RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
मीरा- न..नहीं देखना मुझे.. तत..तुम जाओ यहाँ से.. मुझे कपड़े पहनने दो..
राधे- अब इस हाल में कहाँ जाऊँ.. अच्छा तुमको देखने में शर्म आ रही है.. लो मैं आँख बन्द करके सो जाता हूँ.. तुम देखना चाहो तो देख लो.. मैं सो रहा हूँ गुड़नाईट..
इतना कहकर राधे आँख बन्द करके सीधा सो गया.. उसने अपनी टाँगें फैला ली थीं और उसका लौड़ा कुतुबमीनार की तरह सीधा खड़ा होकर मीरा को सलामी दे रहा था।
काफ़ी देर तक मीरा लौड़े को एकटक देखती रही.. वो जानती थी कि राधे सोया नहीं है.. बस आँख बन्द करके पड़ा है.. मगर उसके आँख बन्द कर लेने से मीरा की शर्म कुछ कम हो गई थी, वो आराम से लौड़े को देख सकती थी।
दस मिनट तक मीरा वैसी की वैसी बैठी रही.. राधे ने भी कोई हरकत नहीं की.. अब लौड़ा भी धीरे-धीरे बैठने लगा था। थोड़ी देर में ही लौड़ा पूरी तरह मुरझा सा गया था.. जिसे देख कर मीरा ने मन ही मन कहा- अरे ये तो मुरझा गया.. लगता है राधे सच में सो गया है.. तभी तो लौड़ा भी सो गया.. अब मैं इसको टच करके देख सकती हूँ..
मीरा ने डरते-डरते राधे को आवाज़ दी.. मगर उसका कोई जबाव नहीं आया तो मीरा लौड़े को काँपते हाथों से छुआ.. उसको बड़ा अच्छा लगा.. अब वो थोड़ा खुलकर लंड को सहलाने लगी। उसकी चूत में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी।
मीरा के कोमल हाथ का कमाल था कि लौड़ा फिर तन कर उसको सलामी देने लगा। मीरा का मन ललचा रहा था.. दिल कर रहा था उसको छू लें.. मगर डर भी लग रहा था.. अब ये डर किस बात का था.. ये आप अंदाज़ा लगा सकते हो।
थोड़ी देर लौड़े को सहलाने के बाद मीरा से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने हल्के से अपने सुलगते नर्म होंठ लौड़े पर रख दिए और बस जीभ से सुपारे को पहले चूमा फिर चाटने लगी।
राधे बहुत हरामी था.. वो सोया नहीं था.. और सच भी है कि ऐसी क़यामत पास में नंगी बैठी हो.. तो कोई नामर्द ही सो सकता है। वो तो बस मीरा के खुलने का इन्तजार कर रहा था.. मगर अब भी वो चुप था, उसने भी ठान लिया था कि जब तक मीरा खुलकर पूरा लौड़ा ना चूस ले.. वो चुप ही पड़ा रहेगा।
जैसा राधे ने सोचा.. वैसा ही हुआ.. मीरा को लौड़े का स्वाद अच्छा लगने लगा, उसने सुपारे को पूरा मुँह में भर लिया। अब वो चुदासी हो उठी थी और मज़े से लौड़ा चूसने लगी थी।
राधे ने आँखें खोल दीं और मीरा को देखने लगा.. उसका लौड़ा कब से इसी लम्हे का इन्तजार कर रहा था.. अब उसको सुकून मिल रहा था..
मीरा को अपनी चुदास के चलते इस बात का होश ही नहीं था कि राधे उसको देख रहा है.. वो तो बस लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी।
लौड़ा मोटा होने के कारण उसको तकलीफ़ तो हो रही थी.. मगर लौड़े का स्वाद ही ऐसा था कि वो पूरा जड़ तक अन्दर लेकर मज़ा ले रही थी। अब उसकी चूत में भी करंट पैदा हो गया था.. उसकी चूत भी रिसने लगी थी। उधर राधे के लौड़े से भी हल्का पानी आना शुरू हो गया था.. उसका लौड़ा फूलने लगा था.. अब किसी भी पल वो झड़ सकता था।
बस यही वो पल था.. जब राधे झटके से बैठ गया और मीरा के सर पर हाथ रख कर नीचे से दो-तीन तगड़े झटके मीरा के मुँह में मारे.. उसके लौड़े से तेज़ गर्म वीर्य की धार.. सीधे मीरा के गले में जा लगी.. मजबूरन मीरा को पानी गटकना पड़ा..
एक मिनट तक राधे ने उसके सर को लौड़े पर दबा कर रखा.. जब तक की पूरा लौड़ा झड़ ना गया.. राधे अपने लण्ड को मीरा के हलक में फंसाए रहा।
जब राधे ने हाथ हटाया.. तो मीरा की जान में जान आई।
मीरा- उहह.. उहहुउ.. पागल हो क्या.. ओह्ह.. पानी मेरे पेट में चला गया..
राधे- जानेमन.. अब बस भी करो.. मैं सोया हुआ था.. तब तो बड़े प्यार से लौड़ा चूस रही थीं.. अब जब मेरा पानी निकलने का टाइम आया तो मुझसे रहा ना गया.. सॉरी.. अब ये लौड़े पर थोड़ा बचा हुआ पानी भी साफ कर दो ना.. प्लीज़..
मीरा के होंठों पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई.. उसने जीभ से चाट कर लौड़े को साफ कर दिया।
दरअसल उसकी उत्तेजना भी भड़क गई थी उसकी चूत में आग लगने लगी थी। अब नाराज़गी बनाए रखने में.. उसको अपना नुकसान दिखाई दे रहा था..
मीरा- लो.. मैंने तुमको माफ़ भी कर दिया और तुम्हारा लौड़ा साफ भी कर दिया.. अब सो जाओ.. रात बहुत हो गई है.. कल बात करेंगे।
राधे ने मीरा को पकड़ कर अपने से चिपका लिया और अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया।
राधे- थैंक्स मीरा.. तुमने मुझे सुकून दिया.. मगर मैं ख़ुदग़र्ज़ नहीं हूँ.. तुम्हारी चूत जो सेक्स की आग में जल रही है.. इसको ठंडा करना मेरा फर्ज़ है.. मैं तुमको ऐसे तड़पता हुआ कैसे छोड़ सकता हूँ..
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