RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
दोस्तो, आप सोच रहे होंगे.. मैं यह कैसी कहानी ले आई.. जिसमें अभी तक कोई लड़की का नाम नहीं आया.. तो अब आ जाएगा.. टेंशन किस बात का है.. दरअसल यह कहानी का एक पहलू था। अब आपको कहानी का दूसरा पहलू बता देती हूँ ताकि कहानी समझने में आसानी हो।
दिन 19 अगस्त 2013, पुणे… सुबह के 7 बजे एक 45 साल का कामजोर सा आदमी कुर्सी पर बैठा अख़बार पढ़ रहा था।
ये हैं दिलीप त्यागी.. अच्छे-ख़ासे पैसे वाले हैं. इनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं हैं तो बेचारे बस गमगीन से रहते हैं।
मीरा- गुडमॉर्निंग पापा.. ये लो आपकी चाय हाजिर है..
दोस्तो, ये हैं मीरा त्यागी.. इनकी बेटी उम्र 18 साल.. भरा-पूरा जिस्म है.. शरारती बहुत है.. अपने पापा की लाड़ली ये दिखने में एकदम आलिया भट्ट Alia Bhatt जैसी लगती हैं कोई 5 साल पहले माँ की मौत के बाद यह टूट सी गई थी.. मगर दिलीप जी ने इसे इतना प्यार दिया कि इसको कभी माँ की कमी महसूस ही नहीं हुई।
दिलीप- अरे तुम चाय लेकर क्यों आई हो.. मैंने घर में नौकर किस लिए रखे हैं. तुम काम मत किया करो।
मीरा- अरे पापा, यह कोई काम है.. अब आपको चाय तो मैं ही दूँगी.. क्योंकि आप वर्ल्ड के सबसे बेस्ट पापा हो..
दिलीप- और तुम दुनिया की सबसे अच्छी बेटी हो.. जाओ अब तैयार हो जाओ स्कूल नहीं जाना क्या?
मीरा ने आगे बढ़कर दिलीप जी के गाल पर एक पप्पी दी और ‘आई लव यू’ कहा और वहाँ से अपने कमरे में चली गई।
दस मिनट बाद वो जब वापस आई.. दिलीप जी की आँखों में आँसू थे.. वो अख़बार में देख कर रो रहे थे.. मीरा उनके पास आई और अख़बार में देखने लगी कि ऐसी क्या खबर है.. जो उसके पापा की आँखों में आँसू आ गए।
अख़बार में एक 5 साल के बच्चे का फोटो था.. नीचे लिखा था गुमशुदा की तलाश।
बस यही वो खबर थी.. मीरा समझ गई कि पापा क्यों रो रहे हैं।
उसने जल्दी से अख़बार पापा से छीन लिया और गुस्सा हो गई।
मीरा- पापा हद हो गई.. यह क्या बात हुई.. इतनी सी बात के लिए आप रो पड़े.. ऐसे कैसे चलेगा पापा.. प्लीज़..
दिलीप- मीरा यह इतनी सी बात नहीं है.. ऐसी खबर देखता हूँ तो अपने आपको कोसता हूँ.. मेरी वजह से ये सब हुआ है काश.. मैं वहाँ नहीं जाता तो अच्छा होता काश…
दिलीप जी फूट-फूट कर रोने लगे तो मीरा भी उनसे लिपट कर रोने लगी।
काफ़ी देर तक वो दोनों ऐसे ही रहे.. तब कहीं उनकी नौकरानी ने आकर उनको समझाया.. तो वो चुप हुए।
फिर मीरा अपने स्कूल चली गई और दिलीप जी वहीं रहे।
इनकी नौकरानी के बारे में भी आपको बता दूँ.. इसका नाम ममता है.. इसकी उम्र कोई 20 साल होगी.. साल भर पहले ही इसकी शादी हुई है.. इसका जिस्म भी बड़ा मादक है। लंबे बाल.. गेहुआ रंग और इसके चूचे एकदम तने हुए.. 34″ के हैं। कमर ठीक-ठाक है और उठी हुई गाण्ड भी 34″ की है.. ये दिखने में बड़ी कामुक लगती है.. मगर ये अपने काम से काम रखती है सुबह आती है शाम का खाना बना कर वापस चली जाती है।
अब यह क्या हुआ.. क्यों दिलीप जी रोए आपको बाद में बताऊँगी पहले चलिए.. अपने राधे के हाल देख आते हैं।
नीरज और राधे सुबह नहा धोकर अपने कमरे में बैठे बातें कर रहे थे।
राधे- अबे क्या बात है साले.. कहाँ जा रहा है ऐसे चमकीले कपड़े पहन कर?
