RE: Antarvasna kahani जुआरी
हमेशा की तरह उसने आज भी ब्रा नही पहनी थी...
कामिनी ने उसके ब्लाउज़ को खींचकर नीचे उतार दिया और अब वो टॉपलेस होकर उसने सामने खड़ी थी...
उसके कड़क बूब्स की सुंदरता देखते ही बनती थी..
कामिनी के तो मुँह में पानी सा आ गया, उसने तुरंत उसे अपनी तरफ खींचकर उसके बूब्स पर अपने होंठ रख दिए और उन्हे पागलों की तरह चूसने लगी...
''आआआआआआआआआअहह बीबी जी......... उम्म्म्ममममममममममममममम.... मत करो....ऐसा......अहह... ये ठीक नही है........अहह''
पर उसकी बुदबुदाहट अंदर ही घुट कर रह गयी...
कामिनी उसके कड़क निप्पलों में से ताज़ा क्रीम चूसकर निकालने में लगी थी..
हालाँकि पायल को भी मज़ा मिलना शुरू हो गया था, पर वो अपनी उत्तेजना का इज़हार करके अपनी मालकिन के सामने कोई सीन क्रियेट नही करना चाहती थी.
कामिनी ने एक-एक करके उसके दोनो बूब्स को अच्छे से निचोड़कर पिया, ऐसा करते हुए उसने पायल के हाथ को अपनी चूत से निकलने भी नही दिया... इस तरह से वो दोनो तरफ का मज़ा ले रही थी.
और उसके बूब्स चूसते -2 उसमें पता नही कौनसी चुड़ेल घुस गयी, वो बेड से उठकर बैठ गयी और उसने आनन फानन में उसकी साड़ी खोलकर एक कोने में फेंक दी, और फिर उसके पेटीकोट के नाडे को खोलकर उसे भी नीचे गिरा दिया.
और उसके बाद पायल खड़ी थी उसके सामने
ठीक उसी की तरह
नंगी..
पूरी नंगी
कामिनी तो उसके सुगठित शरीर को देखकर दंग ही रह गयी...
आज तक उसने इस मदहोशी से भरे जिस्म को कपड़ों के नीचे छुपा कर रखा था...
पर आज बेपर्दा होने के बाद वो उसकी सुंदरता की कायल हो गयी..
हालाँकि वो अपनी सुंदरता के आगे किसी को उपर नही मानती थी, पर आज उसका पायल की सुंदरता को देखकर दिल से तारीफ करने का मन कर रहा था.
वो आगे बड़ी और उसने नंगी पायल को अपनी बाहों में ले लिया और फिर उसे बेतहाशा चूमने लगी...
पहले उसकी गर्दन , फिर चेहरा और अंत में आकर उसके रसीले होंठों को.
कामिनी के लिए भी ये पहला मौका था की वो किसी और औरत को इस तरह से प्यार कर रही थी, पर पायल के नंगे बदन में आकर्षण ही ऐसा था की वो खुद को रोक नही पाई और उससे लिपट कर उसे प्यार करने लगी..
प्यार क्या करने लगी उसे खाने को तैयार हो गयी वो तो..
पायल तो जैसे नंगी होकर किसी सदमे में आ गयी थी...
उस गाँव की औरत को क्या पता था की ये लेस्बियन सैक्स क्या होता है...उसे तो बस औरत और मर्द के जिस्मानी रिश्ते के बारे में ही पता था की मर्द का लंड औरत की चूत में जाकर दोनो को मज़ा देता है...
जब उसके पति कुणाल का मोटा लंड उसकी चूत में जाकर हाहाकार मचाता था तो उसे बड़ा मज़ा मिलता था....
पर ये क्या भसूड़ी थी
एक औरत ,दूसरी औरत के जिस्म को प्यार करके भला कैसे संतुष्ट होगी....
सिर्फ़ एक दूसरे की चूत में उंगली करके वो मज़ा तो मिलने से रहा
फिर ये मेमसाहब इतना क्यो उत्तेजित हो रही है ये सब करने को..
पर कुछ ही देर में उसके सारे सवालों के जवाब मिलने शुरू हो गये...
पहले तो कामिनी के इस जंगलिपन से उसके शरीर में वही तरंगे उठनी शुरू हो गयी जो कुणाल से चुदाई कराते वक़्त उठती थी..
