Hindi Sex Kahaniya कामलीला
09-11-2018, 11:43 AM,
#45
RE: Hindi Sex Kahaniya कामलीला
वह बार बार ऐसे ही मेरे फ्रंट से अपना फ्रंट रगड़ती आगे पीछे होती लिंग को बाहर और हाथ के सपोर्ट से अंदर करती रही, इस तरह उसकी योनि का ऊपरी सिरा भी मेरे पेट के निचले सिरे से घर्षण का मज़ा पा रहा था और उसके आनन्द को दोगुना कर रहा था।
लेकिन यह स्थिति बहुत सुविधाजनक नहीं थी और जब लगा कि अब कुछ चेंज होना चाहिए तो सीधे होकर मेरे ऊपर इस तरह बैठ गई कि लिंग उसके छेद के अंदर ही रहा और अपने हाथ मेरे सीने से टिका कर अपने कूल्हों या कहो कि कमर को इस तरह राउंड घुमाने लगी जैसे बैले डांस में घुमाते हैं।
लिंग चरों तरफ मूव करते उसके छेद के साथ अंदर बाहर सरक रहा था और दोनों की उत्तेजना को अपने शिखर की तरफ ले जा रहा था।
‘मार्वलस! तुम तो सीख गई… ग़ज़ब हो यार!’ आज बड़बड़ाने की बारी मेरी थी।
कुछ झटकों के बाद वह रुक जाती और एक ही पोजीशन में बैठे बैठे ऐसे हिलती जैसे ऊँट की सवारी कर रही हो।
इस तरह लिंग तो अंदर बाहर न होता जिससे मुझे आराम था लेकिन उसकी योनि मेरे लिंग के ऊपर के तीन दिन के बालों से जो रगड़ खाती वह उसे ज़रूर मस्त कर देती।
फिर मेरे आराम के पल पूरे हुए और उसने थकन के आसार दिखाये लेकिन उठी फिर भी नहीं, बस लिंग के ऊपर बैठे बैठे इस तरह घूम गई कि लिंग एक ही पोजीशन में रहा और उस पर चढ़ा छल्ला घूम गया।
उसके सीने के बजाय अब उसकी पीठ मेरी तरफ हो गई और उसने थोड़ा पीछे होते हुए मेरे सीने पर अपने पंजे टिकाये और अपने चूतड़ों को इतना ऊपर उठा लिया कि नीचे से मैं धक्के लगा सकूँ।
उसकी मनोस्थिति मैं समझ सकता था… मैंने सहारे के लिए उसके दोनों कूल्हों के नीचे अपनी हथेलियाँ लगा लीं और फिर अपनी कमर के जोर से धीरे धीरे धक्के लगाने लगा।
उसकी कामुक सीत्कारें कमरे में गूंजती तेज़ होने लगीं।
बीच में कभी इस हाथ से कभी उस हाथ से वह अपनी क्लिटरिस भी सहलाने लगती जिससे उसे चरम पर पहुँचने में देर नहीं लगी।
‘जोर जोर से करो… हार्डर हार्डर…’ वह तेज़ होती साँसों के बीच बड़बड़ाई।
मैंने धक्कों की स्पीड तेज़ कर दी और जितनी मुझमें क्षमता थी मैं तेज़ और जोर से धक्के लगाने लगा।
कमरे में ‘थप-थप’ की संगीतमय आवाज़ गूंजने लगी।
और जब वह स्खलन के जोर में अकड़ी तभी मेरे लिंग ने भी लावा छोड़ दिया और वह एकदम मेरे सीने पर फैल गई और एक हाथ से चादर तो दूसरे हाथ से मेरी बांह दबोच ली…
जबकि मैंने स्खलन के क्षणों में दोनों हाथों से उसके पेट को दबोच लिया था।
तूफ़ान गुज़र गया… दिमाग की सनसनाहट काबू में आई तो हम अलग हुए और थोड़ी देर में हम बिस्तर के सरहाने टिके साँसें नियंत्रित कर रहे थे।
‘हर दिन एक नया मज़ा… शायद यही तो चाहती थी मेरे अंदर की मिस हाइड!’ उसने खुद से एक सिगरेट सुलगा ली और कश लेकर धुआं छोड़ती हुई बोली- लेकिन एक बात कहूँ… यह ठीक है कि मैं हर रोज़ बेशर्म होती जा रही हूँ लेकिन एक डर भी दिल में समां रहा है कि कभी ये बातें लीक हो गईं तो… किसी को पता चल गया तो?’
