Mastram Story चमकता सितारा
09-06-2018, 04:58 PM,
#27
RE: Mastram Story चमकता सितारा
मैं उसके हाथ पकड़ कर लगभग चिल्लाते हुए बोला- कहाँ जा रही हो.. मुझे यूँ अकेला छोड़ कर.. मैं तुम्हें कहीं नहीं जाने दूँगा..
तभी हिचकियाँ लेती हुई वो शांत हो गई। मैं गुम सा हो गया। मैंने उसके दिल के पास अपने कान ले जा उसकी धड़कन सुनने की कोशिश करने लगा। 
फिर मैं वहीं सर रख कर लेट गया और कहने लगा- सुना था कि प्यार में बहुत ताकत होती है.. सच्चे प्यार को ले जाने की हिम्मत खुद उस भगवान में भी नहीं होती.. मैंने जब से तुम्हें देखा था तब से बस तुम्हारी ही चाहत की है। अगर मेरे प्यार में सच्चाई है तो तुम्हें लौट कर आना ही होगा (इस बार मैं जोर से चीखते हुए) तुम्हें मेरे पास आना ही होगा..
मैंने उसके सीने को हाथों से प्रेशर दिया। 
फिर एकदम से एक लम्बी सांस खींचते हुए वो बैठ गई। पास की एक नर्स अपने आंसू पोंछते हुए उससे कहती है- भगवान तुम दोनों की जोड़ी हमेशा सलामत रखे और बेटी तुम्हें इससे अच्छा जीवन साथी नहीं मिल सकता।
‘कट इट.. ब्रिलिएँट शॉट।’
डायरेक्टर के इतना बोलते ही पूरा स्टूडियो तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। 
मैं अब तक लम्बी-लम्बी साँसें ले कर किरदार से बाहर आने की कोशिश कर रहा था। 
तभी डॉली मेरे कान के पास आ कर बुदबुदाई- मैंने जो बात कही थी याद है तुम्हें? जब-जब तुम अपने दर्द में चिल्लाओगे.. हर तरफ बस तालियों का शोर सुनाई देगा।
फिर कोमल आई और मुझे मेरे केबिन तक ले गई। 
कोमल- कमाल है यार… अब तो मुझे भी शक होने लगा है कि तुम में किसी महान एक्टर की आत्मा तो नहीं है। बिना रीटेक लिए हर शॉट को पूरा कर रहे हो। वैसे अब तुम अगले शॉट की तैयारी करो.. मैं तुम्हारे लिए लंच भिजवाती हूँ। 
ये कहते हुए वो बाहर निकल गई, मैंने स्क्रिप्ट को पढ़ना शुरू किया। 
अगला शॉट जन्नत (इस फिल्म में उसका नाम पूजा था) के साथ था। तभी दरवाजे पर खटखटाने की आवाज़ आई। मैंने सोचा लंच आ गया होगा और मैंने दरवाज़े को खोल दिया। सामने कांता थी.. वह मुस्कुराते हुए अन्दर आई और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया। 
मैंने बैठते हुए कहा- ये दरवाज़ा क्यूँ बंद कर दिया तुमने?
वैसे मुझे थोड़ी घबराहट सी होने लगी थी।
कांता ने मेरी गोद में बैठते हुए कहा- तुम्हारे शॉट ने तो मुझमें आग लगा दी है।
मैं- जी.. वो.. शॉ..ट मतलब?
कांता- जान… सच में इतने भोले हो या फिर अभी भी एक्टिंग ही कर रहे हो.. मेरा तो मन हो रहा है कि तुम्हें कच्चा चबा जाऊँ।
फिर उसने मेरे गालों पर अपने दांत गड़ा दिए।
मैंने उसे खुद से दूर धकेलते हुए कहा- ये क्या कर रही हो? मैं किसी और को चाहता हूँ.. और प्लीज तुम मुझसे दूर ही रहो।
कांता- ऐसी भी क्या बात है उसमें.. जो मुझमें नहीं?
