Free Sex Kahani प्यासी आँखों की लोलुपता
09-08-2018, 01:52 PM,
#5
RE: Free Sex Kahani प्यासी आँखों की लोलुपता
उस दिन छुट्टी थी। सुबहसे ही जब मैं जय के आने की तैयारी मैं लगी हुई थी, तो राज मेरे पास आये और बोले, “जानू, मैं चाहता हूँ की आजकी शाम एक यादगार शाम हो”
मैंने जब प्रश्नात्मक दृष्टि से राज को देखा तब उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूँ की आज शाम के लिए आप कुछ ख़ास कपडे पहनिए और आज आप कुछ खेलदिली दिखाइए। “
राज का ‘ख़ास’ वस्त्रों का अर्थ मैं भली भाँती जानती थी। उनका कहना का अर्थ था ‘भड़कीले’ कपडे पहनना। पर मैं खेलदिली का अर्थ नहीं समझी। मैंने राज से पूछा, “खेलदिली से तुम्हारा क्या मतलब है?”
“मेरी प्यारी डॉली, मैं चाहता हूँ की आज शाम को आप जैसे बहाव बहता है ऐसे ही बहते जाओ। आप एकदम तनाव मुक्त रहो और यदि बातचीत कुछ उत्तेजना पूर्ण हो जाए तो भी कोई तरह की खीच खीच मत करना।” मेरे मनमें कुछ द्वन्द हुआ की क्या राज मेरी और जय की करीबी की बातें सुनकर उत्तेजित हो रहे थे और चाहते थे की बात कुछ आगे बढे? पर इसका कोई जवाब मेरे पास नहीं था। यह सिर्फ मेरे मनका एक तरंग ही था।
राज ने मुझे शामके लिए आधी (घुटनों तक की) जीन्स और ऊपर जाली वाली ब्रा पहन कर उसके ऊपर कॉटन का पतला टॉप पहन ने को कहा जो ऊपर से एकदम ढीला और खुला था और नीचे ब्रा के पास एकदम कस कर बंद होता था। मेरा टॉप, बस ब्रा के के किनारे पास ही ख़तम हो जाता था जिससे मेरे स्तनों के निचले हिस्से से लेकर पूरी कमर, पेट, नाभि और उसके बाद का थोड़ा सा उभार और फिर एकदम ढलाव (जो मेरी दो टांगों के मिलन से थोड़ा ही ऊपर तक था) का हिस्सा पूरा नंगा दिख रहा था।

मेरे दोनों स्तन मंडल उभरे हुए दिख रहे थे। मैंने राज से बड़ी मिन्नतें की की वह मुझे ऐसे ड्रेस पहनने के लिए बाध्य न करे पर वह टस का मस न हुआ। उसका कहना था की अगर मैं चाहती हूँ की जय ठीक हो तो मुझे जो वह कहता था वह करना ही पड़ेगा। मुझे राज पर पूरा भरोसा था की वह कभी मुझे गलत काम करने के लिए नहीं कहेंगे। मैंने तब यही ठीक समझा की मैं राज की बात मानूं और उसे सहयोग दूँ।
तैयार होने पर जब मैंने अपने आपको आयने में देखा तो मैं भी खुद पर फ़िदा हो गयी। मेरे थोड़ा झुकने से मेरे दोनों स्तनों का उभार और बीच की गहरी खाई स्पष्ट रूप से दिख रहे थे। मरे दोनों कूल्हे बड़े ही तने हुए उभरे हुए दिख रहे थे। राज ने मेरे लिए यह वेश ख़ास दिनों के लिए खरीदा था। मैंने कभी इसे पहले पहना नहीं था। मेरी यह वेशभूषा जय को कैसे लगेगी और उसका क्या हाल होगा यह सोचकर मेरी टांगों के बीच में से पानी चूने लगा और मैं सिहर उठी। मुझे डर लग रहा था की कहीं इस हाल में देख कर वह मुझे अपनी बाहों में दबोच ही न ले और कोई कुकर्म न कर बैठे। पर चूँकि राज भी होंगे, यह सोच कर मेरी जान में जान आयी।
मैं कपडे पहन कर राज के पास गयी और बोली, “जानू, बताओ, मैं कैसी लग रही हूँ।?”
