RE: XXX Hindi Kahani पिकनिक का प्रोग्राम
उसका पति- “तुम मुझे बेवकूफ समझी हो। मैं यूँही इनसे मिलने को बोल रहा था। इनका पाप इनके जिम्मे लगाना चाहता था…” यह कहकर उसने अपनी जेब से पिस्टल निकाल लिया- “चलो तीनों पलंग पर चढ़ो। चलो जल्दी करो।
हम डर गये। उसकी आँखों में खून सवार था। हाथ में पिस्टल था हम तीनों पलंग पर चढ़ गये। उसने कहा- अब पिरी की नाइटी उतारो, और उसके पेट को देखो… पहचानो यह तुम्हारे ही बच्चे हैं की नहीं।
मैं इस बेवकूफ की बातों पर हसूँ की रोऊँ समझ नहीं पा रहा था।
उसका पति बोला- इसे कैसे चोदते थे अब मेरे सामने चोदो। चलो जल्दी करो नहीं तो एक-एक को गोली मारकर ढेर कर दूँगा। होशयारी की तो अंजाम के जिम्मेदार तुम खुद होगे। जैसा मैं कहता हूँ वैसा करो। मैं सिर्फ़ तुम्हारी एक वीडियो बनाना चाहता हूँ। फिर तुम्हें इसके साथ घर से निकाल दूँगा। किसी को कोई चोट नहीं पहुँचाऊँगा।
मैंने कहा- उसे तकलीफ होगी। वो प्रेगनेन्ट है।
उसने कहा- “जरा होसियारी से चोदना। उसके पेट में तुम्हारी औलाद है। चलो जल्दी करो…” उसने पास ही रखा वीडियो कमरा उठा लिया। एक हाथ में कमरा दूसरे में गन।
जीनत ने कहा- कर लो ना। उसका पति कह रहा है।
मैंने जीनत के हाथ, जो मेरे पैंट की चैन खोलना चाहते थे, को झटक दिया और खुद चैन खोलकर लण्ड बाहर निकाला,और जीनत के सर को लण्ड पर झुका दिया। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी। लण्ड खड़ा हुआ तो मैंने पिरी की बुर को ठीक से चाटा, अच्छी तरह चिकना किया और लण्ड घुसा दिया। पूरा नहीं।
पर उसके पति ने जोर दिया पूरा घुसाओ। कुछ नहीं होगा अभी टाइम है। पिरी रो रही थी सुबक-सुबक के। हमें मालूम ना था की ऐसा भी दिन देखना पड़ेगा। मैं आहिस्ता-आहिस्ता कमर हिला रहा था। मेरी नजर पूरी तरह उसके पति पे थी। मैं आधे घंटे तक चोदता रहा। लण्ड पिरी की बुर पाकर शायद पानी छोड़ना भूल गया था। तभी उसका पति थोड़ा करीब आ गया। क्लोजप लेने के लिए।
मैं उसपर कूद गया। वो सोफे पर गिरा उसके हाथ से कैमरा और पिस्टल दोनों छिटक गये। मैंने उसके चेहरे पर दो घूंसे जमाए। वो बेहोश हो गया। मैंने और जीनत ने पिरी को कपड़े पहनाए और उसके पति को रस्सी से बाँध दिया, और पोलिस को फोन किया।
पोलिस आई उसके साथ मीडिआ भी पहुँच गयी। हमने सारा वाकिया सुनाया। और पोलिस से बिनती की की यह वीडियो मीडिया को नहीं मिलनी चाहिए। फिर हम बाहर आए तो मीडिया ने घेर लिया। हमने कुछ बताया और कुछ छुपाया।
मैंने पिरी से पूछा- तुम कहाँ जाओगी।
उसने रोते हुए कहा- अपने घर ले चलो। मेरे घर वाले तुम्हारी कहानी जान गये हैं। वो मुझे ही दोष देंगे।
हम उसे अपने घर ले आए। उसे देखकर जेबा बिल्कुल चुप थी। क्योंकी जीनत से जेबा ज्यादा खूबसूरत थी। लेकिन पिरी से कम।
हमने पिरी को एक कमरे में ठहराया। हम तीनों दूसरे कमरे में सोए। और हममें गरमा-गरम बहस होने लगी। क्या पिरी को भी यहीं हर दिन के लिए रहना है… क्या मैं उससे भी शादी कर लूँ… जेबा सिर्फ़ यह कहती रही आपकी जो मर्ज़ी।
लेकिन जीनत उसके यहाँ रहने पर बहुत नाराज थी- “ठीक है मदद कर दी, लेकिन इसका मतलब थोड़े है की ज़िंदगी भर रखना भी पड़े। तो सोनम और कोमल को भी क्यों नहीं रख लेते। उन दोनों को भी तो तुमने चोदा है। वो भी तो तुम्हें चाहती हैं। सोनम तो मुझसे कह भी रही थी की जीनत मुझे भी तुम्हारे साथ रहना है…”
मैं पागल हुए जा रहा था। जेबा ने कहा- पहले पिरी से पूछ तो लो की वो क्या चाहती है।
हम सो गये। सबका मूड खराब था। सुबह उठते ही सब पिरी के कमरे में गये। उसकी खैरियत पूछी।
उसने ही सवाल कर दिया- तुम तीनों ने मुझे अकेला छोड़ दिया।
हम सबसे कोई जवाब नहीं बन पा रहा था।
उसने कहा- मैं पराई हूँ ना। तुम सब पति-पत्नी हो। नहीं…”
जेबा ने कहा- तुम ऐसा ना सोचो। हम सोच रहे थे क्या तुम्हारा यहाँ रहना ठीक होगा। तुम्हारे तो भाई भाभी हैं। उन्हें बुरा नहीं लगेगा…”
पिरी बोली- अच्छा तो यह बात है। मेरे दिल को बहुत बड़ा धक्का लगा है। इमरान की उम्मीद ना होती तो मैं सीधे खुदकुशी कर लेती। अब तुम लोग मुझे बताओ, भाई-भाभी की बात मत करो। तुम सहारा दोगे या खुदकुशी करने को बोलोगे।
मैंने कहा- पिरी तुम ऐसा सोचना भी मत। तुम यहीं रहोगी।
जीनत बोली- वो यहाँ नहीं रहेगी। तुम मदद करना चाहते हो तो उसे कोई मकान खरीद के दे दो, वरना।
मैंने कहा- “वरना क्या…”
उसने कहा- मैं यहाँ से चली जाऊँगी। नहीं… मैं खुदकुशी कर लूँगी।
मैंने कहा- शौक से चली जाओ।
जीनत रोती सी सूरत बनाकर बोली- क्या कहा चली जाऊँ… अब पिरी मिल गयी तो मैं चली जाऊँ।
मैंने कहा- हाँ चली जाओ। तुम जैसी छोटे दिल वालों के लिए इस घर में कोई जगह नहीं।
उसने कहा- चली जाऊँ कहने के लिए मुझे लाया था।
मैंने कहा- “नहीं… लेकिन…” फिर मैं जेबा की तरफ घूमकर पूछा- अच्छा जेबा तुम बताओ, तुम क्या चाहती हो।
जेबा बहुत चालक थी। उसने कहा- जो आपकी मर्ज़ी।
मैं- देखा पिरी को दो वोट मिल गये।
जीनत ने जेबा से कहा- “तू ना बिल्कुल बेवकूफ है। देखना बहुत पछताएगी। मैं चली जाऊँगी कह देती हूँ…” कहकर वो कमरे से बाहर निकलने को हुई।
तो मैंने कहा- रूको।
तो वो खुश हो गयी।
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