RE: Chodan Kahani इंतकाम की आग
इंतकाम की आग--17
गतान्क से आगे………………………
एकदिन दोपहर के वक्त मैने कॉलेज छूटने पर मीनू को अपने प्यार के बारे मे बताया और उससे शादी करने की इच्छा जताई…
लेकिन मीनू ने उसका प्रपोज़ल ठुकरा दिया… मुझे इसकी उम्मीद नही थी… इतनी सहजतासे वह मुझे कैसे ठुकरा सकती है…? उसके अहंकार ठेस पहुच रही थी…
लेकिन क्यों वो मेरे से शादी नही कर सकती मैने उसको पूछा भी तो उसने बताया कि मैं किसी और से प्यार करती हूँ…
फिर बाद मे मैने यह दूसरा लड़का कौन है जिसके लिए मेरा प्यार ठुकरा दिया इसकी खोज मे जुट गया था लेकिन ये पता करने के लिए मुझे ज़्यादा टाइम भी नही लगा… एक पार्क मे शरद और मीनू बैठ कर प्यार भरी बातें कर रहे थे… और में उसी पेड के पीछे छुप कर उनकी बातें सुन रहा और मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था.
“मैने उसपर बहुत… मतलब अपनी जान से ज़्यादा प्रेम किया…” सुधीर ने आह भरते हुए कहा.
“लेकिन मुझे जब पता चला कि वह मुझे नही बल्कि शरद को चाहती है… तब में बहुत निराश, हताश हुआ, मुझे उसका गुस्सा भी आया… लेकिन धीरे धीरे मैने अपने आपको समझाया कि में उसे चाहता हूँ इसका मतलब यह ज़रूरी नही कि वह भी मुझे चाहे.. वह किसी को भी चाहने के लिए आज़ाद होनी चाहिए…” सुधीर ने कहा.
“लेकिन तुमने उन चार लोगो को क्यों मारा…?” राज ने असली बात पर आते हुए पूछा.
“क्योंकि दूसरा कोई भी नही कर सकता इतना प्यार मैने जितना किया था…” सुधीर ने अभिमान के साथ कहा.
“शरद ने भी उससे प्यार किया था…” राज ने उसे और छेड़ने की कोशिश करते हुए कहा.
“वह कायर था… मीनू उससे प्यार करे ऐसी उसकी हैसियत नही थी…” सुधीर ने नफ़रत के साथ कहा, “तुम्हे पता है…? जब उसका बलात्कार होकर क़त्ल हुआ था तब शरद ने मुझे एक खत लिखा था…” सुधीर ने आगे कहा…
“क्या लिखा था उसने…?” राज ने पूछा.
… “लिखा था कि उसे मीनू के बलात्कार और क़त्ल का बदला लेना है… और उसने उन चार गुनहगारों को ढूँढा है… लेकिन उसकी बदला लेने की हिम्मत नही बन पा रही है.. वाईगेरह… वाईगेरह… ऐसा उनसे काफ़ी कुछ लिखा था… मैं एक दोस्त के तौर पर उसे अच्छी तरह जानता था.. लेकिन वह इतना डरपोक होगा ऐसा मैने कभी नही सोचा था… फिर ऐसी स्थिति मे आप ही बताइए मैं क्या करता… अगर वह बदला नही ले सकता तो उन चार हैवानो से बदला लेने की ज़िम्मेदारी मेरी बनती थी… क्योंकि भले ही वह मुझे नही चाहती थी लेकिन मेरा तो उसपर सच्चा प्रेम था…” इतना कह कर उसे अपने हाथ पैर कमजोर हुए ऐसा महसूस होने लगा. वह एकदम से नीचे बैठ गया. उसने अपना चेहरा अपने घुटनो मे छुपा लिया और फुट फुट कर रोने लगा. इतनी देर से रोकने का प्रयास करने के बावजूद वह अपने आपको रोक नही पाया था.
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