RE: Hindi Sex Kahaniya कामलीला
एक दिन मैं डूटी से आया और कपडे उतार कर फ्रेस हो रहा था इतने में मीना ने किचेन के बीच वाला दरवाजा धीरे से खटखटाया और दरबाजे के नीचे से एक चाबी खिसकाया मैं समझ गया कि मेरे तरफ लगे दरबाजे कि चाबी है ये मैंने तुरंत ही ताला खोल कर दरबाजा को खोलते हुए मीना के कमरे में पहुच गया तो मीना ने कहा कि ये सवाल बता दो ना तो मैं मीना को सवाल बताने लगा मीना सवाल को समझ कर करने लगी तो मैं मीना की तरफ देखने लगा तो उसी समय मीना ने मेरी तरफ देखी और बोली कि क्या देख रहे हो तो मीना को बोला कि तुम कितनी सुन्दर हो तो मीना ने कहा कि आपसे कम हु तब मैं मीना के गाल में एक किस कर लिया तो मीना ने भी किस कर लिया तब मैं मीना के बूब्स को दबा दिया तो मीना बोलती है कि कही भाभी न जाग जाए आप जाओ तो मैं बोला कि आता हु भाभी को देखकर सो रही है जाग रही है और मैं जाकर खिड़की से देखा तो भाभी के कमरे में अन्धेरा था और भाभी के खर्राटे कि आवाज आ रही थी तब मैं कंडोम लेकर वापस आया और मीना को बताया कि सो रही है ,तो मीना तुरंत ही मेरे से लिपट गई और बोली कि थक गई हु पढ़ा पढ़ कर चलो थकान मिटा दो मेरी और इतना कहने के बाद मीना बिस्तर पर लेट गई मैं भी मीना के पास लेट गया और कियो कार्पिन तेल कि सीसी लेकर बैठ गया और मीना को बोला कि उतारो कपडे तो मीना ने कहा कि लाइट तो बंद कर दो सरम आ रही है तो टुबलाइट बंद करके एक जीरो वाट का लाल रंग का बल्ब जला दिया और मीना को किस करने लगा मीना ने एक एक करके सभी कपडे उतार दिया और नंगी होकर बिस्तर पर लेट गई तो मई मीना के पुरे वदन में तेल लगा लगा कर मालिस करने लगा मालिस करते करते मीना कि चुचियो पर कियो कार्पिन तेल को ढेर सारा उड़ेल दिया और हलके हलके हाथ से चुचियो का मर्दन करने लगा मीना को बहुत अच्छा लग रहा था अब मीना मेरी लुंगी के नीचे हाथ दाल कर लण्ड को टटोलने लगी और पकड़ कर खिलाने लगी लण्ड को और लुंगी को उतारने लगी तब मैं लुंगी ,बनियान ,चढ्ढी को उतार कर नंगा हो कर मीना कि टांगो को ऊपर कि तरफ उठाया और चूत को चाटने लगा जीभ डाल कर मीना ऊ उ उ उ उ ऊ उ उ उ आए आ अ अ अ अ अ अ अ सी सी सी करने लगी और बोली कि अब मत तड़पाओ नहीं तो जान निकला जायेगी तब मैं लण्ड को पेल दिया मीना कि चूत में और झटके मारने लगा मीना कि चूत मेंमीना बड़े प्यार से झटके खाने लगी ,कुछ देर बाद मीना को घोड़ी बना दिया और चोदने लगा मीना को मीना भी अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी ५ मिनट तक झटके मारने के बाद मीना को उठा लिया दोनों हाथ से और हवा में लहरा लहरा कर चोदने लगा मीना को ४ मिनट बाद मीना को पीठ के बल लिटा दिया और फिर जोर जोर से झटके मारने लगा मीना कि आवाज कमरे के गुज रही थी मीना धीरे धीरे उउउउउउउ आआआ सीईईईईईई आह आह आह आह अह आह उई माँ उई माँ उई माँ सी सी सी स सी ईईईईए इइइइइईईईई ईईईईई ईईई ईईई अह आह आह आह करती रही और मेरी जीभ कोचुस्ती रही लगातार ७ मिनट तक झटके खाने के बाद मीना झर गई तब मैं भी जल्दीजल्दी झटके मार कर ढेर सारा वीर्य मीना कि चूत में उड़ेल दिया और लण्ड को अंदर कये हुए ३ मिनट तक मीना के ऊपर लेटा रहा फिर मीना मुझे धक्का देकर उठा दिया और खुद भी उठ गई कपडे पहना और बोली कि जाओ अब तो मैं मेरे कमरे में जाने लगा तो बोली कि कल ये चाबी ले जाना और इसकी डुप्लीकेट चाबी बनवा लेना मैं मैं बोला टीक है | और इस तरह से रोज रात में मीना को चोदता दुति से आने के बाद पर अब रोज कंडोम लगा लेता कि कही मीना को गर्भ ना रह जाए मीना ने एक्साम दिया सभी पेपर बहुत अच्छे गए मीना बहुत खुस रहती थी मार्च का महीना निकला गया | अप्रैल में एक दिन मैं सुबह कि डूटी करके आया तो देखा कि एक ओरत आई है , ४५ साल के आसपास उम्र होगी उस ओरत कि पर ओ आज भी खूब जवान लगती है , रीमा भाभी से पूछा तो पता चला कि मीना कि छोटी मौसी है जो निम्बाहेडा राजस्थान से आई हुई है ये बिधवा है साल में एकात बार आती है और १५-२० दिन रहती है | मैं भी उन्हें मौसी कहने लगा ओ भी मेरे ऊपर बहुत खुस रहती थी ,माकन मालिक इस समय बहुत खुस रहते है और मकान मालिक मौसी के साथ बाजार भी कई बार जा चुके है | मित्रो पढ़ते रहिये मस्तराम डॉट नेट आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए और लड़के जिनके पास कोई चूत नही है वो मुठ मरते रहे और लडकिया जिनके पास चुदाई करने के लिए कोई लौड़ा नही है वो फिंगरिंग कर मस्तराम डॉट नेट पर कहानी पढेगी तो और भी मज़ा आएगा |
मीना अब फिर से रीमा के कमरे में सोने लगी मौसी और मकान मालिक अलग अलग कमरे में सोते पर दोनों के बीच का दरबाजा खुला रहता एक दिन रात में किचेन के बगल वाले कमरे से कुछ आवाज आ रही थी मैं कान लगाकर सूना तो पता चला कि मकान मालिक अपनी साली कि चुदाई कर रहे है तब मैं चुपचाप खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया और अंदर के नज़ारे देखने लगा मकान मालिक और मौसी एक दम से नंगे होकर चुदाई में ब्यस्त थे और यह नज़ारे देखने को कई दिन मिला वैसे काका सा जवान साली कि प्यास बुझाने में कामयाब नहीं होते थे , अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मौसी चली गई साथ में उनके मीना भी चली गई ,मीना कि इच्छा नहीं थी जाने कि पर मौसी के आग्रह के कारण चली गई |
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