‘कैसे?’
‘पता नहीं… मैं तो बताने से रही। शायद तुमसे… मुझसे वादा करो कि कभी तुम यह सब किसी को बताओगे नहीं।’
‘नहीं… मैं यह वादा नहीं कर सकता कि बताऊँगा नहीं, पर यह वादा कर सकता हूँ कि तुम्हारी आइडेंटिटी डिस्क्लोज नहीं करूँगा।’
‘और बताओगे किसे?’
‘कह नहीं सकता। हो सकता है न ही बताऊँ पर वादा करने की हालत में नहीं क्योंकि मैं खुद को जानता हूँ। खैर छोड़ो- अगर तुम्हारी एम एम ऍफ़ की ख्वाहिश हो तो कहो वह भी पूरी कर दूँ।’
‘मतलब?’
‘मतलब दो लड़के और एक लड़की… मतलब कोई और लड़का भी हमारे साथ?’
‘नहीं, अब मेरे अंदर की मिस हाइड इतनी बेलगाम भी नहीं हुई और वैसे भी उसका मज़ा तब आएगा जब एक आगे करे एक पीछे और यहाँ आगे कुछ होना नहीं। ऐसे नाज़ुक वक़्त में सँभलने की उम्मीद मैं तुमसे कर सकती हूँ किसी और से नहीं, चलो पैग बनाओ।’
बोतल में अब इतनी ही बची थी कि एक बड़ा पैग बन सकता।
मैंने पैग तो बनाया पर पिया अलग ढंग से… मैं घूँट लेता, थोड़ी अपने गले में उतारता और थोड़ी उसके मुंह से मुंह जोड़ कर उसमें उगल देता जिसे वह गटक जाती और दूसरा घूँट वह लेती और उसी तरह मुझे पिलाती।
साथ ही मोबाइल भी हाथ में ले लिया और कुछ मज़ेदार पोर्न देखने लगे।
थोड़ी देर बाद जब फिर गर्म हुए तो फिर तेलियाए हुए जिस्मों के साथ शुरू हो गए, खेलने वाला एक लम्बा सिलसिला फिर चला और अंत वही हुआ जो ऐसी हालत में होता है।
आज दो बार में ही उसका दम भी निकल गया और फिर मुझे वहाँ से रुखसत होना पड़ा।
अगले दिन शुक्रवार था और आज भी उसकी क्लास थी जिससे वह साढ़े बारह बजे फारिग हुई। मैंने उसे यूनिवर्सिटी से पिक किया और पहले ही साहू के पीछे जाकर पेट पूजा कर ली।
उसके बाद नरही की तरफ चले आये और बाकी का दिन चिड़ियाघर में घूमते फिरते, बकैती करते, मस्ती करते गुज़ारा और छः बजे मैंने उसे यूनिवर्सिटी के पास ही छोड़ दिया जहाँ से वह अपने रास्ते चली गई और मैं अपने रास्ते।
रात को मुझे फिर ड्रिंक और स्मोकिंग के इंतज़ाम के साथ पहुंचना पड़ा।
‘आज कुछ नया फीचर बचा हो तो वह भी अपलोड कर दो मिस हाइड की हार्ड डिस्क में।’ वह आँखें चमकाती हुई बोली।
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