RE: Chodan Kahani इंतकाम की आग
इंतकाम की आग--20end
गतान्क से आगे………………………
सुधीर अंकित के दरवाजे के सामने आकर खड़ा हो गया… वह अब बेल दबाने ही वाला था इतने मे बड़े ज़ोर से और बड़े अजीब ढंग से कोई चीखा… एक पल के लिए तो वह चौंक ही गया… कि क्या हुआ… उसका बेल दबानेवाला हाथ डर के मारे पीछे खिंच गया…
मामला कुछ सीरीयस लगता है…
इसलिए वह दरवाजे की बेल ना दबाते हुए अंकित के मकान के खिड़की के पास गया और उसने अंदर झाँक कर देखा….
… अंदर अंकित हाथ मे एक गुड्डा पकड़ा हुआ था… (इसके बाद आप सभी लोग तो जानते ही हो कि अंकित क्या क्या करता है… जिन्हे नही … पता तो एक बार फिर से स्टौरी पढ़ लेना… सब पता चल जाएगा…)
खिड़की से यह सब सुधीर काफ़ी देर से देख रहा था. वह देखते हुए अचानक उसके दिमाग़ मे एक योजना आ गयी…. उसके चेहरे पर अब एक वहशी मुस्कान दिखने लगी… वह खिड़की से हट गया और दरवाजे के पास गया… उसने कुछ सोचा और वह वैसा ही अंकित के दरवाज़े की बेल ना बजाते हुए ही वहाँ से वापस चला गया….
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