Bhabhi Chudai Kahani भाभी का दूध
09-06-2018, 05:02 PM,
#7
RE: Bhabhi Chudai Kahani भाभी का दूध
भाभी – कहाँ से सीखा ये

मैं – अभी अभी

भाभी – मतलब

मैं – भाभी आपके दूध इतने सुन्दर है कि मैं सोचता हूँ एक को भी थोड़ी देर ना छोड़ू

भाभी – अच्च्छा ऐसा क्या स्पेशल है इनमे

मैं – मत पूच्छो भाभी, क्या नहीं है इतने सुंदर कसे हुए आपकी छ्होटी छ्होटी निपल, जी करता है दिन भर इन्हे ऐसे ही मूह में लिए पीता रहूं.

भाभी – तो पियो ना मना किसने किया है

मैं – सच

भाभी – हां आपका हाथ लगते ही ये और सुंदर हो गये है.आप इन्हे जिस तरह पीते हो मैं तो ……

मैं – मैं तो क्या ?

भाभी – मैं तो दीवानी हो गई आपकी, बहुत प्यार से पीते हो आप इन्हे.

मैं – तो क्या भाई……..

भाभी – हुउँ उन्हे तो एक चीज़ से मतलब रहता है,और सच कहूँ वो जब मुझे हाथ लगाते है तो मैं ऐक्साइट भी नहीं होती,लेकिन आज जब आपने मुझे च्छुआ तो एक अजीब सा एहसास हुआ मैं तो आपके हाथ लगाते ही गीली हो गयी थी.

मैं – गीली मतलब

भाभी – चुप हो जाओ, बड़े आए गीली मतलब


ये कहते हुए भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और चूमने लगी,मैं भी भाभी के निप्पालों को मूह में लेकर चूसने लगा.इन बातों को करते हुए हम फिर गरम हो गये और मेरा लंड भाभी की चूत के अंदर ही अंदर फिर बड़ा हो गया.मैने धीरे धीरे फिर धक्के लगाने शुरू कर दिए और भाभी मुझे कस कर पकड़ कर मेरा साथ देने लगी,अब भाभी भी नीचे से अपनी गांद गोल गोल घुमाने लगी.मैने एक हाथ नीचे कर अंगूठे से भाभी के दाने को सहलाते हुए लंड आगे पीछे करने लगा.भाभी और तेज़ी से आगे पीछे होने लगी.मैने भाभी से कहा आप मेरे ऊपर आ जाओ.भाभी ने वैसा ही किया. अब भाभी मेरे ऊपर बैठ कर अपने हिसाब से मज़े लेने लगी.


और थोड़ी देर बाद थक कर मेरे ऊपर लेट गई मैने फिर भाभी दूधों को अपने मुँह में लिया और नीच्चे से धक्के देना शुरू कर दिया,अब भाभी दोनो पैर सीधे कर मेरे ऊपर लेट गई और हम आपस में एक दूसरे को घिसने लगे.मैने दोनो हाथ से भाभी की गांद को पकड़ कर आगे पीछे करने लगा.मेरा सपोर्ट पा भाभी खुश हो गयी और फिर मुझे पागलों समान चूमने लगी,मैने समझ गया कि शायद भाभी झड़ने वाली हैं,मैने धक्के और तेज कर दिए और थोड़ी ही देर में हम दोनो फिर झाड़ गये और ढेर हो गये.थोड़ी देर बाद भाभी मेरे ऊपर से हटी और ओढ़ने के लिए चादर ढूँढने लगी.

मैं – चादर मत ओढ़ो

भाभी- - क्यों अभी मंन नहीं भरा क्या

मैं – आपसे कभी मंन भर सकता है क्या, इतनी तपस्या के बाद तो आप मिली हो मुझे जी भर कर देखने दो.


उसके बाद मैने भाभी को सीधा लेटा दिया और पूरे शरीर के एक एक उभार को देखने, महसूस करने लगा. भाभी के दोनो दूध पूरे गोल और कसे हुए सीधे आसमान की तरफ देख रहे थे,मानो किसी मस्जिद के गुंबद हों जैसे.मैं बड़े ही हल्के हाथ से दोनो दूधों के चारों ओर हाथ घुमा लगा और महसूस करने लगा.फिर धीरे से निपल के ऊपर हाथ ले जाकर उसे उंगली से धीरे धीरे रगड़ने लगा.

