Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
09-24-2018, 01:49 PM,
#66
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
नीरज को पता था.. अब पैसे कहाँ से लाने है.. तो बस वो पहुँच गया सीधा राधे के पास.. रात को 8 बजे नीरज और राधे एक कॉफी शॉप पर बैठे बातें कर रहे थे।
राधे ने नीरज को सब कुछ बता दिया था कि कैसे वो मज़े ले रहा है..
चूंकि नीरज चालाक था.. तो उसने बस राधे को यही बताया कि रोमा नाम की लड़की से उसको प्यार हो गया है.. अब उसके नखरे उठाने में काफ़ी पैसे लग रहे हैं।
राधे- अबे साले ऐसी क्या बात है.. जो तूने मुझे इतना अर्जेंट में फ़ोन करके यहाँ बुलाया?
नीरज- यार.. तू तो यहाँ मज़े कर रहा है और वहाँ मैं परेशान हूँ। पैसों के नाम पर मेरे पास कुछ नहीं बचा.. अब तेरे पास नहीं आऊँगा तो कहाँ जाऊँगा।
राधे- देख नीरज यह गलत है.. मैं मीरा से सच्चा प्यार करता हूँ और उसकी दौलत बस उसकी है.. उस पर मेरा कोई अधिकार नहीं है..
नीरज- अरे यार तू उससे शादी करेगा तो सब तेरा होगा ना.. अब अकेले-अकेले माल खाएगा.. अपने दोस्त को कुछ तो दे दे यार!
राधे- अच्छा ठीक है जो 5 लाख मेरे पास रखे हैं वो तुझे दे देता हूँ.. मगर उसके बाद कुछ नहीं.. हाँ.. तू दोबारा मेरे पास नहीं आएगा..
नीरज- अरे नहीं आऊँगा.. मेरे प्यारे दोस्त.. ला दे जल्दी दे..
राधे- अबे साले में कौन सा जेब में लिए घूमता हूँ.. तू अभी निकल.. मैं कल सुबह तेरे खाते में डाल दूँगा.. ठीक है.. और हाँ.. मैं एक बात कहता हूँ.. दोस्त उस लड़की से शादी कर लो.. सारा जीवन सुखी हो जाएगा।
नीरज- अरे तू मेरी शादी का टेंशन मत ले.. तू अपना देख.. अच्छा मैं चलता हूँ.. अब कल भूल मत जाना।
नीरज वहाँ से निकल गया.. तो राधे भी घर आ गया और जब कमरे में गया.. तो अन्दर का नजारा देख कर हैरान हो गया।
मीरा एकदम नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी.. उसके पास बीयर की बोतल आधी खाली पड़ी थी.. यानी उसने आधी बोतल गटक ली थी और उसने मम्मों और चूत पर चॉकलेट पेस्ट लगाया हुआ था। राधे के अन्दर आते ही वो सेक्सी मुस्कान के साथ राधे को देखने लगी।

राधे- यह क्या है.. त… त..तुम पागल हो गई हो क्या.. कमरा खुला हुआ है.. तुम ऐसे नंगी सोई हो.. इस्स.. कहीं पापा आ गए तो?
मीरा- हाय तेरी इस अदा पर मैं मार जाऊँ.. मेरे आशिक.. और पागल तो मैं पहले दिन ही हो गई थी.. जब तुमने मेरे अनछुए जिस्म को टच किया था.. बस उस दिन तुम्हें अपनी बहन समझ कर अपने जिस्म को चटवाया था.. अब पति बन कर चाट लो..
राधे- अरे मीरा… प्लीज़ होश में आओ.. अभी पति नहीं.. मैं तुम्हारी बहन हूँ.. क्या हो गया तुमको?
मीरा- अच्छा तुम मेरी बहन हो.. तो ठीक है.. बहन बनकर चाट लो.. हिच.. हिच.. मुझे तुम्हारा लौड़ा चाहिए.. हिच.. हिच..
