RE: XXX Hindi Kahani पिकनिक का प्रोग्राम
जीनत खुश हो गयी और लेट गयी। और मुझे जल्दी से उसकी बुर में लण्ड डालने को कहने लगी।
मैंने एक बुर से लण्ड निकाला और दूसरी बुर में घुसा दिया। मुझे जीनत पर बड़ा गुस्सा आ रहा था। इसलिए मैं जीनत को गुस्से के साथ धक्के दे रहा था। जबरदस्त धक्के से उसकी आँखों में घबराहट नजर आ रही थी। मैं समझ गया और बोला- यार जीनत तुम्हारी बुर में लण्ड जाते ही मुझे जोश बढ़ गया।
वो खुश हो गयी। मैं चोदता रहा, उसने पानी छोड़ दिया और ढीली पड़ गयी। उतने में हमने देखा की मेडम सामने खड़ी थी।
मेडम- “जीनत यह तुम क्या कर रही हो…”
जीनत ने हड़बड़ा कर कहा- मेडम मैं जब आई तो पिरी चुदवा रही थी, मुझसे रहा नहीं गया।
पिरी सर झुकाए खड़ी थी।
मेडम- “मैं सब समझ गयी। तुम चारों ही मेरी आँखों में धूल झोंक रही हो। अब तुम दोनों क्यों खड़ी हो तुम भी चुदवा लो…”
सोनम जैसे खुश हो गयी और मेरे सामने आकर लेट गयी। मैंने लण्ड झट से उसकी बुर में घुसा दिया और चोदने लगा।
मेडम मेरी पीठ पर हाथ फेर कर कह रही थीं- मारो धक्का।
मैं धक्के पे धक्का मारता गया।
सोनम आ आ करके धक्के पर चीख रही थी।
मेडम ने उसे डाँटा- “चुदवाने का शौक भी है, और चिल्लती भी है। चुप…”
वो चुप हो गई। फिर अचानक वो मुझसे लिपट गयी। उसके नाखून मेरे कंधे में गड़ गये, और उसकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू किया।
वो ढीली पड़ी तो कोमल को लिटाया गया। मैं उसे चोदने लगा, मेरी स्पीड अब बहुत तेज होने लगी। कोमल तड़पती रही। अब वो भी कराह रही थी और मैं भी। मुझे लग रहा था की मेरा पानी निकलने वाला है। वैसे ही मेडम ने हाथ बढ़ाकर मेरे लण्ड को पकड़ लिया, और कोमल की बुर से खींचकर बाहर निकाला।
मेरे लण्ड ने पिचकारी मारी और पिचकारी सामने बैठी पिरी के मुँह में गिरी। पिरी ने दुपट्टा से साफ कर लिया।
मेडम ने लण्ड की ट्यूब को दबाकर पकड़ लिया, जिससे लण्ड से पानी ना निकल सके। ऐसा करने से मुझे दर्द होने लगा।
मैंने कहा- “मेडम छोड़िए, मुझे दर्द हो रहा है…”
उन्होंने अपना मुँह खोला और लण्ड को उसमें डालने ही वाली थीं की उनकी पकड़ ढीली हुई और मेरे लण्ड ने एक और पिचकारी मारी जो मेडम के हलाक तक चली गयी होगी। उन्होंने मुँह बंद किया, वो मनी की धार निकलती गयी मेडम का पूरा मुँह भर गया उन्होंने गटागट गटक लिया।
जीनत उनके पास बैठी थी उसने मुँह खोलकर कहा- मेडम मेरे मुँह में दीजिए ना।
मेडम ने लण्ड उसके मुँह में डाल दिया। मेरे लण्ड ने फिर पिचकारी मारी। जीनत ने उसे पी लिया। फिर लण्ड पिरी ने लिया। और दोनों हाथों में पकड़कर लण्ड चूसने लगी, सारा पानी पी गयी। फिर जीभ से लण्ड को चाटा, और अंडों को भी चाटने लगी। मेरे दिल में उसके लिए जो फीलिंग्स थी उससे मुझे लगा की लण्ड फिर से खड़ा हो जाएगा। मैं अब थक चुका था, लण्ड ढीला पड़ने लगा।
मेडम ने कहा- चलो खाना खाते हैं।