राज ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और बोले, “हे भगवान्! जानू, तुम तो बड़ी कातिलाना लग रही हो! मन करता है की मैं तुम्हे खा जाऊँ।” ऐसा कहकर, राज मुझ पर लपक पड़े और मुझे अपनी बाहों में दबोच लिया।
मैंने धक्का मार कर उन्हें बड़ी मुश्किल से दूर किया और कहा, “दूर रहो। जय के आने का समय हो चुका है। एक बार जय को वापस चले जाने दो, फिर मुझे तुम पेट भर के खा लेना। वह आ गए और उन्होंने यदि हमें इस हालात में देख लिया तो उनके मनमें लोलुपता का भाव पैदा हो जायेगा। ”
राज ने आँख मारते हुए कहा, “जय के मनमें ऐसे भाव तो हैं ही। और अगर नहीं है तो मुझसे मिलने के बाद हो ही जाएंगे”
राज के कहने का मतलब मैं समझ नहीं पायी। मैं जैसे ही राज को पूछने जा रही थी की दरवाजे की घंटी बज पड़ी। मैंने दरवाजा खोला। दरवाजे पर जय खड़े थे। उनके हाथों में एक वाइन की बोतल भेंट के पैकिंग में थी। जय ने मुझे देखा तो उनके होश ही जैसे उड़ गए। उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। उनकी आँखें मेरे बदन पर गड़ी की गड़ी रह गयीं। मुझे देखकर उनकी आँखें जैसे चौंधिया सी गयी थीं। मैं जय के चेहरे के भाव देख परेशान हो गयी। मैंने पीछे हट कर उनको अंदर आनेके लिए आमंत्रित किया। पर जय तो वहीं के वहीं खड़े ही रह गए। तब राज पीछे से आगे आये और जय को गले से लगाते हुए उन्हें घर में ले आये।
जय ने झुक कर राज को वह वाइन की बोतल दी, जिसे राज ने स्वीकार की और जय को ड्राइंग रूम में आदर पूर्वक सोफे पर बिठाया। राज ने तीन गिलास में वह वाइन डाली । मैं शराब तो नहीं पीती थी,पर कभी कभी वाइन ले लेती थी। जब राज ने काफी आग्रह किया तो थोड़ा हल्का फुल्का विरोध करने के बाद मैंने वाइन के गिलास को हाथ में लिया और हम तीनों ने ‘चियर्स’ किया और मैंने एक छोटीसी घूंट ली और मैं रसोई में चली गयी।
राज और जय दोनों मर्द आपस में ख़ास दोस्तों की तरह बातें करने लगे। मैं रसोई में जाकर अपने काम में लग गयी। कभी कभी मुझे रसोई में से उनकी बाते थोड़ी बहोत सुनाई देती थी। कई बार उनको मैंने मेरे बारेमें बात करते हुए सुना। जब मैं रसोई से सारा काम निपटा कर बाहर आयी तो जय एकदम बदले से लग रहे थे। उन्होंने पहली बार मुझे देखकर खुल कर मुस्काते हुए “हाई” कहा। जय में इतना परिवर्तन लाने के लिए राज ने क्या किया वह मेरी समझ से बाहर था। मैं जय के लिए फिर भी खुश थी।
मैं तुरंत रसोई में गई और मैंने राज को रसोई में से ही आवाज देकर बुलाया। जब राज आये तो मैं उनसे लिपट गई और बोली, “तुम्हारे में जादू है। तुमने भला क्या कर दिया की जय इतने थोड़े समय में ऐसे बदल गए? खैर, जो भी हो, तुमने मेरे सर से एक बड़ा भारी बोझ हल्का कर दिया।”
तब राज ने कहा, “यह तो ट्रेलर था। डार्लिंग, पिक्चर तो अभी बाकी है।” मैं हैरानगी से सोचने लगी की और क्या क्या होगा।

खाने के बाद हम तीनो ड्राइंग रूम में जा बैठे। राज ने अपनी जेब से एक ताश के पत्तों का पैकेट निकाला और ताश की गड्डी को अपनी उँगलियों के बीच फैंटते हुए बोले, “तुम दोनों मेरे पास आ जाओ। हम ताश खेलेंगे। हम तीन पत्ती का खेल खेलेंगे”
जय और मैं भी बड़ी उत्सुकता पूर्वक ताश खेलने के लिए तैयार हो गए। मैंने ताश खेला था और मैं ताश के नियम जानती थी। राज ने कहा, “पर यह ताश का खेल थोड़ा सा अलग है। इसमें कोई पैसे नहीं डालने हैं पर एक शर्त है। हर एक खेल के बाद जो हार जाएगा उसको बाकी दोनों की एक एक बात माननी पड़ेगी। बोलो मंजूर है?”