नीरज- अरे मैंने बताया था ना.. साला ये नौटंकी से पेट थोड़ी भरता है.. महीने में 10 दिन काम रहता है.. बाकी 20 दिन तो बाहर कहीं हाथ-पाँव मारने ही पड़ते हैं ना.. इसी लिए काम की तलाश में जा रहा हूँ यार..
राधे- अबे साले वो तो यहाँ हम सब ऐसे ही करते है.. तू कौन सा नया जा रहा है.. मगर ये ऐसे कपड़े पहन कर तू कौन सा काम करने जा रहा है.. ये तो बता मुझे?
नीरज- यार अब तुझे क्या बताऊँ.. यहीं पास में एक सेठानी रहती हैं.. उसके ड्राइवर ने 2 दिन पहले मुझे एक काम बताया था.. आज मैं वो ही करने जा रहा हूँ।
राधे- अबे साले कहाँ जा रहा है.. मैंने ये नहीं पूछा.. काम क्या है.. वो बता.. साला कब से बात को बस घुमाए जा रहा है..
नीरज- तू अपना काम कर.. सारी बात तुझे बताऊँ.. ये जरूरी है क्या.. साला दिमाग़ चाट गया मेरा..
नीरज वहाँ से निकल गया और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ने लगा। कुछ ही देर में वो एक बिल्डिंग के सामने जा कर रुका और किसी को फ़ोन लगाया।
दो मिनट उसने किसी से बात की.. शायद वो पता पूछ रहा था और फ़ोन रखने के बाद सीधा उस बिल्डिंग में दाखिल हो गया 8वें माले पर जाकर एक फ्लैट की उसने घन्टी बजाई।
थोड़ी देर में दरवाजा खुला तो एक 21 साल की लड़की.. जो दिखने में एकदम Indian Sexy Bollywood Actress Anushka Sharma जैसी लग रही थी.. काले रंग के मैक्सी टाइप के कपड़े उसने पहने हुए थे।
वो बस सवालिया नजरों से नीरज को देख रही थी।
नीरज- न..नमस्ते.. मेमसाब.. मेरा नाम नीरज है.. आपके ड्राइवर राजू ने मुझे यहाँ भेजा है।
वो लड़की कुछ नहीं बोली नीरज को वहीं रुकने का इशारा करके.. अन्दर चली गई। कुछ देर बाद एक 40 साल की मोटी सी औरत बाहर आई.. जिसका जिस्म एकदम बेढंगा था.. मोटी-मोटी जाँघें.. गाण्ड बाहर को निकली और लटकती हुई सी.. उसका सांवला रंग था।
ये राखी मेहता हैं.. एक हाउस-वाइफ.. और अभी जो आई थी.. वो इसकी बेटी नीतू थी। कोई नहीं कह सकता था कि ऐसी भद्दी औरत की ऐसी खूबसूरत बेटी होगी.. मगर यही सच्चाई थी।
राखी- तो तुम हो नीरज?
नीरज- जी..जी.. मैडम मैं ही हूँ..
राखी- पहले कभी मालिश की है किसी की.. और सब साफ-सफ़ाई भी करनी होगी.. सब पता है ना तुमको.. बाद में कोई झिक-झिक नहीं होनी चाहिए..
नीरज- जी..जी.. सब पता है.. मैं कर लूँगा..
राखी- ठीक है.. आ जाओ.. 1000 रुपये से एक पैसा ज़्यादा नहीं दूँगी… जाओ वो सामने वाला कमरा है.. वहीं हैं बाबूजी और बाथरूम में सब सामान रखा हुआ है.. ले लेना..
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