो…” गाड़ी से उतर ते वक्त राज वाइयरलेस पर आदेश देने लगा.
उसके साथी भी जल्दी जल्दी गाड़ी से उतरने लगे.
“ग्रूप 2 वेरहाउस के दाई तरफ और ग्रूप 3 बाई तरफ से वेरहाउस को घेर लो…” उनकी गड़बड़ी ना हो इसलिए राज ने अपने आदेश का खुलासा किया.
गाड़ी से उतर ने के बाद ग्रूप 2 ने वेरहाउस के दाई तरफ से तो ग्रूप 3 ने बाई तरफ से वेरहाउस को पूरी तरह घेर लिया…. क़ातिल अगर वेरहाउस मे छुपा होगा और उसे भाग कर जाना हो तो उसे इनकी बनाई यह दीवार भेदकर जाना पड़ेगा.. और वह लगभग नामुमकिन था.
अपने दोनो ग्रूप के अच्छी और पूरी तरह से वेरहाउस को घेरने की तसल्ली होने के बाद राज अपने साथ वाले ग्रूप के साथ, वेरहाउस के दरवाज़े के पास लगभग दौड़ते हुए ही गया.
“ग्रूप 1 अब वेरहाउस मे घुसनेवाला है… सबलॉग तैय्यार रहो… अंदर कितने लोग होंगे इसका अभी तक कोई अनुमान नही लगाया जा सकता है…” राज ने फिर से एकबार सब को सतर्क रहने की ताक़ीद दी.
वेरहाउस मे एक जगह कंप्यूटर का मॉनिटर चमक रहा था वह जगह छोड़कर बाकी सब तरफ अंधेरा था. उस कंप्यूटर के सामने एक उधर मुँह किए एक साया खड़ा था और उसकी अपना सामान बॅग मे भरने की गड़बड़ चल रही थी…. सब कत्ल तो हो चुके थे. अब उसकी भाग जाने की तैय्यारि दिख रही थी. अचानक सामान भरते हुए वह रुक गया. उसे वेरहाउस के बाहर या अंदर कोई हरकत महसूस हुई होगी. वह वैसे ही उधर मुँह कर खड़ा होकर गौर से सुनने की कोशिश करने लगा.
सब काम तो अब ठीक ढंग से हो चुके है… और अब मुझे क्यों अलग अलग भ्रम हो रहे है…
अब तक कोई मुझे पकड़ नही पाया जो अब पकड़ पाएगा…
वैसे मेरी प्लॅनिंग कोई कम फुल प्रूफ नही थी…
उसने अपने दिमाग़ मे चल रहे विचारों की कशमकश झटक कर दूर की और फिर से अपने काम मे व्यस्त हो गया
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