राधे- मीरा सच में.. तुम पागल हो गई हो.. ये बीयर कहाँ से आई और तुमने पी कैसे.. उस दिन तो बड़ा नानुकुर कर रही थीं।
मीरा- मैं लाई हूँ.. मेरे आशिक.. आओ ना.. मुझे लौड़ा दो.. हिच.. मुझे तुम्हारा लौड़ा बहुत पसन्द है.. हिच.. इसलिए मैंने आज तुम्हारे लौड़े के नाम पर पी है.. हिच.. हिच.. नहीं.. नहीं.. मेरी बहन के लौड़े के नाम से पी है.. आज मैं सारी दुनिया को चीख-चीख कर बता दूँगी.. मुझे मेरी बहन का लौड़ा चाहिए.. हिच.. हिच..
राधे जल्दी से अन्दर गया, कमरा बन्द किया.. मगर लॉक नहीं किया और मीरा के पास जाकर बैठ गया।
मीरा- मेरी प्यारी बहन कपड़े निकाल दो ना.. हिच.. मुझे तुम्हारा लौड़ा चूसना है.. हिच..
राधे- अरे मीरा.. होश में आ पापा आ जाएँगे.. धीरे बोल.. कोई सुन लेगा तो गजब हो जाएगा।
मीरा- सुनता है.. तो सुने.. मैं बोल रही हूँ ना.. मुझे दुनिया में सबसे ज़्यादा बहन का लौड़ा पसन्द है.. हिच.. आह्ह.. लाओ दो ना.. मुझे लौड़ा.. हिच.. हिच..
राधे आगे बढ़ा और मीरा के मुँह पर हाथ रख दिया।
राधे- अरे देता हूँ मेरी जान.. तू चुप तो हो पहले.. और पापा कहाँ गए हैं? तुझे क्या जरूरत थी इतनी बीयर पीने की.. क्या तू पागल हो गई है?
मीरा ने राधे का हाथ हटाया और उसको प्यार से देखते हुए बोली- अरे मेरे भोले आशिक.. हिच.. हिच.. तुम्हारे जाने के बाद पापा का फ़ोन आया.. तो वो हिच.. मुझे बोल कर गए कि अर्जेंट काम आ गया है.. अब मैं कल तक आ पाऊँगा.. तुम राधा को हिच.. फ़ोन करके बुला लो हिच.. और दोनों जल्दी सो जाना.. तो मैंने सोचा आज बहुत दिनों बाद हिच.. खुल कर प्यार करेंगे.. तो बस मैं पूरी खुली हुई हूँ.. आओ ना.. प्यार करो ना मुझे..
राधे- ओह्ह.. तो ये बात है.. अब समझा तू इतनी बिंदास कैसे पड़ी है.. मगर ये बीयर कहाँ से आई.. ये तो बता.. मेरी जान?
मीरा- पापा के जाने के बाद मैंने सोचा.. हिच.. तुमको बीयर पसन्द है.. तो आज मैं तुमको अपने हाथों से पिलाऊँगी.. हिच.. यही सोच कर वो नुक्कड़ पर जो दारू की दुकान है ना.. वहाँ से ले आई..
राधे- अरे बाप रे.. तू खुद लेकर आई.. किसी ने देखा तो नहीं ना.. वरना कोई पापा को बोल सकता है कि मीरा बीयर लेकर गई थी।
मीरा- ही ही ही.. मुझे.. हिच.. पागल समझा है क्या.. मैं नहीं लाई.. वो दुकान के पास.. हिच.. एक छोटा लड़का खड़ा था.. उसको पैसे दिए.. हिच.. और मंगवा ली.. ही ही ही ही..
राधे- अरे वाह.. मेरी जान.. मान गया तेरे दिमाग़ को.. मगर ये बता तू मेरे लिए लाई.. तो खुद क्यों पी गई?
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