RE: Rishton Mai Chudai एक भाई ऐसा भी
सारे पैसे केशव ने काजल को रखने के लिए दे दिए...वो पलटकर जैसे ही उपर अपने कमरे मे जाने लगी , केशव एकदम से बोला : "मूँगफली...''
और वो शब्द सुनकर काजल को एकदम से वो बात याद आ गयी जो किचन मे उसने केशव से बोली थी...की रात को वो अपनी मूँगफली खिलाएगी उसको..और वो याद करते ही उसकी दोनो मूंगफलियां यानि निप्पल्स टाइट हो गयी...वो गहरी साँसे लेने लगी...और उसका दिल ज़ोर-2 से धड़कने लगा..
अगर इस वक़्त केशव उसको पीछे से पकड़कर उसकी दोनो चुचियाँ ज़ोर से दबा देता तो वो वहीं के वहीं पिघल जाती...लिपट जाती उसके साथ...नोच फेंकती अपने और उसके कपड़े...और खिला देती अपने भाई को अपनी मूँगफलियाँ..
उसने हकलाते हुए कहा : "क....क्या कहा.....तुमने....''
केशव : "ये मूँगफलियाँ तो अंदर रख दो दीदी...बाहर पड़ी हुई सील जाएँगी....इनका करारापन चला जाएगा...''
उसने प्लेट मे रखी मूँगफलियों की तरफ इशारा किया.
काजल : "ओह्ह्ह .......मैं समझी......उम्म्म्मम..... ओक ...रख देती हू....''
और इतना कहकर उसने जल्दी से वो प्लेट उठाई और भागकर किचन मे चली गयी...फिर वो बाहर निकल कर जैसे ही अपने कमरे मे जाने लगी...पीछे से केशव ने धीरे से कहा : "और दीदी....उन मूँगफलियों का क्या...जो मुझे खिलाने वाली थी आज आप ....''
एक बार फिर से सुलग उठी काजल, अपने भाई की ये बात सुनकर...
उसने धीरे से पीछे देखा और बोली : "फ़िक्र मत करो...उनका करारापन नही जाएगा....''
केशव : "जब तक चेक ना कर लू...मुझे विश्वास नही होगा...''
काजल : "बदमाश.....तो तू नही मानेगा....''
काजल तो खुद यही चाह रही थी की आज वो ना ही माने...
केशव ने ना मे सिर हिला दिया...ऐसा मौका भला वो क्यो छोड़ता ...
काजल : "अभी माँ को चेक करके आती हूँ ...सोना मत....ह्म्म्म्म...''
और वो अपनी बड़ी सी गांड मटकाती हुई उपर चली गयी....और केशव खुशी-2 अपने कमरे की तरफ...
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