RE: Sex Kahani सहेली की मम्मी बड़ी निकम्मी
रंगीला का मोटा लम्बा लंड मेरी कमसिन चुदासी बेटी की हल्के बाल वाली चूत में बहुत टाइट जा रहा था और मेरी चुदक्कड़ बेटी बोल रही थी – आहह्ह.. और जोर से चोद साले.. मादरचोद मेरी प्यासी चूत को मसल दे..
‘अरे वाह तू तो लोकल निकली.. मैं तो कान्वेंट की है यह जानकार तहजीब दिखा रहा था.. वैसे इधर जिसकी शादी है.. उसकी तू कौन है जंगली कुतिया..? आज मैं तेरी नन्ही सी गुलाबी चूत को चोद-चोद कर तुझे कनपुरिया रंडी बना दूँगा। तुम अमीरजादियाँ कभी एक लंड से नहीं खुश होती हो।’
‘मेरे भैया की शादी है..तुम लोग किसकी तरफ से आए हो?’
‘मेरी बहन की शादी है..’
‘मेरा भाई आज तेरी बहन की चूत लेगा भोसड़ी के..’
‘और मैं तुझे यहाँ चोदकर हिसाब बराबर कर रहा हूँ.. तुझे हर दिन चोदूँगा.. अपनी रंडी बना लूँगा.. लहंगा सम्भाल कुतिया.. वरना कोई समझेगा कि तेरा बलात्कार हो गया।’
‘आआहह्ह… हाँ बना ले यार मुझे अपनी रंडी.. मेरी कच्ची जवानी को चोदकर मुझे कली से फूल बना दे.. चोद दे इस दिल्ली की बिल्ली को..’
मेरी बेटी कामिनी पूरी तरह से वाइल्ड हो गई थी.. उसकी कच्ची जवानी उबाल मार रही थी।
‘रंगीला अब हट यार मुझे चोदने दे..’
‘आ जा रिशू.. तू भी चोद ले.. शायद ऐसी हाईप्रोफाइल लड़की की चुदाई तूने पहले नहीं की होगी।’
रिशू ने तुरंत अपना लंड कामिनी की चूत में डाल दिया।
‘आआह्ह…मर गई यार.. सीईईईई.. उफ्फ्फ.. तुम दोनों मिलकर दिल्ली की बच्ची को रंडी बना दोगे.. और जोर से रिशू.. आह्ह.. और जोर से..’
रिशू झुकी हुई कामिनी की बहुत तेज़ी से चूत मार रहा था। रंगीला ने अपना लंड वापस उसके मुँह में दे दिया।
कुछ देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद रिशू और रंगीला ने कामिनी को फर्श पर झुका कर घोड़ी बना दिया। कामिनी ने अपने आपको कसकर साधा हुआ था और रंगीला ने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।
कामिनी ‘आह.. आह.. ओह..’ करती गई और रंगीला अपना लंड जोर-जोर से उसकी चूत में धकेलता गया।
दस मिनट की पूरी मस्त चुदाई के बाद रंगीला ने लंड जब बाहर निकाला तो उसके अन्दर से फव्वारा निकल कर कामिनी की कमर पर गिरने लगा, कम से कम दस एमएल वीर्य निकल कर कामिनी के ऊपर आ गिरा था।
कामिनी ने पलट कर रंगीला के लंड को अपनी जबान से चाट कर साफ़ कर दिया। रंगीला ने कामिनी को खड़ा करके उसे किस दी और फिर दोनों अपने कपड़े ठीक करने लगे। रंगीला ने कपड़े पहनते-पहनते भी कई बार कामिनी के बदन को छुआ.. और एक बाप छिप कर बेटी की चुदाई देखता रहा।
‘मज़ा आ गया कामिनी.. तूने हमें अपना ग़ुलाम बना लिया।’
कामिनी और वे दोनों अपने कपड़े सही कर रहे थे.. उन तीनों के आने से पहले ही मैं वापस आ गया।
‘बेटा.. कहाँ गई थीं आप..?’
‘वाशरूम में गई थी पापा..’
‘हो गया.. अब चलें घर.. सुबह के चार बजने वाले हैं?’
‘ठीक है चलिए पापा..’
इसके बाद मैं अपनी बेटी कामिनी को लेकर वहाँ से निकल गया। पत्नी वहीं रूक गई थी।
|