RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
रोमा- मुझे पता था.. तुम आज चोदे बिना नहीं मानोगे.. आह्ह.. मगर इतना दर्द होगा.. ये नहीं सोचा था.. आह्ह.. अब हटो..
नीरज- अरे जान.. प्लीज़ जो दर्द होना था हो गया.. अब अधूरी चुदाई में क्या मज़ा प्लीज़.. अब थोड़ी देर साथ दे दो..
रोमा को लगा अब दर्द कम है और चुदाई का मज़ा लेने में क्या बुराई है.. तो उसने नीरज को ‘हाँ’ कह दी।
अब नीरज आधे लौड़े को अन्दर-बाहर करने लगा.. रोमा को दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था.. तो अब वो भी मज़े लेने लगी..
रोमा- आह्ह.. आई.. जानू आह्ह.. उंगली से आह्ह.. ज़्यादा लंड से मज़ा आ रहा है.. आह उई चोदो आह्ह.. आई…
नीरज- मेरी जान अब थोड़ा सा दर्द और होगा.. बस उसके बाद तुम हमेशा के लिए दर्द मुक्त हो जाओगी.. आह्ह.. पूरा घुसा रहा हूँ.. उसके बाद मज़े ही मज़े हैं।
रोमा- आह आईईइ.. अब जब आह आधा लौड़ा आह्ह.. इतना मज़ा दे रहा है.. तो आह्ह.. पूरा घुसा दो.. मैं दाँत भींच रही हूँ.. आह्ह.. घुसा दो आह्ह..
नीरज ने कमर को पीछे किया और ‘घाप’ से लौड़ा चूत की गहराई में घुसा दिया.. रोमा ना चाहते हुए भी चीख पड़ी।
रोमा- आह जानू नहीं आआह्ह.. मर गई रे आह.. मम्मी आह उईईइ..
नीरज अब स्पीड से लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा ताकि जल्दी से चूत में सैट हो जाए और रोमा का दर्द कम हो।
दस मिनट तक रोमा चीखती-चिल्लाती रही और नीरज चुदाई में लगा रहा और साथ ही साथ रोमा के मम्मों को चूसता रहा।
रोमा- आ आह्ह.. नीरज आह्ह.. मेरे जानू आह्ह.. अब थोड़ा दर्द कम हुआ आह्ह.. आई.. मेरी चूत में.. आह्ह.. अब गुदगुदी शुरू हो गई है.. आह्ह.. ज़ोर से करो आह्ह..
नीरज- उहह उहह.. मेरी जान आह्ह.. तुम झड़ने वाली हो.. आह्ह.. मेरा भी कंट्रोल नहीं हो रहा.. आह्ह.. बस आ गया.. आह्ह.. ले उहह.. उहह..
नीरज के लौड़े से वीर्य की पिचकारी रोमा की चूत में जब गई.. उसके गर्म अहसास से रोमा की चूत भी बहने लगी। अब दोनों ही मस्ती में झड़ने लगे थे।
जब नीरज अलग हुआ तो उसका लंड वीर्य और खून से सना हुआ था.. चादर भी खराब हो गई थी.. जिसे देख कर रोमा घबरा गई..
रोमा- ओह माँ.. ये क्या किया आपने.. मेरी चूत फाड़ दी.. उउउह.. देखो कितना खून निकला है.. उउउहह..
नीरज- अरे अरे जान.. रो मत.. कुछ नहीं हुआ.. बस सील टूटने पर ये खून आया है.. ये तो सगुन का लाल रंग है जान.. सच्ची.. कुछ नहीं हुआ..
रोमा को बहुत देर तक नीरज समझाता रहा.. जब जाकर उसकी समझ में बात आई और नीरज ने थोड़ी छेड़खानी भी उससे की.. कि वो कैसे लास्ट में गाण्ड उठा कर चुद रही थी।
रोमा- धत्त.. आप बहुत बेशर्म हो.. जाओ.. मुझे आपसे बात नहीं करनी।
नीरज- ठीक है मत करो बात.. मगर चुदवा तो लोगी ना..
रोमा- नहीं कभी नहीं.. तुम बहुत बदमाश हो..
रोमा जब उठने लगी.. उसको चूत में बहुत दर्द हुआ और उसके मुँह से हल्की चीख निकल गई।
नीरज- अरे मेरी जान.. अब तुम कुँवारी कली नहीं हो.. जो ऐसे उठ रही हो.. अब तो पका हुआ पपीता बन गई हो.. आज थोड़ा आराम से उठो.. उसके बाद तो तुम्हारी चाल ही बदल जाएगी।
रोमा- आह्ह.. मरवा दिया ना.. आह्ह.. अब घर कैसे जाऊँगी मैं आह्ह..
नीरज- अरे डर मत.. कुछ नहीं होगा.. बस थोड़ी देर दर्द होगा.. बाद में एकदम ठीक हो जाओगी..
नीरज ने रोमा को पकड़ कर बाथरूम तक जाने में मदद की..
रोमा के पैर ज़मीन पर बराबर नहीं टिक रहे थे.. उसको बहुत दर्द हो रहा था- आह्ह.. आपने तो मेरी हालत बिगाड़ दी.. अब आ घर कैसे जाऊँगी?
नीरज- अरे मैंने कहा ना.. कुछ नहीं होगा चलो.. मैं तुम्हें अन्दर ले जाता हूँ।
नीरज उसको अन्दर ले गया और बड़े प्यार से उसको बैठा दिया.. उसकी चूत को पानी से साफ करने लगा..