और फिर उसके निप्पल पूरी तरह से कड़क से होकर खड़े हो गये..जैसे कुणाल चूसकर उन्हें खड़ा करता था
और जब उसकी चूत से पानी रिसने लगा तब उसे पता चला की ये सब करने में भी मज़ा मिलता है...
या मिलने वाला है.
और उसने पहली बार हिम्मत करके अपनी मालकिन के हाथों को अपने स्तनों से हटाकर अपनी चूत की तरफ कर दिया..
कामिनी भी समझ गयी की बदन से बदन की गर्मी निकली है और आग जल चुकी है...
उसने अपनी नर्म मुलायम लंबी उंगलियों को एक-2 करके उसकी चूत में उतार दिया और बाद में अपनी 4 उंगलियों का कोन बनाकर उसकी चूत को चोदने लगी.
''आआआआआआआहह मालकिन..... ये...ये क्या मज़ा है.....अहह...ऐसा तो आज तक नही सुना....ना देखा.... पर....पर....मज़ा बहुत मिल रहा है...''
कामिनी मे मुस्कुराते हुए उसके हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और अब दोनो एक दूसरे की चूत को अपनी-2 उंगलियों से चोदने में लगे थे.
कामिनी : "आआआआहह शाबाश......आआआआआआअहह ऐसे ही करती रह.....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... ऑश यससस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स''
कामिनी को अब इस मज़े को पूरी तरह से महसूस करना था..
उसने पायल को बेड पर धक्का दिया और खुद उसके उपर सवार हो गयी...
69 की पोज़िशन में...
और अपनी चूत को उसके मुँह पर दबाकर खुद उसकी चूत पर टूट पड़ी...
ऐसे टूटी जैसे बरसों बाद उसे फ्रूट से सजी प्लेट मिली हो, और उस फ्रूट प्लेट के हर टुकड़े का वो जी भरकर मज़ा लेना चाहती थी...
ख़ासकर उसमे सजे अंगूर के दाने का...
जब उसने पायल की चूत को चखा तो उसमें से उसे वही खुश्बू आई जैसी कार की पिछली सीट पर कुणाल के लंड से निकले पानी की थी....
दोनों के जूस में वही कड़क स्वाद था
उसे चाटकर भी उसका शरीर झनझना सा गया था और इसे चूसकर भी उसका वही हाल हुआ...
कामिनी का पूरा शरीर काँप सा गया...
जैसे बिजली का हल्का झटका लगा हो.
और ऐसा होता भी क्यो नही, उसकी चूत के पानी में नमक था ही इतना तेज की उसे फिर से वही तीखा टेस्ट याद आ गया जो कार सीट पर चखा था उसने..
फिर तो वो उसे बुरी तरह से चाटने लगी...
चूसने लगी....
खाने लगी.
और वही हाल पायल का भी था....
शहद से मीठी चूत थी उसकी मालकिन की...
पायल ने आज से पहले चूत इतने करीब से नही देखी थी...
आँखो के एकदम सामने लहरा रही चूत और उसमें से निकल रहे रस को देखकर वो सम्मोहित सी हो गयी.
और अपनी जीभ निकाल कर उसने वो रस चख लिया....
और फिर वो भी वैसा ही करने लगी जैसा उसकी मालकिन उसकी चूत के साथ कर रही थी....
और फिर उसे मज़ा मिलना शुरू हो गया....
अपने मुँह में भी और अपनी चूत चुसवाने की वजह से चूत से भी.
और जल्द ही दोनो चीखने चिल्लाने लगी....
अपने-2 ऑर्गॅज़म के करीब पहुँचकर दोनो अत्यधिक उत्तेजना में भरकर अपने पूरे शरीर को एक दूसरे से रगड़ने लगे...
और अंत में एक जोरदार झटके से दोनो की चूत का फव्वारा फुट गया...
जिसने उन दोनो के चेहरों को बुरी तरह से भिगो दिया.
फ़र्क सिर्फ़ इतना था की एक फुव्वारे से मीठा पानी निकला था और दूसरे से नमकीन.
पर स्वाद दोनो में था, तभी दोनो को एक मिनट भी नही लगा सारा रस सॉफ करने में.
और जल्द ही सब कुछ सॉफ करके दोनो ने एक दूसरे की चूत चमका दी.
और फिर कामिनी हांफती हुई पायल के उपर से नीचे उतर आई...
दोनो अभी भी अपने-2 ओर्गेस्म से उभरने की कोशिश कर रही थी.
|