जय और मैंने कहा, “मंजूर है।”
खेल में पहले राज हार गए। मैंने कोई फिल्म का एक गाना अपने ऑडियो सिस्टम पर चलाया और उन्हें उस पर नाचने के लिए कहा। राज बुरा मुंह बनाते हुए अजीबो गरीब तरीके से नाचने लगे। मैंने और जय ने खूब हंस कर तालियां बजायी। जय ने राज को कोई गाना गाने के लिए कहा। राज की आवाज सुरीली थी और एक गाने की एक लाइन उन्होंने सुनाई। मैंने और जय ने फिर से तालियां बजायी।
दूसरा खेल जय हारे। राज ने जय को किसी की भी नक़ल करने को कहा। जय ने मेरी ही नक़ल करना शुरू किया। मैंने कैसे उन्हें बुरी तरह से डाँट दिया उसकी नक़ल करने लगे। नक़ल करते हुए जय गंभीर हो गए और उन की आँखों में आंसू आ गये। राज और मैं उनके पास गए। राज ने उनको गले लगाया और कहा, “जय, डाँटते तो अपने ही हैं। झगड़ा तो अपनों से ही किया जाता है, परायों से नहीं। डॉली और मैं तुम्हें अपना मानते हैं। डॉली मुझे भी डाँटती रहती है। तुम तो बुरा मान सकते हो, पर मैं क्या करूँ? अगर मैं कुछ बोला तो मुझे तो भूखों रहना पडेगा। भाई मैं तो भूखा नहीं रह सकता।”
राज की बात सुन कर जय हंस पड़े और कहा, “डॉली, मैं कुछ ज्यादा ही बड़बोला हूँ। मुझे माफ़ कर दो।”
राज ने कहा, “जो एक दूसरे को प्यार करते हैं वह कभी माफ़ी नहीं मांगते।”
जब मैंने राज से यह सूना तो मेरे मन में एक डर पैदा हुआ। मैं सोचने लगी की ऐसा कहते हुए राज ने क्या जय और मैं हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे ऐसा जता ने की कोशिश तो नहीं की थी?
राज ने मेरी और देख कर कहा, “डार्लिंग, सोचो मत, पत्ते फ़ैंटो और बाँटो।”
जब मैं हारी तब मैं बड़े ही असमंजस में पड़ गयी की मुझे क्या सजा मिलेगी। जय ने मुझे फैशन परेड मैं जैसे लडकियां कैट वाक करती हैं, ऐसे चलने के लिए कहा। मैंने बड़ा नाटक करते हुए जैसे लडकियां टेढ़ी मेढ़ी चलती हैं ऐसे चलने लगी और फिर जय के पास जाकर कूल्हे को टेढ़ा कर रुक गयी और उसे मेरी अंगभंगिमा का नजारा देखने दिया। फिर कूल्हों को हिलाते हुए राज के पास चली गयी। दोनों मर्दों ने खूब तालियां बजायी।
अब राज की बारी थी की वह मुझे हारने पर सजा दे। तब राज ने मुझे एक बड़ी अजीब सजा दी। उन्होंने कहा की मैं जय के पास जाऊं और उसे गाल पर चुम्बन करूँ। मैं परेशान हो गयी। यह तो ठीक नहीं था। मैंने राज की और देखा। उन्होंने धीरे से मुझे आँख मारी और आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया। शायद यह उनका जय को खुश करने का प्लान था।
Reply


Messages In This Thread
RE: Free Sex Kahani प्यासी आँखों की लोलुपता - by sexstories - 09-08-2018, 01:52 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 14,231 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,844 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,693 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,757,038 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,522 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,826 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,177 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,352 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,419 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,855 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)