रोमा- आह्ह.. आराम से.. दर्द होता है.. उई तुम भी अपना लौड़ा साफ कर लो.. कैसे गंदा हो गया है..
नीरज- तो तुम ही कर दो ना.. मेरी जान.. देख क्या रही हो..
रोमा भी लौड़े को साफ करने लगी.. नीरज चूत को अच्छे से साफ कर रहा था। उंगली अन्दर तक घुसा कर चूत को साफ कर रहा था.. जिससे रोमा को दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था।
रोमा- आह्ह.. उई.. धीरे से मेरे जानू.. आह्ह.. उई.. आज तो मम्मी मेरी जान ले लेगी.. उनको पता चल जाएगा..
नीरज- एक तरीका है.. जिससे पूरा दर्द निकल जाएगा.. मगर तुम उस बात को मानोगी नहीं।
रोमा- मान लूँगी मेरे जानू.. तुम बताओ तो सही.. क्या तरीका है..?
नीरज- ठीक है.. बताता हूँ.. पहले तौलिया से अच्छे से चूत साफ कर लो..
रोमा- तुम बाहर जाओ.. मुझे बाथरूम करना है.. उसके बाद जो तरीका है.. बता देना..
नीरज उसकी बात मान कर बाहर आ जाता है और बिस्तर को ठीक करने लगता है.. उसके चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी थी और होगी क्यों नहीं.. कच्ची चूत को जो चोदा था उसने..।
हैलो दोस्तो, मज़ा आ रहा है ना.. आना भी चाहिए.. यहाँ का खेल तो देख लिया.. चलो थोड़ा घूम कर आते हैं। अरे नहीं नहीं.. कोई नई जगह नहीं… अपने राधे के पास ही चलते हैं।
राधे- ममता बहुत भूख लगी है यार.. कुछ खाने का बंदोबस्त कर ना..
ममता- अभी लो मेरे राजा जी.. लेकिन पहले नहा कर अपने कपड़े पहन लेती हूँ.. बीबी जी आने वाली हैं।
राधे- ठीक है तब तक मैं थोड़ा सो लेता हूँ.. थक गया हूँ यार..
ममता- बस अभी नहा कर खाना बना देती हूँ आप आराम करो..
ममता उठ कर चली गई और राधे वहीं पड़ा रहा।
दोस्तो, यहाँ भी कुछ नहीं है.. वहाँ भी कुछ नहीं है.. तो चलो आपको एक नई जगह ले चलती हूँ.. बाद में भी वहाँ जाना होगा.. तो अभी फ्री समय में थोड़ा देख आते हैं।
दोस्तो, अब वक़्त आ गया है आपको टीना के बारे में बताने का.. यह तो आप जानते हो कि टीना और रोमा दोस्त हैं मगर यह टीना कौन है और कहानी में इसका क्या किरदार है यह आपको बताती हूँ।
टीना का पूरा नाम है टीना यादव.. इसके पापा राजेश यादव साउथ अफ्रीका में किसी कम्पनी में जॉब करते हैं.. जो 2 साल में एक बार आते हैं 2 महीने रुक कर वापस चले जाते हैं।
माँ सुमीता यादव बहुत सीधी-शादी घरेलू औरत है.. और टीना का बड़ा भाई आयुष एक सीधा-साधा लड़का है.. वो अपनी बहन टीना से बहुत प्यार करता है, इन दोनों के बीच दोस्तों जैसा रिश्ता है।
आप सोच रहे होंगे कि मैं यह क्या बता रही हूँ.. कहानी को कहाँ से कहाँ ले गई हूँ.. तो दोस्तो, माफ़ करना.. मगर ये सब बताना जरूरी था.. क्योंकि इन सब बातों का कहानी से बहुत गहरा सम्बन्ध है।
चलो अभी इतना जान लिया.. यही काफ़ी है.. अब वापस रोमा और नीरज का हाल जान लेते हैं।
रोमा बाथरूम से बाहर आई तो नीरज बस उसको देख कर मुस्कुरा रहा था।
रोमा- हाँ हंस लो.. मेरा हाल से बेहाल हो गया है।
नीरज- अरे मेरी भोली रोमा.. मैं हंस नहीं रहा हूँ.. तुम्हें देख कर खुश हो रहा हूँ.. आ जाओ मेरे पास.. अब देखो तुम ठीक से चल पा रही हो।
रोमा- नहीं अभी भी दर्द है.. तुम कौन सा तरीका बता रहे थे।
नीरज- मेरी जान तुम बिस्तर पर आओ तुम्हें बताता हूँ।
रोमा उसके पास चली गई तो नीरज ने उसको एक चुम्बन किया और उसके बालों को सहलाने लगा।
रोमा- यह क्या कर रहे हो.. मुझे वो तरीका बताओ ना.. जिससे मेरा दर्द कम हो जाए?
नीरज- मेरी जान अगर तुम्हारी चूत को में जीभ से हल्के-हल्के चाटूं तो इसका दर्द कम हो जाएगा।
रोमा- तो इतना सोच क्या रहे हो.. चाट लो ना.. मुझे बस दर्द कम करना है प्लीज़..
नीरज ने रोमा को लेटा दिया और उसकी चूत को देखा.. थोड़ी सूज कर लाल हो गई थी.. उसने अपने होंठ चूत पर रख दिए और आराम से चाटने लगा।
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