RE: Sex Kahani सहेली की मम्मी बड़ी निकम्मी
कामिनी ने रिशू के टट्टे पकड़े हुए थे और वो लंड को जोर-जोर से अपने मुँह में चला रही थी। रंगीला ने कामिनी के खुले हुए बालों को पकड़ा हुआ था और वो उसके मुँह में लंड से झटके दे रहा था।
कसम से शर्मिंदा करने वाला सीन था। फिर उसने अपनी लार और थूक से सना हुआ लंड मुँह से निकाला और रिशू का लंड चूसने लगी।
अब मेरी मुश्किल यह थी कि वो लोग मेरी साइड में खड़े हुए ही सेक्स कर रहे थे। जब मैं यहाँ छिपा तो कामिनी की पीठ मेरी ओर थी और अब उसका मुँह मेरी तरफ आ गया था।
साला.. मैं तो यहाँ से सर छिपा के भाग भी नहीं सकता था।
रिशू के काले लंड को दो मिनट और चूसने के बाद कामिनी ने उसे अपने मुँह मुस्कुराते हुए से निकाला। लंड के ऊपर ढेर सारा थूक लगा हुआ था।
‘खड़ा करो इसको..’ रंगीला से उसका हाथ पकड़कर खड़ा करना चाहा। रिशू ने भी उसको ऊपर उठाया। रंगीला ने कामिनी को खड़ा किया और दोनों वापस किस करने लगे।
‘कामिनी ऐसा करो.. तुम झुक जाओ।’
‘ठीक है..’ अब कामिनी दीवार को पकड़कर झुक गई और उसने अपने लाल लहंगे को ऊपर खींचा.. अन्दर उसकी काली थोंग पैन्टी सुडौल गोरे चूतड़ों पर कसी हुई थी.. जिसे रिशू अपने हाथ से खींचने लगा, उसने चड्डी जांघों पर सरका दी।
‘मज़ा आ गया यार.. यह तो कटरीना और आलिया भट्ट को भी पीछे कर देगी। ऐसी छोटी सी गोरी चूत अचानक मिल जाएगी.. सोचा ही नहीं था।’ रंगीला उसकी गोरी पिछाड़ी को और चूत को सहलाते हुए बोला।
कामिनी की छोटी सी मासूम बिना बाल वाली चूत पीछे से दिखने लगी थी।
‘बातें मत बनाओ यार.. जल्दी से डालो न.. पापा कभी भी आ सकते हैं..’ कामिनी ने झुकते हुए अपनी टांगें चौड़ी कर दी थीं।
उसको देख कर रंगीला ने अपने लंड को थोड़ा मर्दन किया.. कामिनी ने रंगीला के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली- जल्दी करो.. कोई भी आ सकता है.. मेरी मम्मी भी आ सकती हैं। तुम मेरी नहीं चाटोगे डार्लिंग?
‘नहीं अभी टाइम नहीं है.. लेकिन फिर भी थोड़ा सा..’
मेरे सामने दो लड़के मेरी बेटी की चूत चाट रहे थे
दोनों हँस पड़े.. क्यूंकि शायद रंगीला से मजाक में वो कहा था।
वो झुककर सच में कामिनी की चूत में अपना मुँह लगा कर उसे जोर-जोर से चाटने लगा, कामिनी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर रही थी और रंगीला के सर को पकड़कर उसके बालों को नोंच रही थी।
रंगीला ने अब अपनी एक उंगली कामिनी की चूत में डाली और उसे अन्दर-बाहर करने लगा।
‘उफ्फ्फ.. रंगीला आह्ह्ह.. यार खुली छत है यार.. जल्दी करो.. पापा देख लेंगे।’ कामिनी की सिसकारियाँ मेरे कानों में टकरा रही थीं।
मेरी मासूम अल्हड़ बेटी शादी के घर में दो अंजान लड़कों से चुद रही थी।
रंगीला ने अब अपनी उंगली चूत से निकाल कर कामिनी के मुँह में डाली। कामिनी ने उस उंगली को चाट के अपनी ही चूत का स्वाद चखा।
अब रंगीला का लंड चूत चोदने के लिए फड़क रहा था, उसने कामिनी को थोड़ा और झुकाया और उसकी टांगों को खोलते हुए अपना सुपारा चूत की दरार पर रख दिया।
उसका लंड मोटा था इसलिए चूत में जाने में कष्ट तो होना ही था।
मेरी बेटी की चूत में लंड घुस गया
कामिनी ने अपने हाथ से लंड को पकड़ कर उसे चूत पर सही सैट किया। रंगीला ने एक झटके में आधा लंड अन्दर कर दिया।
मुझे तो लगा था कि कामिनी रो पड़ेगी.. लेकिन उसके चहरे पर सिर्फ हल्का सा दर्द का भाव आया और उसने लंड चूत में सही तरह से ले लिया।
इसका मतलब कामिनी कॉलेज में लंडखोर थी और उसके लिए बड़ा और मोटा लौड़ा चूत में लेना कुछ नया नहीं था।
रंगीला नीचे झुका और कामिनी की गर्दन चूसने चाटने लगा.. फिर वापस अपनी कमर को एक करारा झटका और देकर उसने लंड पूरा अन्दर कर दिया।
‘आआह्ह्ह्ह.. मर गई यार.. बहुत दर्द हो रहा है.. मैंने सोचा ही नहीं था कि कानपुर के लड़कों का लंड इतना जबरदस्त होता है.. आह्ह्ह्ह..’ कामिनी के मुँह से एक घुटी-घुटी सी चीख निकली, मेकअप से पुते उसके गोरे चेहरे पर दर्द और वासना के भाव उभर आए थे।
दीवार से झुकी हुई अपने लहंगे को ऊपर सरकाए मेरी बेटी कामिनी चुदाई के लिए मचल रही थी।
‘मैंने भी नहीं सोचा था कि इतनी सर्दी में दिल्ली की मस्त लौंडिया अचानक चोदने को मिल जाएगी।’
कामिनी ने अपने हाथ रंगीला की कमर की चारों ओर लपेटे और उसे अपनी करीब खींचने लगी। रंगीला जोर-जोर से अपने लौड़े को चूत में अन्दर-बाहर धकेलने लगा। कामिनी भी अपनी कमर को हिला कर रंगीला का लंड अन्दर जड़ तक लेना चाहती थी।
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