RE: Hindi Sex Kahaniya कामलीला
‘आज हम बाथरूम सेक्स करेंगे, साथ में नहाते हुए!’
‘वॉव।’ उसने खुश होकर मुट्ठियां भींची।
पहले हमने स्मोकिंग और ड्रिंक का मज़ा लिया फिर कपड़े उतार कर वो पोर्न मसाला देखने बैठ गए जो बाथरूम सेक्स से जुड़ा था। इसके बाद जब जिस्म में हरारत पैदा होने लगी तो एक दूसरे को बिस्तर पर ही रगड़ना शुरू कर दिया और अच्छे खासे मस्त हो चुके तो बाथरूम में घुसे।
बाथरूम में लगे शीशे को हमने ऐसे एडजस्ट कर लिया कि हम खुद को अपनी हरकतों के दौरान देखते रह सकें और शावर चला दिया। आज यह तय हुआ था कि वह पीछे से सेक्स कराते कराते स्क्वर्टिंग करेगी।
फिर हमने वैसा ही किया।
जी भर के पानी में भीगते हुए मैंने उसकी योनि ही नहीं, गुदा के छेद को भी चूसा चाटा, खूब खींच खींच कर दूध पिये और खड़े बैठे ही नहीं लेटे वाले आसन में भी जी भर से उसे पीछे से फक किया।
उसने भी हर आसन को खूब एन्जॉय किया, अच्छे से लिंग चूषण किया और खूब स्क्वर्टिंग भी की… तीन बार तो मैंने छोटी छोटी फुहारें अपने मुंह में झेलीं।
साथ ही हम खुद को शीशे में देखते उत्तेजित होते रहे थे।
मुझे इस बीच टाइम का एक्सटेंशन इसलिए मिल गया था कि बार बार पानी में भीगने के कारण लिंग की गर्माहट कम हो जाती थी और मुझे यह डर नहीं रहता था कि मैं जल्दी डिस्चार्ज हो जाऊंगा।
आज उसने एक बाधा और पार की… वह भी इसलिए कि हम पानी में थे। जिस वक़्त उसका पानी निकला, मैं स्खलित होने से बच गया था और जब मैं स्खलित होने को हुआ तो उस वक़्त हम बाथरूम के टाइल पर लोट रहे थे…
मैंने मौके का फायदा उठाते हुए, झड़ने से पहले लिंग हाथ में पकड़ा और उसके चेहरे के सामने ले आया। करीब था कि मेरी मंशा समझ कर वह इंकार करके चेहरा घुमा लेती कि मेरी बेचारगी और इच्छा देख कर उम्मीद के खिलाफ उसने मुंह खोल दिया।
मन में यह ज़रूर रहा होगा कि शावर से गिरती पानी की फुहार उसके मुंह को फ़ौरन धो देगी।
वीर्य की जो पिचकारी छूटी उसमें थोड़ी उसकी नाक, आँख और गाल पे गई मगर ज्यादातर उसके खुले मुंह में गई।
मैं आखिरी वाली छोटी पिचकारी के निकल जाने के बाद दीवार से टिक कर पड़ गया और वह मुंह बंद करके उस चीज़ के ज़ायके को महसूस करने लगी जो उसके मुंह में था।
फिर उसने ‘पुच’ करके उसे उगल दिया और फुहार के नीचे मुंह करके पानी से अंदर का मुंह धोने लगी।
मुंह साफ़ हो गया तो उसने शावर बंद कर दिया।
थोड़ी देर बाद सामान्य हुए तो नए सिरे से तैयार होने के लिए बाहर आ गए।
‘अजीब सा टेस्ट लगा, न अच्छा न बुरा!’
‘चार छः बार मुंह में ले लो, न अच्छा लगने लगे तो कहना।’
‘चलो ठीक है, तुम्हारी यह ख्वाहिश भी पूरी कर देती हूँ। अब से परसों तक जितनी बार भी निकालना मेरे मुंह में ही निकालना। मिस हाइड उस घिन से लड़ने और जीतने की कोशिश करेगी जो कल तक सोचने से भी आती थी।’
फिर एक बार स्मोकिंग, ड्रिंक और पोर्न का दौर चला और फिर जब हम गर्म हुए तो बाथरूम चले आये और शावर खोल कर उसके नीचे वासना का नंगा नाच नाचने लगे।
अब चूँकि मेरे दिमाग में यह था कि उसके मुंह में निकालना है तो उससे मेरा ध्यान बंट गया और आधे घंटे की धींगामुश्ती के बाद जब वह स्खलित हो कर मेरे लिंग के सामने अपना मुंह खोल कर बैठी भी तो मेरा वीर्य फ़ौरन नहीं निकला बल्कि उसे हाथ से घर्षण करते हुए निकालना पड़ा।
इस बार भी थोड़ा गाल पर तो बाकी मुंह में गया, जिसे थोड़ी देर मुंह में रख के उसने उगल दिया और पानी से मुंह साफ़ करने लगी।
अब शायद टंकी में पानी कम हो गया था जिससे टोंटी खोखियाने लगी थी और रात के इस वक़्त तो मोटर चलाई नहीं जा सकती थी जबकि सुबह फजिर में उठने पर दादा दादी को पानी चाहिए होगा।
यह सोच कर हमने अपने प्रोग्राम को वही ख़त्म किया और बाहर आ गए।
इसके बाद थोड़ी देर बिस्तर पर रगड़ घिस करते हुए चादर की मां बहन एक की और फिर वहां से निकल कर अपनी राह ली।
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