RE: Chodan Kahani दस लाख का सवाल
चार-पांच मिनट की पुरलुत्फ चुदाई के बाद मेरे लंड पर वहीदा की चूत का शिकंजा कसने लगा. मुझे अपने लंड पर एक लज्ज़त भरा दबाव महसूस होने लगा. मुझे लगा कि अब मेरा काम होने वाला है. एक तरफ मैं अपनी मंजिल पर पहुँचने के लिए बेसब्र हो रहा था पर दूसरी तरफ मेरा दिल कह रहा था कि मज़े का यह आलम अभी ख़त्म नहीं होना चाहिए. बहरहाल मैंने फैसला किया कि इतनी जल्दी निपटना मुनासिब नहीं है. मैंने किसी तरह अपने धक्कों को रोका. जब मैंने अपने लंड को चूत से बाहर खींचा तो वहीदा ने अपना चेहरा पीछे घुमाया. उसकी सवालिया निगाहें पूछ रही थीं कि मैंने लंड को चूत से जुदा क्यों कर दिया. मैंने उसे तस्कीन देते हुए कहा, “मैं फिर तुम्हे सामने से चोदना चाहता हूं. अब सीधी लेट जाओ.”
मेरे अल्फाज़ से वहीदा बेशक शर्मज़दा हुई पर उसे यह तसल्ली भी हुई कि चुदाई अभी ख़त्म नहीं हुई है. उसने तुरंत मिश्नरी पोजीशन अख्तियार कर ली. मेरा मकसद पोजीशन बदलने के बहाने थोडा वक़्त हासिल करना था. मैं उसकी कमर पर बैठ गया. मैंने अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों पर रख दिये और उन्हें मसलने लगा. वहीदा की गर्मी बढ़ने लगी और उसकी साँसें तेज हो गईं. मैं उसकी चून्चियों को मसलते हुए आगे झुक कर उसके होंठों को चूमने लगा. कभी-कभी मैं उसके निप्पल अपनी अंगुलियों के बीच पकड़ कर मसल देता था. वहीदा की आँखें बंद थी. उसकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी. कुछ देर उसकी जीभ के जायके का मज़ा लेने के बाद मैंने अपने मुंह को उसके मुंह से अलग किया और उसे उसके मम्मे पर रख दिया. मैं उसके एक मम्मे को चूसने लगा और दूसरे को अपने हाथ से मसलने लगा. एक बार फिर वहीदा की गर्मी शिखर पर पहुँच गई. उसका जिस्म बेकाबू हो कर मचलने लगा. उसकी साँसे उखडने लगीं. उसने अपनी आँखें खोल कर मुझे इल्तज़ा
भरी नज़र से देखा.
मैं अपनी उत्तेजना पर काबू पा चुका था इसलिए अब मैं भी चुदाई फिर से शुरू करने के लिए तैयार था. मैं वहीदा के पुरकशिश और दिलफरेब जिस्म से पूरी तरह लुत्फ़-अंदोज़ होना चाहता था. मेरा लंड भी अब चूत की गिरफ्त का ख्वाहिशमंद था.
मैं उसके ऊपर लेट गया. उसने अपनी टांगें चौड़ी कर दीं. मेरा तना हुआ लंड उसकी चूत के मुहाने से टकराया. चूत का गीलापन उसकी हालत को बयां कर रहा था. वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी. वहीदा ने अपना हाथ नीचे किया और मेरे लंड को
पकड़ कर अपनी चूत से सटा दिया. मैंने अपने चूतड़ों को आगे धकेला तो मेरा लंड चूत को फैलाता हुआ उसके अंदर समाने लगा. वहीदा के मुंह से एक आह निकल गई. उसने मेरी कमर को अपने हाथों से थाम कर अपने चूतड़ों को थोड़ा ऊपर-नीचे
किया ताकि मेरा लंड ठीक से उसकी चूत में अपनी जगह बना ले. जब उसकी चूत ने लंड को पूरी तरह ज़ज्ब कर लिया तो उसने मेरे चेहरे को अपनी जानिब खींचा और मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए. उसके होंठों का मज़ा लेने के साथ-साथ मैं
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