Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
09-18-2018, 12:11 PM,
#28
RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
राज ललिता के गुलाबी रस भरे होंठो को चूस्ता हुआ. अपना हाथ ललिता के मक्खन जैसे बदन पर सहला रहा था. धीरे - 2 राज का हाथ ललिता की राइट थाइ पर आ गया. ललिता के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. ललिता ने अपने होंठो को अलग करते हुए अपने फेस को राज की चौड़ी छाती मे छुपा लिया. और अपने गुलाबी होंठो को राज की चौड़ी चेस्ट मे रगड़ने लगी.

राज भी अपने आपे से बाहर हो गया.और उसने अपना हाथ सरका कर ललिता की दोनो जाँघो के बीच मे रख लिया. ललिता की गरम जाँघो मे जैसे ही राज का हाथ गया. राज का लंड उसकी पॅंट मे एक दम से तन गया. और ललिता के चुतड़ों की दरार मे पटियाला सलवार के ऊपेर से धँस गया. ललिता के मुँह से आह निकल गयी. ललिता ने अपने दोनो हाथों से राज की शर्ट को कस के पकड़ लिया.

ललिता: अहह क्या कर रहे हो आप मेन्ंनणणन् मुझे कुछ हूऊओ रहा हाीइ.

ललिता ने अपनी जाँघो को कस के भींच लिया. ताकि राज का हाथ उसकी कुँवारी नाज़ुक चूत तक ना जा पाए. पर राज धीरे -2 अपने हाथ से ललिता की जाँघो को सहलाता हुआ अपने हाथ को आगे बढ़ा रहा था.

ललिता इतनी मस्त हो चुकी थी. कि उसका बदन भी उसका साथ नही दे रहा था. उसके पैर ढीले पढ़ने लगे.और राज का हाथ ललिता की चूत पर उसकी सलवार और पैंटी के ऊपेर से सट गया.

ललिता: अहह जनन्न्नुऊऊुुुउउ हाटात्त्ट जऊऊऊ नहियीई तो मेन्ंणणन् अपनईए अपाप पर कबुऊ नहियीई रख पाउन्गी. ओह प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज जानुउऊुउउ

राज ललिता की बात पर ध्यान दिए बिना. सलवार और पैंटी के ऊपेर से ललिता की चूत को मसले जा रहा था.ललिता की पैंटी मे गीला पन होने लगा था. आख़िर कार ललिता के पैर ढीले पड़ गये.

जैसे ही राज का हाथ ललिता की चूत पर पहुँचा . ललिता के मुँह से मस्ती भरी आह निकल गयी. ललिता राज की तरफ अपनी मदहोशी भरी निगाहों से देखने लगी. ललिता के होंठ उतेजना के मारे थरथरा रहे थी. ललिता से अपनी आँखों को खोले रखना भी दुसवार होता जा रहा था. राज ने ललिता की आँखों मे देखते हुए, एक बार फिर से उसकी चूत को उसकी सलवार के ऊपेर से मसल दिया. ललिता एक दम सिसक उठी. और अपनी आँखों बंद करके राज की छाती से चिपक गयी.

राज : ललिता एक बार.

ललिता: (राज की बात को समझ रही थी.) हूँ नही जानू आह प्लेजज़्ज़्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज.

पर ललिता किसी तरह का विरोध नही कर रही थी. राज ने अपने हाथ को ऊपेर करके ललिता की सलवार के जबरन पर कर लिया. और ललिता की सलवार को नाडा ढूँढने लगा. ललिता की सलवार का नाडा ललिता की सलवार और उसकी नाभि के नीचे फँसा हुआ था. राज ने ललिता की सलवार के नाडे को जैसे ही पकड़ कर बाहर निकाला. ललिता के दिल की धड़कन बढ़ गयी.

ललिता: ओह राज प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज रुक जाओ. मे नही तो बेकाबू हो जाउन्गी.

राज ने ललिता के बात को अनसुना करते हुए. ललिता की सलवार के नाडे को खींच दिया. ललिता के दिल की धड़कन बंद हो गयी.

राज ने जैसे ही ललिता की सलवार का नाडा खोला. ललिता की सलवार ढीली हो गयी. और इससे पहले कि ललिता अपनी सलवार को पकड़ पाती. राज ने अपना हाथ ललिता की सलवार मे घुआ दिया. और उसकी पैंटी के ऊपेर से ललिता की चूत पर रख दिया.

ललिता: ओह्ह्ह्ह राज र्ररर उफफफफफफ्फ़ क्या कर रहे हो... हन्न्न बहुत अच्छा लग रहा हाईईइ. 

ललिता की बात सुन कर राज और जोश मे आ गया. और धीरे -2 पैंटी के ऊपेर से ललिता की चूत को सहलाने लगा. ललिता की कमर राज के हाथ की हरकत के साथ झटके खा रही थी. ललिता मस्ती मे आकर आह ओह कर रही थी. 

ललिता: अहह राज हननंननणणन् उनहगगगगगग उंह सीईईईईईई बहुत अच्छा लग रहा है.बसस्स्सस्स अब और बर्दास्त नही होता....

और ललिता एक झटके के साथ राज की गोद से खड़ी हो गयी. और राज की तरफ पीठ करके. अपनी सलवार को खींच कर निकाल दिया. और फिर बेड के तरफ जाने लगी. ललिता की पीठ राज की तरफ थी. बेड के पास जाकर अपनी कमीज़ को दोनो हाथों से पकड़ कर उतार दिया. ललिता अब बेड के पास लाइट पिंक कलर की ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी. ललिता ने एक बार अपनी वासना से भरी आँखों को खोल कर अपना फेस घुमा कर पीछे की तरफ देखा. और सोफे पर बैठे राज को हल्की सी कामुका मुस्कान पास कर दी. और फिर से अपने फेस को आगे की तरफ कर लिया.

