RE: Hindi Sex Kahaniya कामलीला
अब घर में मैं ,रीमा भाभी ,मकान मालिक और और रीमा भाभी के पति [इन्हे आगे भइआ कहुगा] रीमा भाभी के अकेला होने के कारण मकान मालिक ने भैया को ऊपर के कमरे में एक दिन ले आये ,मैं कभी कभी भैया के पास भी नीचे के कमरे में बैठता था उनसे बाते करता था ओ भी मुझे पसंद करते थे क्योकि मैं उनकी हां में हां मिलाता था कारण ये था कि उनकी पुरी बाते समझ नहीं आती थी ओ जब बोलते थे तो उनकी जुबान लड़खड़ाती थी इस कारण प्यूरी बात समझ नहीं आती थी भैया को खुस रखने के लिए मैं हां में हां मिला देता था | मई का महीना था गर्मी बहुत जोरो से पड़ रही थी मैं छत पर सोता था रात में मकान मालिक भी छत में ही सोते थे रीमा भाभी का लड़का मेरे से खूब घुल मिल गया था इस कारण रीमा भाभी कभी कभी उसे भी मेरे पास सुला देती थीजब ओ ज्यादा परेसान करता तो ,रीमा का लड़के को मैं रोज टॉफी ,चाकलेट आदि खिलाता रहता इस कारण ओ मेरे साथ बहुत घुला मिला था | मेरी इस समय पर सेकण्ड डूटी थी ४ बजे से रात के बारह बजे तक और मकान मालिक रात में १२ बजे से सुबह ८ बजे तक कि डूटी में थे मैं एक दिन रात को कंपनी से आया फ्रेस हुआ और छत पर सोने चला गया पर रात में १ बजकर ३० मिनट पर प्यास लगी तो मैंने आया तो देखा कि रीमा के कमरे कि लाइट जल रही थी तो मैं दरवाजे के गैप से झाकने लगा अंदर का नजारा देखा तो खुस हो गया भाभी और भैया चुदाई कि तैयारी में ब्यस्त थे मैं चुपचाप देखने लगा भैया बेड पर नंगे पड़े हुए थे भाभी भी निर्वस्त्र बैठी थी और भैया को किस कर रही थी भइआ भी लार बहाते हुए भाभी को जीभ से चाट रहे थे चाट कम रहे थे लार ज्यादा बहा रहे थे और बाए हाथ से भाभी के सेक्सी जिस्म पर हाथ घुमा रहे थे स्तन भी पर भाभी के बूब्स दिखाई नहीं दे रहे थे ,भाभी का पिछवाड़ा दिखाई दे रहा था , रीमा भैया के लण्ड को पकड़ कर खिला रही थी तो भैया का लण्ड तनकर खड़ा हो गया तो रीमा भाभी ने लैंड को घुसड लिया और अपने चूतड़ो को ऊपर नीचे करने लगी भाभी ने १० -१२ बार चूतड़ो को ऊपर नीचे किया होगा इसके बाद भाभी चकरी कि तरह लण्ड के ऊपर घुमाने लगी अपने चूतड़ो को पर इतने में भैया का लण्ड सुसुक कर बाहर निकल आया चूत से तो भाभी लूस लण्ड को फिर से घुसाने कि कोशिस करने लगी पर लण्ड तो सिथिल होकर लूज पड़ गया और नहीं घुसा तो भाभी चुपचाप खड़ी हो गई और नफ़रत से भैया कि तरफ हुए उनका कपड़ा फेक दिया और भाभी कपड़ा पहनने लगी तो भैया ने लड़खड़ाती जुबान से बोला कि क्यों तेरा नशा [नशा से मतलब सायद संभोग संतुष्टी से होगा ] उतर गया क्या तो भाभी ने कुछ नहीं कहा और बोली कि आप तो कपडे पहन लो इसके बाद भैया बाए हाथ कासहारा लेते हुए बड़ी मुस्किल से उठे बिस्तर से और कपडे पहनने लगे भाभी ने कपडे पहनने में मदद किया जब कमरे ली लाइट बंद हो गई चुपचाप अपने कमरे के दरबाजे को लगाया और ऊपर छत पर सोने चला आया अगले दिन सुबह ६ बजे भाभी छत पर आई और अपने लड़के को मेरे पास से उठा कर ले गई जाते जाते मेरे को कंधे पकड़ कर हिलाया और जगा दिया और बोली कि उठो सुबह हो गई |
