RE: XXX Hindi Kahani पिकनिक का प्रोग्राम
फूफा मस्ती में आ चुके थे। मुम्मी अंजान बनी हुई थी। वो बैठी और फूफा की जांघों में इस तरह क्रीम लगाने लगी, की चूचियां को फूफा के घुटनों में सटा दिया था। और खुद दबा रही थी। दूसरी जाँघ में क्रीम लगाया, तौलिया हटाया तो मुम्मी को फूफा का लण्ड दिख गया। जो अब खड़ा हो ही रहा था।
फूफा ने झट तौलिया ठीक किया।
तो मुम्मी अदा के साथ शर्माते हुए बोली- “भाई साहब, हमसे शरम कैसा हम तो शादीशुदा हैं। यह सब देख चुके हैं। हमें भी तो देखने दीजिए की हमारी ननद का शौहर कैसा है…”
अब फूफा भी बेशरम हो गये और कहा- “सिर्फ़ देखने से काम नहीं चलेगा। इस पर भी क्रीम लगाइए…”
मुम्मी ने कहा- “भाई साहब, मुझे चैलेंज मत दीजिए। मैंने छः महीने से अपने शौहर को नहीं देखा है…”।
फूफा बोले- अच्छा तो यह बात है। ठीक है क्रीम लगाइए।
मुम्मी अब जान गयीं की अब फूफा उन्हें चोदे बिना नहीं छोड़ेंगे। मुम्मी ने क्रीम लिया और फूफा के लण्ड पर लगाने लगीं। फूफा आँखें बंद करके अयाया… अया… करने लगे।
मुम्मी बोली- भाई सब आपका तो बहुत बड़ा है जी।
फूफा बोले- क्यों डर गयीं।
मुम्मी ने कहा- नहीं मैं सोच रही थी की बेबी तो बड़ी नाजुक है, इतना बड़ा कैसे झेलती होगी।
फूफा बोले- छोड़िए ना उसे। अब तक आधा भी नहीं लिया है।
मुम्मी बोली- “क्या आपने अभी तक उसे छोड़ रखा है। वाकई आप बहुत नेक इंसान हैं। कोई और होता तो कब का फाड़ डालता…”
“आप लोगी…” फूफा मुम्मी के चेहरे को अपने हाथों में लेकर बोले।
मुम्मी आँखें बंद करके बोली- बहुत बड़ा अहसान होगा।
फूफा को ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी। वो बोले- “इसमें अहसान की क्या बात है। हम रिश्तेदार हैं एक दूसरे के काम आ तो सकते ही हैं…” और उन्होंने तौलिया फेंका और मुम्मी को कंधों से पकड़कर गले लगा लिया। और उनकी गालों को चूमने लगे। पीछे हाथ लेजाकर मुम्मी के कुर्ते की जीप खोली, कुर्ता उतार दिया और मुम्मी की चूचियों को देखने लगे और दोनों हाथों में भर लिया, दबाते हुए चूसने लगे। इतनी जल्दी-जल्दी एक को छोड़ते दूसरे को चूसते की लगता था वो पागल हो गये थे। मुम्मी की चूचियां को देखकर फिर फूफा ने मुम्मी की सलवार का नाड़ा खोलकर मुम्मी को गोद में उठा लिया, और पलंग पर लिटा दिया और चढ़ गये। और मुम्मी की चूचियों को मसलते हुए चूसने लगे।
उनका 9” इंच का लण्ड मुम्मी की बुर से टकरा रहा था। मुम्मी को चुभ भी रहा था। फूफा उठे और मुम्मी की बुर में लण्ड घुसाने लगे।
मुम्मी ने कहा- “अरे अरे क्या कर रहे हैं…”
फूफा घबरा गये- “क्यों… नहीं करना…”
मुम्मी- “जी, करना तो है लेकिन आप तो बिल्कुल अनाड़ी हैं। पहले मुझे अपना लण्ड चुसवाइए तो सही। सूखा लण्ड कैसे जाएगा…”
वो सामने आए और लण्ड का सुपाड़ा मुम्मी के मुँह में डाल दिया और मुम्मी के मुँह को चोदने लगे। मुम्मी की साँस उखड़ने लगी लण्ड हलाक तक जा रहा था।
फूफा अनाड़ी थे उन्हें पता नहीं था की लण्ड कितना मुँह में डाला जाए। मुम्मी ने उन्हें रोका और इशारा किया। फूफा लण्ड निकालकर बुर के पास गये।
तो मुम्मी ने कहा- “बुर को उंगली से फाड़कर थूकिए…”
फूफा ने वैसा ही किया। बुर को फाड़कर थूका जैसे किसी थूकदान में थूक रहे हों। फिर अपने लण्ड को मुम्मी की बुर पे रखकर पेलने लगे। लण्ड घुसता चला गया। मुम्मी एक हाथ फूफा के पेट पर रखकर रोक रही थी। फूफा रुके और पूछा- “और पेलूँ…”
मुम्मी पूछी- “और भी है क्या…”
फूफा बोले- और थोड़ा सा है।
मुम्मी बोली- पेलिए आहिस्ता से।
फूफा ने पूरा लण्ड पेल दिया। मैं पहली बार मुम्मी को डरते हुए देख रही थी। फूफा बिल्कुल अनाड़ी थे मुम्मी ने ही कहा- “मेरी टाँगों को अपने कंधे पर रखिए। और चोदिए मुझे…”
फूफा ने मुम्मी के टाँगों को अपने कंधे पर रखा, और एक बार लण्ड को बाहर निकलकर धक्का दिया। मुम्मी चीख पड़ी अया… फूफा घबरा गये बोले- “क्या हुआ…”
मुम्मी बोली- “बाप रे बाप… आपका लण्ड तो छाती तक आ गया है। आप परवाह मत करिए मारिए धक्का…”
फिर फूफा धक्के मारने लगे। मुम्मी हर धक्के में अयाया… अया… कर रही थी। हर धक्के के साथ उनका पूरा बदन दहल उठता था। पलंग हिल रहा था, लेकिन फूफा जब जोश में आ गये तो फिर नहीं रुके। मुम्मी की आँखों से आँसू के धारा बह रही थी। फूफा चोदते रहे। फिर वो मुम्मी पर गिर गये। और दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू किया।
मुम्मी बोली- “भाई सब आप तो मस्त चुदाई करते हैं…”
फूफा बोले- “भाभीजान आपकी बुर भी जबरदस्त है। आपकी ननद तो रोना शुरू कर देती है…”
जीनत ताली बजाती हुई बोली- “जेबा यह सच्ची घटना है क्या…”
जेबा बोली- “छीः नहीं…”
और हम सब एक ही बेड पर सटकर सो गये।
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