RE: Gandi Kahaniya तड़फती जवानी
पर वो आदमी उसे बार बार उकसाने की कोशिश करता।
एक दिन मैंने हेमा से कहा- मेरी उससे बात करवाओ।
तो हेमा ने उसकी मुझसे बात करवाई फिर मैंने भी उसे समझाया।
वो लड़का समझदार था सो वो समझ गया पर उसने कहा- मेरे लिए हेमा को भूलना मुश्किल है।
शादी का दिन नजदीक आ गया और मैं घर चली आई और हेमा से मिली।
मैंने उसके दिल की बात उसके सामने पूछी- क्या तुम उस लड़के को चाहती हो?
उसने कहा- चाहने न चाहने से क्या फर्क पड़ता है जो हो नहीं सकता, उसके बारे में सोच कर क्या फ़ायदा!
मैंने उससे कहा- देखो अगर तुम उसे पसंद करती हो तो ठीक है, जरुरी नहीं कि शादी करो समय बिताना काफी है, तुम लोग रोज मिलते हो अपना दुःख-सुख उसी कुछ पलों में बाँट लिया करो।
तब उसने कहा- मैं उसके सामने कमजोर सी पड़ने लगती हूँ.. जब वो कहता है कि वो मुझसे प्यार करता है।
मैंने उससे पूछा- क्या लगता है तुम्हें..!
मेरा सवाल सुन कर उसकी आँखों में आंसू आ गए और कहने लगी- जब वो ऐसे कहता है.. तब मुझे लगता है उसे अपने सीने से लगा लूँ, उसकी आँखों में इतना प्यार देख कर मुझसे रहा नहीं जाता!
मैं उसके दिल की भावनाओं को समझ रही थी, पर वो रो न दे इसलिए बात को मजाक में उड़ाते हुए कहा- तो ठीक है.. लगा लो न कभी सीने से.. मौका देख कर..!
और मैं हँसने लगी।
मेरी हँसी देख कर वो अपने आंसुओं पर काबू करते हुए मुस्कुराने लगी।
|