RE: XXX Hindi Kahani पिकनिक का प्रोग्राम
मैं मामी की साड़ी उठाने लगा तो मामी फिर एतेराज करने लगीं।
मैंने कहा- मामी मुझे मालूम है अगर दूध चूसने पर लण्ड नरम ना हो तो बुर में घुसते ही दो मिनट में नरम हो जाएगा। बोलो, रूबी के आने से पहले खेल खतम करना है की नहीं।
मामी चुप रही।
मैंने झट उनकी टाँगों के बीच बैठकर साड़ी नाभि के ऊपर उठा दिया। वो टाँगों को जोड़ने की कोशिश करने लगीं। लेकिन मैं बीच में बैठा था फिर उन्होंने अपना एक हाथ बुर पर रख दिया, आँखें बंद थीं, मैंने उनका हाथ हटाया और मुँह लगाकर बुर को चाटने लगा।
मामी ने आँखें खोल दी और कहा- “इमरान तुम यह काम पहले कर चुके हो ना…”
मैंने कहा- नहीं मामी, दोस्तों से सुना है।
मामी- ऐसा हो ही नहीं सकता।
मैं अब उनकी बातों का जवाब ना देकर बुर के अंदर जबान घुसाने लगा और कहा- “मामी आपकी बुर लाजवाब है…” फिर मैं बैठा और लण्ड मामी की बुर के मुँह में रखा।
मामी ने फिर एतेराज किया। बोली- “इमरान, यह तो मत करो ना। बहुत गुनाह होगा…”
मैंने कहा- आप जो लण्ड चूस रही थीं वो क्या सवाब का काम था…” कहकर मैंने लण्ड पर दबाओ डाला और लण्ड घुसता चला गया। एक बच्ची की माँ होने के बावजूद उनकी बुर काफी टाइट थी। मुझे मालूम था उन्हें बड़े प्यार से चोदना है। मैंने वैसा ही किया। पूरा लण्ड अंदर ना घुसाकर अंदर-बाहर करने लगा। मामी ने आँखें बंद कर ली। मैं उनके ऊपर झुक गया और दूध चूसते हुए आहिस्ता-आहिस्ता कमर हिला रहा था।
मामी बोली- इमरान जल्दी-जल्दी मारो, जल्दी खतम करो। रूबी आ जाएगी।
मैंने कहा- आपको तकलीफ होगी। इसलिए आहिस्ता कर रहा था।
मामी बोली- मैं कोई कुँवारी बच्ची हूँ की तकलीफ होगी। बच्चा जन चुकी हूँ। मेरी परवाह मत कर, बस जल्दी खतम कर नहीं तो कोई आ जाएगा।
मैंने स्पीड बढ़ाई, दो मिनट बाद मैं पूरी ताकत से चोद रहा था। मामी तड़प रही थी, वो अब अपना असली रंग दिखा रही थी। मेरे सर को अपनी छाती पर दबा रही थी। दाँत भींच रही थीं, बोली- “राजा चोदो राजा बड़ा मजा आ रहा है…”
मैंने कहा- यह राजा कौन है…”
मामी बोली- मैं रूबी के पापा को राजा कहती हूँ।
मैं- “मामी मजा आ रहा है ना…”
मामी बोली- पूछ मत, बस चोदता रह।
मैंने पूछा- “मामी, मामा से भी इसी तरह मजा आता है…”
मामी बोली- “तोबा करो, उनका पतला छोटा सा और तेरा इतना बड़ा, इतना मोटा। बड़ा मजा आ रहा है…”
इतने में किसी ने दरवाजा खतखटाया।
मामी झट से मुझे एक तरफ धकेलकर बोली- रूबी आ गईं। बाथरूम भागो अपना लण्ड लेकर।
मैं बाथरूम भागा, वो दरवाजा की तरफ। कुछ देर में मामी बाथरूम का दरवाजा खटखटा रही थी- इमरान, दरवाजा खोलो।
मैंने दरवाजा खोल दिया। वो आकर मुझसे लिपट गयी। मेरे लण्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगीं, एक टांग उठाकर कमोड पर रख दिया और साड़ी उठाकर बोली- लण्ड बुर में डालो।
मैंने बुर में लण्ड घुसा दिया और खड़े-खड़े चोदने लगा। इस पोजिशन में पहली बार चोद रहा था।
मामी बोली- तुम्हारे मामा के दफ़्तर का पेवन था। कहने आया था की मामा दो दिन के लिए काम से बाहर गये हैं। दो दिन बाद घर आएंगे। रूबी को आने में अभी 15 मिनट देर है, तब तक तुम चोदो मुझे। आज रात तुम ठहर जाओ। कल जाना। रात में जी भरके चोदना…”
5 मिनट बाद मामी का बदन अकड़ने लगा- “उम्म्मह… आअहह… उम्म्म्ममह… आआहह… उनकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू किया उम्म्मह… वो मुझसे लिपट गयी, बुर मेरे लण्ड पर दबाती जा रही थीं। उम्म्म्ममह… आआहह… उनकी बदन में लहरें उठ रही थीं। उउउम्म्म्ममह… आआहह…
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था।
“आअहह… इमरान, बाप रे बाप… कितना पानी निकला है आज। उंह…” वो मुझे चूमने लगीं। मेरे गाल होंठ चूम-चूम के भर डाला। फिर बोली- “इमरान, आज जितना पानी मेरी बुर ने कभी नहीं छोड़ा था। मुझे लग रहा था मेरे बदन का सारा पानी निचुड़कर निकल रहा है। पानी निकलने का शुख भी क्या शुख है… उंह…” फिर चूमा और बोली- “मजा आ गया। बड़ा मजा है रे तेरे लण्ड में…”
अब मैं भी क्लाइमक्स की ओर बढ़ रहा था, मेरी बाहें उनकी कमर के गिर्द जकड़ती जा रही थीं। वो समझती थीं की उन्होंने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया था और मेरे सर के बालों पे हाथ फेर रही थीं। मैं घुटने मोड़ करके नीचे से ऊपर की ओर धक्के दे रहा था, जबरदस्त धक्के। फिर मैं भी मामी की बुर के अंदर पिचकारी मारने लगा।
मैंने भी आवाज़ें निकालकर पानी छोड़ा- “हूओंम्म… हूओंम्म… हूंम्म…” इस तरह 7-8 पिचकारी मारी होगी। फिर लड़खड़ा कर खड़ा हुआ। और उनकी कमर छोड़ दी।
मामी मेरे सर पे हाथ फेर कर फिर होंठ चूमकर बोली- मेरा बच्चा, कितना दिल लगाकर चोदता है।
तभी दरवाजा पे किसी ने दस्तक दी।
तभी दरवाजा पे किसी ने दस्तक दी।
मामी बोली- “लगता है की रूबी आ गयी।
मुझे भी लग रहा था। जैसे ही मेरी पकड़ ढीली हुई मामी भागी। दरवाजा खोला तो रूबी थी।
रूबी बोली- “कितना टाइम लगाती हो दरवाजा खोलने में।
मामी- मैं बाथरूम में थी।
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