RE: Behen Sex Kahani बहन के साथ मस्ती
मैंने दीदी को समझाते हुए कहा- हमें कोई नहीं देख पाएगा। आप चुपचाप बैठी रहो।
मैंने अपना हाथ अब दीदी के जाँघों के अंदर तक ले जाकर उनकी जाँघ के अंदरूनी भाग को सहलाने लगा और धीर-धीरे अपना हाथ दीदी की पैन्टी की तरफ़ बढ़ाने लगा। मेरा हाथ इतना घूम गया की दीदी की पैन्टी तक नहीं पहुँच रहा था।
मैंने फिर हल्के से दीदी के कानों में कहा- थोड़ा नीचे खिसक कर बैठो न।
दीदी ने हँसते हुए पूछा- क्या तुम्हारा हाथ वहाँ तक नहीं पहुँच रहा है।
“हाँ” मैंने दबी जुबान से दीदी को बोला।
दीदी धीरे से हँसते हुए बोली- तुमको अपना हाथ कहाँ तक पहुँचाना है?
मैं शर्माते हुए बोला- तुमको मालूम तो है।
दीदी मेरी बातों को समझ गई और नीचे खिसक कर बैठी। मेरा हाथ शुरू से दीदी के स्कर्ट के अंदर ही घुसा हुआ था और जैसे ही दीदी नीचे खिसकी मेरा हाथ जा करा अपने आप दीदी की पैन्टी से लग गया। फिर मैं अपने हाथ को उठा कर पैन्टी के ऊपर से दीदी की चूत पर रखा और ज़ोर से दीदी की चूत को छू लिया।
यह पहली बार था की अपने दीदी की चूत को छू रहा था। दीदी की चूत बहुत गर्म थी। मैं अपनी उंगली को दीदी की चूत के छेद के ऊपर चलाने लगा।
थोड़ी देर के बाद दीदी फुसफुसा कर बोली- रुक जाओ, नहीं तो फिर से मेरी पैन्टी गीली हो जायेगी।
लेकिन मैंने दीदी की बात को अनसुनी कर दी और दीदी की चूत के छेद को पैन्टी के ऊपर से सहलाता रहा।
दीदी फिर से बोली- प्लीज़, अब मत करो, नहीं तो मेरी पैन्टी और स्कर्ट दोनों गंदी हो जायेगीं।
मैं समझ गया कि दीदी बहुत गर्मा गई हैं। लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता था कि जब हम लोग सिनेमा से निकलें तो लोगों को दीदी गंदी स्कर्ट दिखे। इसलिए मैं रुक गया।
मैंने अपना हाथ चूत पर से हटा कर दीदी की जाँघों को सहलाने लगा। थोड़ी देर के इंटरवल हो गया। इंटरवल होते ही मैं और दीदी अलग-अलग बैठ गए और मैं उठ कर पॉपकॉर्न और पेप्सी ले आया।
मैंने दीदी से धीरे से कहा- तुम टॉयलेट जाकर अपनी पैन्टी निकाल कर नंगी होकर आ जाओ।
दीदी ने आँखें फाड़ कर मुझसे पूछा- मैं अपनी पैन्टी क्यों निकालूँ?
मैं हँस कर बोला- निकाल लेने से पैन्टी गीली नहीं होगी।
दीदी ने तपाक से पूछा- और स्कर्ट का क्या करें? क्या उसे भी उतार कर आऊँ?
“सिंपल सी बात है जब टॉयलेट से लौट कर आओगी तो बैठने से पहले अपनी स्कर्ट उठा कर बैठ जाना” मैंने दीदी को आँख मारते हुए बोला।
दीदी मुस्कुरा कर बोली- तुम बहुत शैतान हो और तुम्हारे पास हर बात का जबाब है।
जैसा मैंने कहा था, दीदी टॉयलेट में गई और थोड़ी देर के बाद लौट आई। जब मैं दीदी को देख कर मुस्कुराया तो दीदी शर्मा गई और अपनी गर्दन झुका ली।
हम लोग फिर से हॉल में चले गए जब बैठने लगी तो अपनी स्कर्ट ऊपर उठा ली, लेकिन पूरी नहीं। हम लोगों के जैकेट अपने-अपने गोद में थी और हम लोग पॉपकॉर्न खाना शुरू किया। थोड़ी देर के बाद हम लोगों ने पॉपकॉर्न खत्म किए और फिर पेप्सी भी खत्म कर लिया।
फिर हम लोग अपनी-अपनी सीट पर नीचे हो कर पर फैला कर आराम से बैठ गए थोड़ी देर के बाद मैंने अपना हाथ बढ़ा कर दीदी की गोद पर रखी हुई जैकेट के नीचे से ले जाकर के दीदी की जाँघों पर रख दिया।
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