भाभी – आपके हाथो में जादू है पूरा शरीर तय्यार हो जाता है.

मैं – ये जादू नहीं प्यार है, जो आप महसूस कर रहे हो.

भाभी – पहले क्यों नहीं मिले आप

मैं – जब मिले तब ही सही, मिले तो.

बातें करते करते में भाभी के पूरे शरीर को नाप रहा था.उनके पेट,कमर, नाभि,दूध,जांघें, हर एक भाग हर एक कटाव पर बड़े ही हल्के हल्के हाथ फिरा रहा था और उन्हे महसूस कर रहा था.

भाभी – मत करो मैं फिर तय्यार हो जाउन्गि

मैं – तो हो जाओ ना (ये कहते हुए मैने भाभी का हाथ नीच अपने लंड पर ले गया भाभी ने फिर उसे कस के पकड़ लिया और एक गहरी साँस ली)

भाभी – ये तो फिर तय्यार हो गया कितना गरम और कड़ा हो गया है

मैं – ये भी तो गरम हो रही है.(मैने भी नीचे हाथ डाल कर भाभी की चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया.)

भाभी – ये शैतानी करता है ना इसलिए ( भाभी मेरे लंड को हिलाते हुए बोली)

मैं – इसे इनको देखकर मस्ती चढ़ती है.हमेशा मुझे घूरते रहते है. (मैने भाभी के एक दूध को दबाते हुए कहा)

भाभी – ये आपको घूरते है कि आप.हमेशा यहीं नज़रें टिकी रहती है.

मैं – आपको कैसे पता.

भाभी – मुझे देखोगे तो मुझे पता नहीं चलेगा क्या.मैने बहुत बार आपको इन्हे घूरते हुए देखा है,और उन नज़रों का ही जादू है जो मैं आज आपके साथ ऐसे हूँ.

मैं – तो फिर इतने दिन परेशान क्यों किया.

भाभी – मैने कहाँ परेशान किया आप ही ने देर लगाई.

मैं – मुझे इतना परेशान किया अब मैं पूरा हिसाब लूँगा (ये कहते हुए मैं भाभी के ऊपर फिर से चढ़ गया और लंड अंदर डालने की क़ोस्शिश करने लगा)

भाभी – किसी काम का नहीं छोड़ोगे क्या?

मैं – थक गयी क्या

भाभी – थॅकी? आज तो पूरा शरीर लक हो गया.कब से प्यासी थी प्यार की.


मैं – मैं तो आपको जब से प्यार कर रहा हूँ आप ने मुझे कहाँ किया.

भाभी – अच्च्छा तो अभी तक क्या कर रही थी

मैं – वो तो मेरे प्यार का जवाब दे रही थी

भाभी – तो मैं अलग से कैसे प्यार करूँ

मैं – वो आप सोचो


फिर भाभी ने मुझे कस के गले लगा लिया और अपने ऊपर से उतार का बगल में लेटा दिया और चूमने लगी पहले गालों को फिर छाती पर फिर नीचे सरकते हुए मेरे लंड तक पहुँच गई अब मेरा लंड भाभी के दोनो दूधों के बीच में था और भाभी अपने दोनो हाथो से अपने दूधों को चिपका कर मेरे लंड को बीच में रख कर आगे पीछे करने लगी. फिर मेरे सूपदे के ऊपर चारों तरफ अपनी जीभ चलाने लगी बीच बीच में दाँत भी गढ़ा देती.फिर अपनी जीभ से पूरे लंड में ऊपर से नीचे फेरने लगी मेरा लंड इतना ज़्यादा टाइट हो गया था मानो उसे एक दो इंच और बढ़ना हो.भाभी अब मेरे अंडों तक पहुँच गयी थी एक एक कर मेरे दोनो अंडे मूह में ले रही थी.मेरा पूरा लंड अब भाभी के थूक से चमक रहा था.भाभी उसे हाथ से पकड़ कर मूठ मारने लगी.
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