RE: Sex Kahani सहेली की मम्मी बड़ी निकम्मी
मैं सोच भी नहीं सकती थी कि मेरी अम्मी आज पूरी रंडी बनी हुई थीं।
अम्मी समझ गईं कि अब ये थपकी देने का मतलब है कि उनकी गाण्ड में लौड़े की शंटिंग शुरू होने वाली है। उन्होंने खुद को गाण्ड मराने के लिए तैयार कर लिया था।
राज अंकल ने अम्मी की गाण्ड में शॉट मारा.. ‘आआह्ह्ह.. धीरे-धीरे राज..’
‘बस बस शाज़िया.. हो गया..’
अम्मी के हलक से एक घुटी सी चीख निकली.. राज अंकल का हाहाकारी लण्ड अम्मी की मुनिया की सहेली उनकी गाण्ड में पूरा घुस चुका था।
शाज़िया- प्लीज राज.. धीरे-धीरे दर्द हो रहा है..
अम्मी के चेहरे पर दर्द साफ़ झलक रहा था।
‘क्यों.. क्या अल्ताफ तुम्हारी गाण्ड नहीं मारता था?’
‘नहीं.. वह गाण्ड मारने के शौक़ीन नहीं हैं.. मुझे इन्हीं धक्कों का और तुम्हारे लण्ड का बड़ी बेसब्री से इन्तजार था। मुझे नहीं मालूम था राज कि तुम्हारा लौड़ा इतना बड़ा है.. आह्ह.. चोदो मुझे और जोर से चोदो..’
राज अंकल अम्मी के ऊपर कुत्ते जैसे चढ़े थे.. अम्मी की गाण्ड पर जैसे ही चोट पड़ती.. उनके दोनों चूचे बड़ी तेजी से हिलते। राज अंकल ने उनके हिलते हुए दुद्धुओं को अपने हाथों से पकड़ लिया.. जैसे राज अंकल ने अम्मी की चूचियों का भुरता बनाने की ठान ली हो।
उनकी गाण्ड को करीब दस मिनट तक ठोकने के बाद वे अम्मी की पीठ से उतरे और फिर उन्होंने अम्मी को चित्त लेटा दिया। अब उन्होंने अम्मी की कमर के नीचे तकिया लगाया और उनके पैर फैला कर उनकी चूत में अपने मूसल जैसे लौड़े को घुसेड़ दिया।
अम्मी भी नीचे से अपनी कमर उठा कर थाप दे रही थीं, अम्मी के मुँह से अजीब सी आवाजें निकलने लगीं थीं- चो..द.. राज.. और..ज्जोर.. स्से..धक्के.. मारर.. मेरेरेरे.. राज्ज्ज्ज..जा !
और फिर वो अचानक शिथिल पड़ गईं.. अम्मी झड़ चुकी थीं।
राज अंकल ने भी तूफानी गति से धक्के मारते हुए उनकी चूत में अपने लण्ड का लावा छोड़ दिया।
उन दोनों की चुदाई देखकर मेरी भी चूत गीली हो गई थी.. मैंने अपनी उंगली से अपनी चूत को सहलाना शुरू कर दिया था।
मुझे मालूम था कि आज राज अंकल अम्मी को देर तक चोदेंगे.. मैंने महसूस किया था कि जब चुदाई होती है.. तो फिर उन दोनों को.. मेरी तो जैसे सुध ही नहीं रहती है।
राज अंकल का इंजन अभी अम्मी की चूत में शंटिंग कर रहा था। मेरी आँखें मुंदने लगी थीं.. कुछ देर बाद मैं सो गई।
अब तो अंकल और अम्मी के बीच के सभी परदे मेरे सामने खुल चुके थे.. अम्मी भी अपनी पूरी मस्ती से अपनी चूत कि चीथड़े उड़वाने में लग चुकी थीं।
राज अंकल अम्मी को जब चाहते तब चोदते थे। धीरे-धीरे वह दोनों मेरे सामने ही एक कमरे में चले जाते और कई-कई घंटे बाद निकलते थे। मैं भी हमेशा अम्मी और अंकल की चुदास लीला देखती थी रात को जाग जाग कर…
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