RE: XXX Hindi Kahani पिकनिक का प्रोग्राम
फिर कोमल बैठ गयी और वो तो किसी पक्की खिलाड़ी की तरह लण्ड से लेकर अंडों तक चाटने लगी, फिर चूसने लगी। बोली- “मुसलमान लड़कों का लण्ड कितना साफ होता है। कोई गंध मैल नहीं…”
फिर सबने पिरी को चूसने को कहा तो वो शर्माते हुए बोली- “मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता…”
जीनत बोली- पहले पहल सब ऐसा ही कहती हैं, मुफ़्त का माल है चख ले।
वो मुट्ठी में लेकर हिलाने लगी। मेरी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। मेरे बदन में ऐंठन शुरू हुई। मैंने अपने हाथ में लण्ड पकड़ लिया और कराहते हुए मेरे लण्ड से पिचकारी छूटने लगी। लड़कियां हैरत से नजारा देखने लगीं। पिचकारी कम से कम 5-6 फीट दूर तक जा रही थी। कई बार पिचकारी की धार छूटी फिर बंद हो गई। अब लण्ड आहिस्ता-आहिस्ता नरम होने लगा। मैंने सबको थैंक्स कहा। एक-एक को गले लगाकर गालों पर किस किया।
जब जीनत की बारी आई तो उसने होंठ चुसा दिया। फिर सबने हैरत का इजहार किया। जीनत ने कहा- “फिल्मों में नहीं देखा क्या… बोल दो नहीं देखा…”
सब हँसने लगे। हम मेडम के पास आए। मेडम गुस्से से आग बबूला हो रही थी- “खाना नहीं बनाना क्या… नहाने नहीं जाना क्या…”
“वो मेडम…” जीनत मेरे और सोनम की तरफ इशारा करके बोली- “इन दोनों को लेटरीन लगी थी इसलिए…”
मेडम बोली- तू चुप तेरी किसी बात पर मुझे यकीन नहीं।
पिरी झट से बोली- “हाँ मेडम…”
मेडम बोली- “मुझे बच्चा समझ रखा है। ठीक है तुम मस्ती करो। एक ही लड़का पे हो, उसके साथ जो चाहो करो लेकिन काम भी तो करना है ना…”
“हाँ मेडम…” कहकर सब काम पर लग गयीं।
मुझे और पिरी को पानी लाने का जिम्मा दिया गया। हम पानी लाने निकल गये। जीनत मेरे साथ जाना चाहती थी, लेकिन मेडम ने उसे जाने नहीं दिया। वो समझ गयी थी की मेरे और जीनत के बीच कुछ खास है। जबकी ऐसा कुछ नहीं था। बल्कि मुझे पिरी ही ज्यादा अच्छी लगती थी।
हम जब मेडम से कुछ दूर हो गये, तो पिरी बोली- “तुम जीनत को चाहते हो…”
मैंने कहा- “नहीं तो…”
“वो तो ऐसा दिखाती है जैसे वो तुम्हें चाहती है…”
मैंने कहा- मुझे उसकी नहीं मालूम।
“फिर तुम किसको…” कहकर रुक गयी।
मैंने कहा- “मैं सच बता दूँ… तुम किसी को बोलोगी तो नहीं…”
पिरी बोली- बताओ ना मैं वादा करती हूँ नहीं बताऊँगी।
मैंने कहा- मैं सिर्फ़ तुम्हारे लिए पिकनिक में आया हूँ।
पिरी बोली- मैं तो तुमसे बहुत बड़ी हूँ।
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