Sex Kahani सहेली की मम्मी बड़ी निकम्मी
09-04-2018, 11:23 PM,
#20
RE: Sex Kahani सहेली की मम्मी बड़ी निकम्मी
मैं अन्दर ही अन्दर जल रही थी, मैंने वहाँ से निकल कर फिल्म देखने का प्लान बनाया। मुझे सेंट्रल पार्क के पास वाले सिनेमा हाल में जाना था। मैंने एक ऑटो वाले को हाथ दिखाकर ऑटो को रोका- ऑटो वाला, सेंट्रल पार्क चलोगे?
‘नहीं उधर बहुत ट्राफिक रहता है।’
‘निकल मादरचोद यहाँ से, क्या अपनी माँ चुदाने निकला है।’ ऑटो वाला गुस्से से मेरा मुँह देखता हुआ वहाँ से बढ़ गया, कुछ बोला नहीं क्योंकि मैं औरत थी।

मैं वहाँ से मेट्रो के लिए बढ़ गई। कुछ ही देर में मैं मेट्रो के पुरुष बोगी में एक कोने में थी। शाम होने के कारण अन्दर बहुत भीड़ थी। औरत होने का यह फायदा है कि आप पुरुष डब्बे में चढ़ सकती हैं लेकिन पुरुष महिला डब्बे में नहीं चढ़ सकते।

अन्दर बिल्कुल भी जगह नहीं थी पर जगह बनाते हुए कई लोग अन्दर आ गए।
उनमें से एक की नज़र मुझ से मिली, और न जाने क्यों उसने मेरी तरफ बढ़ना शुरू कर दिया। भीड़ को चीरते हुए वह मेरी तरफ अन्दर आता रहा और मेरे पास आकर रुक गया।

मैं उसको पहचान गई थी, यह अभी कुछ देर पहले रेस्टोरेंट में बैठा मुझे घूर रहा था।
एक दूसरा लड़का भी उसके पीछे पीछे जगह बनता हुआ पास में आ गया। पहला लड़का ऊंचा और गोरा था, दूसरा लड़का साधारण ऊँचाई और रंग का था।

दोनों मेरे पास थोड़ी देर तक चुपचाप खड़े रहे। मेट्रो चलती रही और उसके तेज़ मोड़ बार-बार मुझे उस ऊंचे लड़के से टकराने पर मजबूर कर रहे थे।
शायद उस लड़के को मेरे मम्मों के उछाल से समझ में आ गया कि मैंने टी शर्ट के अन्दर ब्रा नहीं पहनी है, वह ध्यान से मेरे सीने की ओर देखने लगा और फिर थोड़ा और आगे बढ़ कर मेरे और करीब आ गया।

अब तो मेरी नाक उसकी छाती से टकरा रही थी। अगली बार जब ट्रेन का धक्का लगा, तो मैं करीब करीब उसके ऊपर गिर ही पड़ी। संभलने में मेरी मदद करते हुए उसने मेरे दोनों चूचियों को पूरी तरह जकड़ लिया।

इतनी भीड़ थी और हम इतने करीब थे कि मेरे सीने पर उसके हाथ और मेरी चूचियों का बेदर्दी से मसलना कोई और नहीं देख सकता था। मेरे सारे शरीर में करेंट दौड़ गया, अपनी चुत में मुझे अचानक तेज़ गर्मी महसूस होने लगी। इतना सुख महसूस हो रहा था कि दर्द होने के बावजूद मैंने उसे रोका नहीं।

भरे डब्बे में मैं अपनी चूचियां मसलवा रही थी, मुझे सुख की असीम अनुभूति हो रही थी, मेरी सिसकारियां अन्दर ही अन्दर घुट रहीं थीं।
बस फिर क्या था, उसकी समझ में आ गया कि मैं कुछ नहीं बोलूंगी। फिर तो वह और भी पास आ गया और मेरे मम्मे सहलाने लगा। मेरी चूचियाँ तन कर खड़ी हो गई थी, वह उनको मरोड़ता और सहलाता।

मेरी आँखें बंद होने लगी, मैं तो स्वर्ग में थी!

