RE: non veg story किरण की कहानी
कंप्यूटर की टेबल काफ़ी बड़ी थी कंप्यूटर रखने के बाद भी काफ़ी जगह रहती थी तो एसके ने मुझे मेरे बगल से पकड़ के उठा लिया और मुझे टेबल पे बिठा दिया और वो नीचे खड़े खड़े मेरी चुचिओ को दोनो हाथो से मसल्ने लगा और एक के बाद दूसरी चुचि को चूसने लगा निपल्स को काट ने लगा तो मैं बोहोत ही मस्त और गरम हो गई और उसके आकड़े हुए लंबे लंड को अपने हाथो से पकड़ लिया. मैं उसके लंड को अपने दोनो हाथो से पकड़े हुए थी लैकिन उसका लंड फिर भी थोडा सा मेरे दोनो हाथो के बहेर निकल रहा था और मैं उसके लंड को अपने पूरे हाथ मे पकड़ नही पा रही थी इतना मोटा और बड़ा था उसका लंड जो मेरे हाथ मे नही आ रहा था. मैं उसके लंड को दोनो हाथो से पकड़ के आगे पीछे करने लगी. वो मेरे सामने खड़ा था तो उसका लंड मेरे थाइस पे लग रहा था तो मैं खुद थोड़ा सा टेबल पे सामने को खिसक गई और टेबल के एड्ज पे आ गई तो उसका लंड अब मेरी चूत पे लगने लगा जिस्मै से निकलता हुआ प्री कम मेरे चूत के अन्द्रूनि भाग को चिकना कर रहा था. मैं ने अपनी टाँगें थोड़ी और खोल ली और
उसके बॅक पे क्रॉस कर ली और उसे अपनी तरफ खेचने लगी. उसके लंड के सुपादे को अपनी चूत के लिप्स के अंदर रगड़ना शुरू कर दिया और उसके प्री कम से चिकना लंड का सूपड़ा चूत के अंदर लगने से मैं इमीडीयेट्ली झड़ने लगी इतना एग्ज़ाइट्मेंट था. इतना बड़ा तगड़ा लंड देख के डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था.
वो कभी मेरी चुचिओ को मसल ता तो कभी मेरी गंद को दबाता. मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल था. उसने चेर को टेबल के करीब पुल किया और उस पे बैठ गया और मेरे थाइस पे अपने होंठ रख दिए तो मैं टेबल के पूरे किनारे पे आ गई और अपने हाथो से उसका सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा दिया और अपनी टाँगें उसके शोल्डर्स पे रख के उसको अपनी तरफ खेचने लगी. उसका मूह मेरी चूत पे लगते ही मैं फिर से झड़ने लगी आज बोहोत मस्ती मे थी मैं एक तो यह के आज से पहले कभी इतना बड़ा इतना मस्त लंबा मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड देखा भी नही था और दूसरे यह के अशोक तो बॅस आग लगाना ही जानता था आग बुझाना नही और आज मुझे पक्का यकीन था के मेरी इतने महीनो से जलती चूत मे लगी आग आज इस तगड़े लंड से बुझ जाएगी. मेरे हाथ उसके सर को पकड़े हुए थे और मैं उसके सर को चूत के जितना अंदर हो सकता था घुसा लेना चाहती थी. वो चाट ता रहा उसकी ज़बान मेरी चूत के अंदर बोहोत मज़ा दे रही थी. कभी कभी तो पूरी चूत को अपने दांतो से पकड़ के काट लेता तो मेरी सिसकारी निकल जाती मेरी आँखें बंद थी ऊऊऊऊऊऊओह बोहोत मज़ा आ रहा था.चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी जूस कंटिन्यू निकल रहा था. पता नही कितने टाइम मैं झाड़ गई और एसके सारा जूस पीते रहे.
थोड़ी देर के बाद एसके खड़े हो गये और मुझे उठा लिया तो मेरी टाँगें उसके बॅक पे लिपट गई और मैं उसके बॅमबू जैसा लंड पे बैठ गई और वो मुझे ऐसे ही उठाए उठाए बेड रूम मे ले आया और मुझे आधे बेड पे लिटा दिया ऐसे के मेरी टाँगें नीचे फ्लोर पे थी और मेरा आधा बदन बेड के किनारे पे. अब एसके फिर से फ्लोर पे बैठ गया और मेरी चूत को सहलाने लगा और कहने लगा के वाउ किरण क्या मक्खन जैसी चिकनी चूत है मस्त मलाई जैसी चूत लगता है आज ही झातें सॉफ की हो तुम ने मैं कुछ भी नही बोल सक रही थी मस्ती मे आँखें बंद थी और गहरी गहरी साँसें ले रही थी. थोड़ी देर ऐसे ही चूत को सहला ते सहलाते उसने मेरी चूत को एक बार फिर से मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया और चूत मे से जूस कंटिन्यू निकल ने लगा और मेरी चूत मे आग लगने लगी. मेरे लेग्स उसके नेक पे थे और मैं उसके सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसेड रही थी और अपनी गंद हिला हिला के अपनी चूत उसके मूह मे
रगड़ रही थी. मेरी चूत मे से जूस निकलता रहा और मे झड़ती रही. थोड़ी देर के बाद वो अपनी जगह से उठा और अपने लंड के मशरूम जैसे सूपदे को मेरी चूत के लिप्स के बीच मे रख दिया तो मैं इमीडीयेट्ली उसके लंड को अपने हाथ मे ले के अपनी चूत मे रगड़ने लगी. लंड के प्री कम और चूत का जूस दोनो मिल के मेरी नाज़ुक चूत को गीला कर चुके थे मेरी चूत बोहोत ही गीली और स्लिपरी हो चुकी थी.
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