सबने कपड़े पहने। खाने बैठे।
खाने के बाद मैंने कहा- “मेरा सर दर्द कर रहा है…” सब डर गये।
जीनत को फिर भी मजाक सूझ रहा था, बोली- अकेला लड़का इतना मेहनत करेगा तो तबीयत खराब नहीं होगी…”
सब पहले हँसे फिर पिरी ने उसे डाँटा- तुम्हें हर वक़्त मजाक ही करना है।
जीनत बोली- इसमें मजाक क्या है… सच तो है, चलो उसे आराम करने दो।
पिरी ने चादर बिछाई और मुझसे कहा- तुम यहाँ लेट जाओ।
अब सब लोग पिरी की मुझमें दिलचस्पी साफ देख सकते थे। मैं सो गया। नींद भी आ गई पर कुछ ही देर बाद मुझे लगा की मेरे लण्ड को कोई सहला रहा है। मैंने आहिस्ता से एक आँख खोलकर देखा तो मेडम मेरे लण्ड को सहला रही थी, और कह रही थी- “बच्चों किसी को बोलना मत प्लीज…”
सबने कहा- नहीं बोलेंगे।
मैंने आँख फिर बंद कर लिया और मेरे जागते ही मेरा लण्ड भी जागने लगा, फनफनाता हुआ खड़ा हो गया।
मेडम बोली- “बाप रे… बच्चे का लण्ड इतना बड़ा… यह जवान होगा तो इसका क्या हाल होगा। तुम लोगों ने लिया कैसे…”
जीनत बोली- मेडम पहले चूसिये।
मेडम चूसने लगी। थूक से सान दिया।
फिर जीनत बोली- फिर अपनी बुर में रगड़िए।
मेडम बोली- मैं जानती हूँ।
जीनत बोली- आप पूछ रही थी की कैसे लिया… तो इसलिए बता रही थी।
सब हँसने लगे और जीनत को मारने लगे। और इधर मेडम मेरे लण्ड को अपनी बुर में रगड़ रही थी फिर उसपर सावर हो गयीं। और ऊपर-नीचे होने लगीं। वो भारी बदन की थी, बड़ा आहिस्ता-आहिस्ता ऊपर-नीचे हो रही थीं। मुझे मजा नहीं आ रहा था।
मेरे जेहन में तो सिर्फ़ पिरी की गोरी बुर चमक रही थी। पिरी ने मेरे हाथ में पानी छोड़ा था मेरे लण्ड पर नहीं छोड़ा था, और कोमल के पानी छोड़ने के पहले ही मैंने पानी छोड़ दिया था।
कुछ ही देर में मेडम ने पानी छोड़ दिया। उनकी बुर से भी काफी पानी निकला। वो अभी तक कुँवारी थीं। उनके साथ किसी ने बेवफाई की थी इसलिए उन्होंने शादी ना करने का फैसला ले रखा था। अब उनकी उम्र 36 साल की थी। मेरी पैंट घुटनों तक खिंचा गयी था। इसलिए गीला होने का डर नहीं था।
मेडम उतरी और बोली- “बाप रे… क्या लण्ड है… छाती तक घुस जाता है। लो किसे लेना है…”
पिरी लपकी।
जीनत उसे पीछे से खींच रही थी। बोली- तू हर बार पहले क्यों लेगी।
पिरी उसका हाथ झटकते हुए मेरे पास आ गयी और कहा- “मेरा पानी भी नहीं निकला था की तू ने छीन लिया। अभी मैं और कोमल पहले अपना पानी निकालेंगे। फिर तुम दोनों को जितना गाण्ड मरवाना चाहो मरवा लेना।
जीनत बोली- “वाह पिरी… गुड आइडिया, हम सबने चूत तो मरवा लिया लेकिन गाण्ड तो नहीं मरवाया…”
पिरी मेरे ऊपर आकर बैठ गयी, लण्ड को अपनी बुर में डाला और मुझ पर झुक कर मेरे होंठों को चूमने लगी, फिर चूसने लगी, अपनी जीभ मेरे मुँह में डालने लगी। मैं भी उसके होंठ को चूसने लगा।
जीनत बोली- उसे उठा क्यों रही है।
कहानी ज़ारी है… …
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