सुबह ६ बजाकर ३० मिनट पर मैं नीचे आया और ब्रश करने लगा तो भाभी ने कहा कि भैया को नीचे उतार दो महेंद्र , तो मैं भैया को बड़े मुस्किल से नीचे उतार कर उनके कमरे तक छोड़ दिया , ऊपर आने के बाद भाभी से पूछा कि क्यों भैया नीचे क्यों चले गए वापस तो भाभी ने कहा कि सुबह घूमने नहीं जा पाते है रोज रोज सुबह सुबह कौन उतारे उन्हें नीचे तो मैंने कहा कि मुझे बोल दिया करे मैं उतार दू तो, भाभी ने कहा कि आप रात में १ बजे सोते ही हो सुबह सुबह ५ बजे आपको क्यो डिस्टर्ब करू , तो मैंने कहा कि नहीं भाभी जी आप तो उठा दिया करे मैं बाद में भी सो सकता हु , इतना सुनते ही भाभी मेरे ऊपर खुस हो कर बोली कि कितने अच्छे हो आप और मुस्कुरा कर चली गई | माकन मालिक मण्डी में सब्जी लेने गए हुए थे उस समय पर , ९ बजे के आसपास मैं मेरे बिस्तर पर बैठ कर पेपर पढ़ रहा था कि भाभी नहा कर गीले वदन एक पतली सी साड़ी में लिपटी हुई बाहर (5)निकली और गैलरी में बधी हुई रस्सी पर कपडे डालने लगी भाभी एक एक अंग कि बनावट ,कसावट साफ़ दिखाई दे रही थी बड़ी बड़ी मदमस्त जवानो कि तूफ़ान समेटे हुए सुन्दर से बूब्स कसी हुई जांघे , एक सब मैं चुप चाप देखता रहा भाभी बड़े आराम से घूम घूम कर कपडे डाल रही थी मैं जानबूझकर बाहर निकला तो मुझे देखकर शर्माते हुए कमरे के अंदर चली गई फिर कुछ देर बाद गाउन पहन कर निकली तो मैंने सॉरी भाभी कहा तो बोली किस बात कि सॉरी तो मैंने बताया कि आप इस हालत में थी और मैं बाहर आ गया तो मुस्कुरा कर बोली कि तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा चलता है इतना तो और हसने लगी मैं थैंकू बोला | भाभी १० बजे अपने लड़के के साथ निकली [लड़के को एक झूला घर में छोड़ कर जाती है और साम को वापस आते समय लेती आती है ] आज बहुत बन ठन कर भाभी निकली ,बहुत सेक्सी लग रही थी आज तो मैं तारीफ़ के लिए कह दिया भाभी जी आज बहुत सुन्दर लग रही है आप तो ओ खुस होकर बोली सुक्रिया और मेरी तरफ तिरछी नजर से देखते हुए हलकी से मुस्कान बिखेर कर चली गई | मैं जब रात में डूटी से आया तो देखा कि मेरे पलंग पर गद्दा और मच्छरदानी नहीं है मैं सोच में पड़ गया कि कहा गई , भाभी के कमरे में झांक कर देखा तो भाभी कि खुर्राटों कि आवाज आ रही थी तब मैं फ्रेस होकर छत पर जाकर देखा तो मेरा गद्दा तकिया मच्छरदानी के साथ लगा हुआ था और बिस्तर अस्त ब्यस्त था जैसे कोई सोया हुआ हो ,मैं बिस्तर पर लेट गया और सोने का लगा पर आँखों के आगे भाभी का सेक्सी जिस्म नाच रहा था ,भाभी कि तिरछी चितवन ,हलकी हलकी मुस्कान मुझे भाभी कि तरफ आकर्षित कर रही थी ,मैं ये सब सोच ही रहा था कि किसी के पर के पायल कि झुन झुन सुनाई दिया देखा तो भाभी लड़के को गोद में उठाये हुए आ रही थी मैं सोने का नाटक करते हुए आँखे बंद कर लिया भाभी ने मच्छरदानी को उठाया और लड़के को मेरे पास सुलाकर चली गई | मेरी आँखों से नीद कोसो दूर थी मैं पानी पीने के बहाने नीचे गया धीरे से दरवाजा खोला और भाभी के कमरे कि तरफ देखा तो लाइट जल रही थी तो मैं दरवाजे के गैप से झाकने लगा तो देखा कि भाभी एक दम से बिस्तर पर् नंगी तकिये में टेका लगाए हुए बैठी थी और हाथ में एक मोटी सी लम्बी सी मूली थी जिस पर कंडोम चढ़ा रखा था और मूली को धीरे धीरे चूत में डालकर आगे पीछे कर रही थी और एक हाथ से अपने स्तनो को बार बार दबा रही थी भाभी लगातार ५ मिनट तक मूली से खुद को चोदती रही और मैं देखता रहा मेरा भी लौड़ा खड़ा हो गया तो भाभी की चुदाई देख देख कर मुठ मारने लगा उधर भाभी जोर जोर से मूली को अंदर बाहर कर रही है और इधर मैं उन्हें देख देख कर मुठ मार रहा था उधर भाभी जी हलकी हुई और इधर मैं हल्का हुआ भाभी ने कपडे पहने और सो गई और मैं छत में आकर सो गया | और सुबह जल्दी उठा क्योकि कंपनी में आज के दिन सुबह जाना था डूटी पर कोई मसीन खराब हो गई है जिसे कोई इंजीनिएर सुधार नहीं पा रहा था इस कारण कंपनी ने सुबह सुबह ही फोन करके बुला लिया, मैं को ६ बजे कंपनी से निकला तो सीधे बाजार से सब्जी लेने चला गया तो वहा भाभी मिली सब्जी लेते हुए तो मैंने पूछ लिया कि काका सा तो सुबह सब्जी लाये थे ना तो भाभी बोली कि लाये थे पर मूली टमाटर भूल गए थे तो मैंने हस दिया और धीरे से बोला कि आपको मूली बहुत पसंद है ना तो मेरे तरफ अजीब नजर से देखने लगी और फिर नजरे नीची कर लिया सरमाते हुए चलने लगी तो मैंने बोला कि भाभी आइये छोड़ देता हु आपको ,मैं भी घर चल रहा हु ,तो भाभी मेरे साथ बाइक में बैठ गई सब्जी मंदी में बहुत भीड़ थी बार ब्रेक मारता तो भाभी कि चुचिया बार बार मेरे पीठ से टकराती तो अजीब से सनसनाहट लगता सरीर में और मजे भी आ रहे थे मैं जान बूझकर भी बार बार ब्रेक मारता तो भाभी भी बड़े आराम से चुचिया घिस देती भीड़ से बाहर निकला तो रस्ते में भाभी ने कहा कि आपको कैसे पता कि मुझे मूली पसंद है ,तो मैं बोला कि भाभी सा एक साल से ज्यादा हो गए आपके माकान में रहते बहुत कुछ जान चुका हु अब तो फिर से इठलाते हुए भाभी बोली कि बताओ जानते हो तो मैं बिना संकोच किये बोल दिया कि आप तो रात में भी मूली खाती है और दिन में भी तो भाभी ने मेरे कंधे पर एक हलकी से चपत मारी और बोली कि तुम भी तो खाते हो साम को मूली ,तब मैं पलट कर बोला कि भाभी सा आप तो रात में खाती हो मूली और हँसने लगा | घर कि रोड पास आ गई इस कारन मैंने भाभी को बोला कि आप उतर जाओ यही, नहीं तो मोहल्ले वाले तरह तरह कि बाते करेगे तो भाभी बोली बहुत समझदार हो पंडित जी और फिर उतर गई बाइक से मैं चला आया घर,कुछ देर बाद भाभी भी घर आ गई और मुस्कुराते हुए अंदर कि तरफ चली गई |
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