RE: Antarvasna kahani चुदाई का वीज़ा
मेरे उल्टी हो कर लेटते ही खालिद मेरे पीछे आन खड़ा हुआ.
उस ने “थू” कर के अपने मुँह से ढेर सारा “थूक” निकाला और कुछ थूक अपने लंड पर ऑर कुछ मेरी चूत पर लगा कर उस ने अपना लौडा मेरी फुद्दि के सुराख पर रख कर धक्का दिया ऑर उस का लंड अंदर चला गया.
अब खालिद मुझे फिर किसी कुतिया की तरह चोदने लगा.
उस के तेज तेज झटकों की बदौलत जब उस का लंड मेरी चूत के अंदर जाता. तो मेरी फुद्दी के साथ उस के टटटे टकराने के साथ साथ उस की टाँगें भी पीछे से मेरे मोटे हिप्पस से जा टकराती.
इस तरह ना सिर्फ़ कमरे में “थॅप थॅप” की आवाज़ गूँजती बल्कि उस कर हर झटके की वजह से मेरे मोटे मम्मे भी हिलने शुरू हो जाते.
खालिद कमरे की दीवार से लगे शीशे में मेरे हिलते हुए मम्मों को देख कर ऑर ज़ोर से मुझे चोदने लगा.
और इसके साथ साथ वो अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरी मम्मों को मसलने लगा.
उस के झटकों की रफ़्तार अब पहले से बहुत ही तेज हो गई थी.
में "आआआआआआईयईईई ईईईईईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊँ म्म्म्म मममममममाआअ एयाया मुझे छोड़ दूऊऊऊओ" जैसे अल्फ़ाज़ से खालिद अभी तक इस काम से रोकने की कोशिस करने में लगी हुई थी.
मगर उसी दौरान खालिद ने एक ज़ोर दार झटके के साथ ही अपना सारा वीर्य मेरी फुद्दी में उडेल दिया.
खालिद ने अपनी दरिंदगी पूरी की और चला गया. जब कि उस के लंड का पानी काफ़ी देर तक चूत से बाहर निकल कर मेरी टाँगों से होता हुआ बिस्तर पर गिरता रहा.
में खालिद की वहशियाना चुदाइ से थक गई थी. इस लिए उस के जाने के कुछ देर बाद मुझे भी नींद ने अपनी आगोश में ले लिया और में नंगी ही सो गई.
में सुबह काफ़ी देर तक सोती रही. फिर जब सुबह मेरी आँख खुली तो बिस्तर पर से उठते वक़्त मेरी नज़र सामने लगे शीशे पर पड़ी.
मेने ने देखा कि मेरा मेरे दोनो मम्मो पर खालिद के दाँतों के निशान अभी तक बाकी थे. और मेरे निपल्स भी सूजे हुए थे.
जब कि नीचे मेरी चूत भी सूज कर और मोटी हो गई थी. जब कि मेरे जिस्म का अंग अंग अभी तक दर्द कर रहा था.
में सोचने पर मजबूर हो गई कि यहाँ तो में मर जाउन्गी . ना मेरा अमेरिका का बुलावा आएगा और ना में इस जहन्नुम से निकल पाउन्गी .
आख़िर में कब तक दामाद और ससुर की रखेल बन कर रहूंगी .
में ज़हनी तौर पर इतनी परेशान थी और खुद अपनी ही नज़रों में गिर गई थी.
दिल चाहता था कि खुद कुशी करलूँ. या सारी ससुराल वालों को जमा करूँ और चीख चीख कर कहूँ कि "कोई और है तो आ जाय" मुझ से चुदाई करने.
उसी दिन अम्मी का दुबई से फोन आया कि वो और बिलाल भाई आज शाम की फ्लाइट से पाकिस्तान वापिस लौट रहे हैं.
मुझे तो इसी खबर का इंतिज़ार था. क्यों कि मैने इस्लामाबाद से वापसी पर ही ये तय कर लिया था. कि अपने ससुर के हाथों बे आबरू हो कर में अब मज़ीद अपने ससुराल मे नही रह सकती थी.
फिर आज खालिद भाई के साथ रात वाले वाकये के बाद मेरे लिए अब एक लम्हा इधर रुकना मुहाल था.
इस लिए उसी रात में अपनी सास से इजाज़त ले कर अपनी अम्मी के घर चली आई.
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