मैं- वो मेरे दर्द की दवा है। 
तभी दरवाज़े पर लंच लेकर एक स्पॉट ब्वॉय आ गया।
कांता ने उससे खाना लिया और दरवाज़े को फिर से लॉक कर दिया।
‘देखो मुझे भूख नहीं है.. या तो खुद चली जाओ या मुझे बाहर जाने दो।’ 
कांता- ऐसे कैसे जाने दे सनम.. हमें तो आपने अपना दीवाना बना लिया है, अब तो बिना हमारी ख्वाहिश पूरी हुए हम कहीं नहीं जा रहे हैं।
मैं- कैसी ख्वाहिश?
कांता- आपको अपने हाथों से खिलाने की।
वो खुद बैठ गई और उसने मुझे खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया।
सच कहूँ तो इतना डर मुझे कभी नहीं लगा था। मैं तो एक अबल पुरुष की भाँति बड़ी ही दयनीय दृष्टि से उसे देख रहा था। वो मुझे खिला रही थी और मैंने खुद को इतना बेसहारा कभी भी महसूस नहीं किया था। 
एक हाथ से निवाला मेरे मुँह में डालती तो दूसरे हाथ से मुझे कभी यहाँ तो कभी वहाँ सहलाती जाती।
जैसे-तैसे खाना ख़त्म हुआ और वो बाहर गई। मेरी हालत अब तक खराब ही थी। 
तभी कोमल आई और उसने कहा- शॉट रेडी है। 
मैं बाहर आया तो देखा वो हंसे जा रही थी। मैंने पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। 
इस बार सीन था.. मैं हॉस्पिटल से वापस आया हूँ और थक कर सो गया। सुबह उठते ही मुझे डॉली की याद आने लगी और मेरी आँखें फिर से भर आईं। मैंने उसके पास जाने का फैसला किया.. पर जैसे ही मैं अपने चेहरे को साफ़ करने वाशरूम जाता हूँ, मेरी नज़र शीशे पर पड़ती है। खुद की आंखों में आंसू देख मेरी दूसरी शख्शियत बाहर आ जाती है और मैं सब भूल अपने ऑफिस के लिए निकल जाता हूँ। जहाँ पूजा (कांता) मेरी बॉस है। 
लाइट… कैमरा… एक्शन ! 
मैं अपने एक बेडरूम का फ्लैट का दरवाज़ा खोलता हूँ। मैं अब तक उसकी यादों में उदास था। चाभियाँ वहीं टेबल पर फेंक कर मैं बिस्तर पर लगभग गिरते हुए लेट जाता हूँ और मेरी आँख लग जाती है। 
डायरेक्टर की आवाज़, ‘सीन चेंज.. लाइट.. एक्शन’ 
तभी एक अलार्म की आवाज़ से मैं जागता हूँ। वैसे ही उदास सा मैं वाशरूम में जा कर अपने चेहरे पर पानी की छींटें मारता हूँ और जब मैं शीशे में अपने चेहरे को देखता हूँ तो पानी की बूंदों के साथ बहते मेरे आंसू मुझे दिख जाते हैं। इन आंसुओं को देख कर मुझे गुस्सा आने लगता है और मैं वहीं ज़मीन पर गिर जाता हूँ। 
कट ..कट.. एक और टेक लो। लगभग दस टेक के बाद ये सीन पूरा हो पाया। सीन फिर से आगे बढ़ता है। 
मैं अब उठा तो जैसे किसी नींद से जागा हूँ। मैंने अंगड़ाई ली और तैयार हो कर ऑफिस के लिए निकल गया।
यहाँ पूजा के पब्लिशिंग हाउस में मैं एक लेखक था।
डायरेक्टर- सीन चेंज .. लाइट.. कैमरा… एक्शन
मैं ऑफिस के अन्दर था। सबको ‘गुड मॉर्निंग’ बोलता हुआ मैं अपने केबिन में चला गया.. तभी ऑफिस की एक लड़की मुझे आकर कहती है- सर पूजा मैडम आपको बुला रही हैं।
Reply


Messages In This Thread
RE: Mastram Story चमकता सितारा - by sexstories - 09-06-2018, 04:58 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 4,455 Yesterday, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 3,247 Yesterday, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 16,307 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 7,821 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 5,336 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,760,448 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,974 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,345,431 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,029,713 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,807,889 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 5 Guest(s)