तभी मुझे एहसास हुआ कि पीछे से भी एक हाथ आ गया है जो मेरे मम्मे दबा रहा है। दूसरा लड़का मेरे पीछे आकर सट कर खड़ा हो गया था, उसका लंड खड़ा था और मेरी गांड से टकरा रहा था।

अब मैं उस दोनों के बीच में सैंडविच हो गई थी, दोनों बहुत ही करीब खड़े थे और मुझे घेर रखा था। इतने में पहले लड़के ने अपना हाथ नीचे से मेरी टी-शर्ट में डाल दिया। उसका हाथ मेरे नंगे बदन पर चलता हुआ मेरे मम्मों के तरफ बढ़ने लगा।

मेरी सांस रुकने लगी, मन कर रहा था कि खींच कर अपनी टीशर्ट उतार दूँ और उसके दोनों हाथ अपने नंगे सीने पर रख लूँ।
आखिर उसके हाथ मेरी नंगी चूचियों तक पहुँच ही गए। अब तो मेरी वासना बेकाबू हुए जा रही थी।

पीछे खड़े हुए लड़के ने भी अपना हाथ मेरी टीशर्ट के अन्दर डाल दिया। अब तो मैं सैंडविच बन कर खड़ी थी, मेरे एक मम्मे पर पीछे वाले का हाथ था, और दूसरे को आगे वाले ने दबोच रखा था।

तभी आगे वाले लड़के ने अपना मुँह मेरे कान के पास ला कर कहा- मजा आ रहा है न?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया, मुँह में ज़ुबान ही नहीं थी।

उसने फुसफुसा के कहा- मैडम। थोड़ी टाँगें फैला दे तो और भी मजा दूंगा।

मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा लेकिन वासना की आग इतनी तेज़ जल चुकी थी कि अपने को रोक न पाई, बिना कुछ कहे मैंने अपने टाँगें थोड़ी फैला दी, उसने अपना एक हाथ मेरे मम्मे पर रखा और दूसरा मेरी जीन्स में घुसा दिया। उसकी उंगलियाँ मेरी कोमल नर्म चुत तक पहुँच गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

जैसे ही उसके हाथ मेरी चुत के हल्के बालों से टकराए, वह चौंक गया, फिर अपने दोस्त से फुसफुसा कर बोला- साली ने पेंटी भी नहीं पहनी है। यह तो चुदने के लिए मेल कम्पार्टमेंट में चढ़ी है।

फिर अपनी उंगलियों से मेरी चुत की फांकें अलग करके उसने एक उंगली मेरी गीली चुत में घुसानी चाही, लेकिन उसको रास्ता नहीं मिला।
अब वह दुबारा चौंका और मुझसे ऐसी आवाज़ में बोला कि बस मैं और उसका दोस्त ही सुन सकते थे- मैडम, इतनी बेताब हो चुदने के लिए लेकिन अभी यहाँ पॉसिबल नहीं होगा, चलो अगले स्टेशन पर उतर जाते हैं।
मैं कसमसाई लेकिन कुछ नहीं बोली।

‘अगर तुम चाहो तो हम तुम्हारी चुत को ठंडा कर देते हैं। उसके बाद तुम अपने रास्ते हम अपने रास्ते?’ उसके दोस्त ने मेरी चूची को नोच कर मेरे दूसरे कान में मदहोश करने वाले तरीके से फुसफुसा के कहा- छुआ छुई में जो मजा है, रानी, असली चुदाई में उससे कहीं ज्यादा मजा आएगा। और हम तुझे चोदेंगे भी बहुत प्यार से… तीनों मिल के मौज करेंगे और फिर तुझे हिफाज़त से छोड़ देंगे।
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