राज सोफे से उठ कर ललिता की तरफ बढ़ने लगा. राज के नज़दीक आते कदमों की आहट सुन कर ललिता का दिल जोरों से धड़कने लगा. जैसे ही राज ललिता के पीछे से उसके साथ सट कर खड़ा हुआ. तो ललिता को राज की नंगी चेस्ट अपनी पीठ पर महसूस हुई. ललिता के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी.

ललिता का पूरा बदन राज की नंगी चेस्ट को अपनी पीठ पर महसूस करके कांप गया. राज ने अपने हाथों को ललिता की ब्रा के हुक्स पर ले आया. और ललिता की ब्रा के हुक्स को खोलने लगा. 

ललिता के हाथ पैर उतेजना के मारें काँप रहे थे. जैसे ही ललिता की ब्रा के हुक्स खुले. ललिता ने अपने हाथों से अपनी ब्रा को पकड़ लिया. राज ने ललिता की नेक पर अपने होंठो को रख दिया. ललिता की मस्ती मे आँखें बंद हो गयी. और उसके हाथों की पकड़ ब्रा पर से ढीले हो गये. राज ने ललिता की ब्रा के स्ट्रॅप्स को दोनो तरफ से पकड़ उसके कंधों से सरका कर उसकी बाहों से निकालना चालू कर दिया. जैसे ही ब्रा के स्ट्रॅप्स ललिता के हाथों तक पहुँचे. ललिता ने अपने हाथों को ब्रा के कप्स से हटा कर अपनी सहमति जता दी. और राज ने ललिता के ब्रा को निकाल कर बेड पर फेंक दिया. ललिता की 34 साइज़ की कसी हुई चुचियाँ अब बाहर आ चुकी थी. ललिता की चुचियों के निपल्स उतेजना के कारण कड़े हो कर एक दम तन चुके थे.

राज ने ललिता की नेक को किस करते हुए. अपने हाथों को ललिता की बगलों मे से निकाल कर ललिता की चुचियों पर रख दिया. और धीरे-2 ललिता की चुचियों को मसलने लगा. जैसे ही राज के हाथ ललिता की चुचियों पर पड़े. ललिता राज की बाहों मे मचल उठी.

ललिता: अहह राज र्र ओह हाआँ बहुत्त्त्त अच्छा लगा रहा हाईईइ अब मेरीई बूब्स को कभी नाआ छोड़ना अहह सीयी उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

राज : हाआँ ललिता अब मे इन्हे दिन और रात सारा टाइम प्यार करूँगा. तुम मुझे प्यार करने दोगी ना.

ललिता: अहह हाआअँ मेरे सरताज्जजज्ज्ज ये सब तुम्हारा हीए तो है.. मेरे हर अंग पर तुम्हारा ही हक है. अहह जनंन्न्नुऊऊउ ओह क्याअ कर रहे हो.

राज ने ललिता के निपल्स को दोनो हाथों की उंगलियों से ललिता के बूब्स के निपल्स को मसल दिया.

जैसे ही ललिता के निपल्स को राज ने अपने हाथों की उंगलियों मे लेकर मसला. ललिता एक दम से कसमसा उठी. और अपने सर को पीछे करके राज के चौड़े सीने पर रख दिया. राज ललिता की सुरहीदार गर्दन पर अपने होंठो को रगड़ता हुआ चूम रहा था. नीचे राज का लंड उसकी पॅंट मे तन कर ललिता के चुतड़ों की दरार मे पैंटी के ऊपेर से धंसा हुआ था. ललिता राज के लंड को अपनी चूत पर पानी की ऊपेर से महसूस करके गरम हो चुकी थी. और उसकी चूत मे सरसराहट होने लगी थी.

ललिता: (मदहोशी से भरी हुई आवाज़ मे) ओह्ह्ह्ह जाअन मुझीए सीए खड़ाा नही जाअ रहा अहह उंह 

राज ने ललिता की बात सुनते हुए उसे अपनी गोद मे उठा लिया. और उसे बेड पर लेटा दिया. जैसे ही ललिता बेड पर आई. तो उसने अपनी वासना से भरी आँखों को खोल कर राज की तरफ देखा. और थोड़ी देर राज की आँखों मे देखने के बाद जब उसे अपनी हालत का पता चला. तो ललिता शरमा गये. और उसके होंठो पर मुस्कान आ गयी. ललिता ने अपनी नज़रें घुमा ली. और काँपती आवाज़ मे बोली.

ललिता: ऐसे क्यों देख रहे हो . मुझे शरम आ रही है.

राज ललिता की तनी और कसी हुई गुदाज चुचियों को देखते हुए जो ललिता के सांस लेने से ऊपेर नीचे हो रही थी. ललिता के निपल कड़े हो कर तन चुके थे.) तुम्हें देख रहा हूँ. तुम सच मे बहुत खूबसूरत हो.

ललिता ने शरमा कर अपनी आँखों को बंद कर लिया. राज ने अपने बदन पर बचे हुए कपड़ों को भी उतार दिया. राज का 8 इंच का लंड अब हवा मे झटके खा रहा था. ललिता अपनी आँखों को बंद किए. बेड पर पीठ के बल लेटी हुई थी. और एक छोटी सी पैंटी उसकी चूत को छुपाए हुए थी.
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